बात जब औरतों की होती है तब हम नाजुक, कमजोर, शांत, भावुक, कोमल जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जब आप ‘‘सीमा भवानी” की जांबाजी देखेंगे तो ये शब्द आपको खुद में कमजोर और हलके लगने लगेंगे. अब आप सोच रहे होंगे कि ये सीमा भवानी है क्या? बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स मतलब बीएसएफ का एक ऐसा दस्ता, जिसमें पुरुष नहीं, सिर्फ महिलाएं हैं.
चलिए आपको थोड़ा फ्लैश बैक में ले चलते हैं.
देश के 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मतलब 26 जनवरी 2018 को आयोजित परेड में दिल्ली के राजपथ पर भारी-भरकम मोटरसाइकिल पर सवार होकर कुछ महिला सुरक्षाकर्मी करतब दिखा रही थीं. कभी एक बाइक पर 10 महिला सुरक्षाकर्मी सवार. तो कभी पिरामिड, फिश राइडिंग, शक्तिमान, बुल फाइटिंग, जैसे हैरत अंगेज करतब दिखाती ये महिलाएं उसी ‘‘सीमा भवानी’’ दल का हिस्सा थीं.
जब 350 सीसी की 26 रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एरोबेटिक्स का ये महिलाएं कमाल दिखा रहीं थी उस वक्त 10 देशों के नेता और शासनाध्यक्षों भी राजपथ पर मौजूद थे.
आइए बताते हैं उस दल की खासियत
26 जनवरी 2018 को उस दल का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर स्टेंजीन नोरयांग कर रही थीं. उस रोमांचक प्रदर्शनों की श्रृंखला में सीमा सुरक्षाबल की 106 महिला कर्मियों ने 26 मोटर साइकिलों पर करतब दिखाए. उनके करतबों ने परेड देखने पहुंचे बच्चों-बूढ़ों सभी में रोमांच भर दिया.
सीमा सुरक्षाबल की मोटरसाइकिल सवार टीम ‘सीमा भवानी’ मोटर ट्रांसपोर्ट सेंटर स्कूल की स्थापना ‘बीएएसएफ अकादमी टेकनपुर' में 20 अक्तूबर 2016 को की गई थी. ‘सीमा भवानी' का यह बल ‘बीएसएफ अकादमी टेकनपुर' के स्वर्ण जयंती समारोह और नई दिल्ली में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' पर भी अपने साहसिक करतब दिखा चुका है.
इस महिला दिवस पर देखिए सीमा भवानी की योद्धाओं की खास तस्वीरें.
(लड़कियों, वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर. इस महिला दिवस पर जुड़िए क्विंट के 'अब नारी हंसेगी' कैंपेन से. खाइए, पीजिए, खिलखिलाइए, मुस्कुराइए, कुल मिलाकर खूब मौज करिए और ऐसी ही हंसती हुई तस्वीरें हमें भेज दीजिए buriladki@thequint.com पर.)
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