सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सेना में गे स्वीकार्य नहीं हैं. जनरल रावत ने कहा कि हम अभी भी उनके साथ आर्मी एक्ट की अगल-अलग धाराओं के आधार पर डील कर रहे हैं.
रावत ने गुरुवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं.
तालिबान के साथ बातचीत पर सेना प्रमुख का जवाब
जनरल रावत ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ बातचीत को लेकर कहा है कि हम इससे अलग नहीं हो सकते हैं. तालिबान से अमेरिका और रूस की बातचीत पर जनरल रावत ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हमारे हित हैं. हम इससे अलग नहीं हो सकते.''
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह स्थिति जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं की जा सकती, राज्य में हमारी शर्तों पर ही बातचीत होगी. जनरल रावत ने गुरुवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं.
हुर्रियत के साथ बातचीत पर ये बोले जनरल रावत
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर जनरल रावत ने कहा कि वहां स्थिति सुधारने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए हम केवल को-ऑर्डिनेटर हैं.''
हुर्रियत के साथ बातचीत के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ''हमारा रुख बेहद साफ है कि बंदूक से दूर रहो और पश्चिमी पड़ोसी से मदद लेना बंद करो. बातचीत सिर्फ तभी हो सकती है, जब वे हिंसा से दूर रहेंगे.''
‘सेना ने चीन और पाक से लगी सीमाओं को अच्छे से संभाला’
जनरल रावत ने कहा कि सेना ने चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला है. उन्होंने कहा, ''हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति बेहतर तरीके से संभाली है. चिंता की कोई बात नहीं है.''
‘भारतीय सेना जानबूझकर आम नागरिक को नहीं बनाती निशाना’
सेना प्रमुख ने कहा, ''भारतीय सेना जानबूझकर किसी को निशाना नहीं बनाती है. मगर हमें पता है कि उस धरती (पश्चिमी पड़ोसी) से आतंकी सीमा पार करने की कोशिश करते हैं. ऐसे में हमारे लिए एक आम नागरिक और आतंकी के बीच की पहचान बेहद मुश्किल होती है.''
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)