ADVERTISEMENTREMOVE AD

औरतों के लिए करवाचौथ की थाली टैक्स फ्री, पर सैनिटरी नैपकिन नहीं!

पिज्जा ब्रेड, चाय-काॅफी से दुगना टैक्स सैनिटरी नैपकिन पर वसूलेगी सरकार.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जीएसटी (GST) 1 जुलाई से लागू किया जाना है. काउंसिल ने लगभग सभी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स तय कर दिया है. 18 मई 2017 को हुई बैठक के बाद जारी की गई रेट लिस्ट में सभी वस्तुओं (सेवाओं नहीं) को लेकर टैक्स की दर बताई गई है.

सैनिटरी नैपकिन पर 12 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया है.

रेट लिस्ट के मुताबिक करवाचौथ की थाली को तो सरकार टैक्स फ्री कर सकती है पर आपके सैनिटरी नैपकिन को नहीं!

लिस्ट के अनुसार कुमकुम, बिन्दी, सिंदूर और आलता को NIL कैटेगरी में रखा गया है. प्लास्टिक की चूड़ियां भी इसी कैटेगरी का हिस्सा हैं. इनपर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यानी सरकार को लगता है कि औरतों के लिए करवाचौथ की थाली उनके हेल्थ और हाइजीन से ज्यादा जरुरी है! औरतों के स्वास्थ्य से जुड़ी इतनी अहम चीज को सरकार नजरअंदाज कर रही है.

पिज्जा ब्रेड, चाय-काॅफी से दुगना टैक्स सैनिटरी नैपकिन पर वसूलेगी सरकार.
(फोटो: द क्विंट)

सरकार पिज्जा ब्रेड, चाय-काॅफी से दुगना टैक्स सैनिटरी नैपकिन पर वसूलेगी .

इस मसौदे में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 28 फीसदी के स्लैब के तहत कॉन्डम, कॉन्ट्रासेप्टिव (निरोध और गर्भनिरोधक) को जीएसटी रेट स्लैब में NIL कैटेगरी में रखा गया है. इन्हें लेकर सरकारी कैंपेन चलाकर लोगों को जागरूक किया जाता रहा है. जाहिर है अधिक से अधिक लोगों की पहुंच बनाने के लिए इन पर टैक्स नहीं लगाने का फैसला लिया गया.

मगर औरतों के हाइजीन की बात सरकार नहीं कर रही.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

औरतों की सरकार से अपील

एक तो पहले से ही हमारे देश में पीरियड्स से जुड़े कई टैबू हैं जिन्हें खत्म करना चाहिए. सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जिस देश में 88 फीसदी औरतें यानी 35.5 करोड़ औरतें अब भी पीरियड्स के दौरान सैनिटरी नैपकिन की बजाय कपड़े के टुकड़े, राख, लकड़ी की छीलन और फूस इस्तेमाल करती हैं, ऐसे में इसे इतना सस्ता करना चाहिए कि सभी औरतें इस्तेमाल कर सकें.

साल 2014 की एक स्टडी कहती है कि उड़ीसा में पीरियड्स शुरू होने पर 23 फीसदी लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं.

औरतें सरकार से अपील कर रही हैं कि सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी टैक्स के दायरे में लाकर आम लोगों की पहुंच से बाहर न किया जाए.

#लहू का लगान

अप्रैल में सोशल मीडिया पर 'शी सेज' नाम की एक संस्था ने 'लहू का लगान' (#LahukaLagaan) नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की थी जिसमें सैनिटरी नैपकिन को टैक्स फ्री करने का मुद्दा उठाया गया था.

इसे आम लोगों से लेकर एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी, स्वरा भास्कर, बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गट्टा जैसी सेलेब्रिटीज ने बुलंद आवाज में सपोर्ट किया.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और सांसद सुष्मिता देव पहले ही सैनिटरी नैपकिन को सस्‍ता करने की सिफारिश कर चुकी हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

केरल सरकार की अच्छी पहल

एक ओर सरकार के इस फैसले को लेकर हलचल मची है तो वहीं 17 मई को केरल सरकार ने इसे लेकर एक अच्छी शुरुआत की है. सरकार की ओर से हर स्‍कूल में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाया जाएगा. ऐसा करने वाला यह देश का पहला राज्‍य बन गया है. ये नियम हायर सेकेंडरी स्‍कूलों में लागू होगा. सरकार शी पैड (she pad) के तहत साफ-सुथरे सैनिटरी नैपकिन स्कूल की लड़कियों को देगी. साथ ही नैपकिन डेस्ट्रॉयर (जिससे इस्तेमाल किए गए नैपकिन को डिस्पोज किया जा सकता हो) भी देगी.

पांच सालों तक इस स्कीम को चलाए जाने की कीमत 30 करोड़ रुपये होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×