पार्ट-1
सड़क किनारे एक महिला जमीन पर बैठी है. एक तगड़ा सा शख्स उसे पीट रहा है. कभी वो उसे चांटा मारता है, कभी लातें बरसाता है. महिला दर्द से कराहती रहती है. उस शख्स के साथी भी महिला को मारते हैं. ये शख्स है नरोडा का बीजेपी विधायक बलराम थावाणी. पिटने वाली महिला का नाम है नीतू तेजवानी. महिला एनसीपी की कार्यकर्ता हैं और वो कुछ महिलाओं के साथ विधायक के पास पानी की सप्लाई में दिक्कत की शिकायत लेकर आई थीं. महिला आरोप लगाती है कि विधायक ने उससे न कोई सवाल पूछा, न कोई बात कहीं, सीधे पीटने लगा.
पार्ट-2
सरेआम महिला की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो बलराम ने कहा - जोश में मार दिया. मेरी ऐसी मंशा नहीं थी. बस महिला को पैर लग गया. लेकिन वीडियो विधायक के झूठ की पोल खोल रहा था. हंगामा मचा तो बीजेपी चौकन्नी हो गई. गुजरात बीजेपी ने बयान जारी कर कहा कि ये शर्मनाक है. साथ में जोड़ा कि बलराम से माफी मांगने के लिए कहा गया है. तब तक महिला विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराती है. देश के पीएम नरेंद्र मोदी से पूछती है -महिलाएं आपकी सरकार में कितनी सेफ हैं?
पार्ट 3
अस्पताल से नीतू घर पहुंचती है. पीछे-पीछे विधायक बलराम भी उसके घर पहुंचता है. महिला से राखी बंधवाता है और कहता है- ‘वो मेरी छोटी बहन है. वो कहता है - समाधान हो गया है हंसते-हंसते. समाज के बड़े लोगों ने बैठकर समाधान करवा दिया है. कोई गिला सिकवा पहले भी नहीं था. अभी भी नहीं है. ’
महिला ने भी मीडिया को बताया -“उन्होंने कहा है- ‘तुम्हारी जगह अगर मेरी छोटी बहन होती तो क्या मामला उछालती. मैं तुम्हें बहन मानता हूं, और बहन की तरह ही तुम्हें थप्पड़ मारा था. मेरी कोई और मंशा नहीं थी.' मैंने उनको भाई मान लिया है. ‘’
रिपोर्टर सवाल पूछते हैं - कोई बहन को ऐसे थप्पड़ मारता है क्या?
महिला कहती है - वो बड़े भाई हैं, इसमें कोई दिक्कत नहीं हैं.
रिपोर्टर पूछते हैं - FIR वापस लेंगी?
महिला पास खड़े शख्स की तरफ देखने लगती है.
सवाल
- क्या कोई भाई सड़क पर अपनी बहन को लात-घूंसों से मारता है?
- कल अगर कोई भाई अपनी बहन को सड़क पर पीटे और कहे कि वो तो मेरी बहन है. मैंने गुस्से में मार दिया तो क्या ये समाज को स्वीकार होगा?
- एक ऐसे देश में जहां महिलाओं पर घर से बाहर तक जुल्म अब भी जारी है, वहां नेताओं का ऐसा बर्ताव क्या मैसेज दे रहा है?
- क्या भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के प्रतीक राखी को सियासी हथकंडे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है?
क्या सुलह के लिए महिला पर कोई दबाव डाला गया? क्योंकि सुलह के बारे में बताते हुए महिला के शब्द चाहें जो हों लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज कुछ और कह रही थी. चेहरे पर खीझ थी. उलझन थी. परेशानी थी.
- बहू-बेटियों की सुरक्षा पर बोल-बोलकर गला खराब करने वाली बीजेपी क्या अपने विधायक को माफी मांगने के लिए कहकर या नोटिस भेजकर ही शांत हो जाएगी?
- क्यों नहीं बीजेपी महिला के साथ ऐसी कायराना हरकत करने वाले विधायक को सजा देती? उसे पार्टी से क्यों नहीं निकालती?
- मारपीट सड़क पर हुई. वीडियो सबके सामने है. क्या ये सब देखकर भी कानून चुप रहेगा?
और सबसे बड़ा सवाल - जिस तरह महिला की पिटाई देखकर भी आसपास खड़े लोग मूक दर्शक बने हुए थे वैसे ही गुजराती प्राइड की बात करने वाली गुजरात की जनता सरेआम एक महिला की बेइज्जती को चुपचाप बर्दाश्त कर लेगी?
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