ADVERTISEMENTREMOVE AD

कृषि कानूनों की वापसी पर योगेंद्र यादव ने कहा-अभी संघर्ष खत्म नहीं हुआ

तीनों कानूनी की वापसी को योगेन्द्र यादव ने किसानों की जीत बताया

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापसे लेने के ऐलान के बाद विपक्ष सहित किसान नेताओं की भी प्रतिक्रिया आ रही है. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि श्री गुरुनानक देव ने कहा था कि कीरत करो यानी ईमानदारी की मेहनत से कमाकर खाओ...आज उनके प्रकाशोत्सव के दिन कीरत करने वाली किसानों की जीत हुई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'ये जीत किसी नेता और मोर्चे की नहीं'- योगेंद्र यादव

आज की जीत किसी एक नेता और मोर्चे की नहीं, यह उन लाखों करोड़ों किसानों की जीत है, जिन्होंने पिछले एक साल में अपने दुख-सुख, गर्मी-सर्दी, बरसात की परवाह किए बिना मोर्चों पर डट कर पहरेदारी की. ये उन 700 से एक अधिक शहीदों को श्रृद्धांजलि हैं, जिन्होंने अपनी जान इस आंदोलन के लिए लगाई.
उन्होंने कहा कि ये एतिहासिक जीत है क्योंकि किसानों ने बता दिया है कि उसे इतिहास के कूड़े में नहीं डाला जा सकता. किसान इस देश के इतिहास और अतीत नहीं, बल्कि इस देश के भविष्य का भी हिस्सा है.
0

'ये जीत अभी अधूरी है'

योगेंद्र यादव ने कहा कि आज अहंकार का सर नीचा हुआ है. वो सरकार जो संविधान की बात नहीं सुनती थी, कानून की बात नहीं सुनती थी, इंसानियत देखने को नहीं तैयार थी, किसानों के दुख-सुख को देखने के लिए तैयार नहीं थी, अंततः उसे किसानों के हिम्मत के कारण झुकना पड़ा.

योगेन्द्र यादव ने आगे कहा कि चुनाव के कारण ही सही लेकिन लोकतंत्र की जीत हुई है. लेकिन दोस्तों ये जीत अभी अधूरी है, हमारी दो बड़ी मांगें थी:

पहली माग थी कि तीन काले कानूनों को खत्म किया जाय, साथ ही हमने कहा था कि हमें मेहनत का पूरा दाम मिले, न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग, जो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 में उठाई थी, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उसकी कानूनी गारंटी मिले ,हम येभी चाहते हैं.
योगेन्द्र यादव
ADVERTISEMENTREMOVE AD

'अभी गया नहीं है अहंकार'

योगेन्द्र यादव ने कहा कि मुसीबत तो सर से टल गई, लेकिन देश का किसान पूछता है, कि मुझे हासिल क्या हुआ? इसका संघर्ष जारी रहेगा. संघर्ष का स्वरूप क्या होगा संयुक्त किसान मोर्चा मिलकर तय करेगा. मोर्चे का जो भी फैसला है हम सबके सर माथे पर रहेगा. लेकिन याद रखिए अहंकार अभी गया नहीं है. चालाकियां और तिकड़म अभी खत्म नहीं हुई हैं.

अंत में उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि संघर्ष जारी रखना है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×