राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बाद चुनाव ने माहौल गर्म कर दिया है. सभी पार्टियों ने दिल्ली का दिल जीतने के लिए पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है. लेकिन इस बार दिल्ली का चुनाव थोड़ा अलग दिखा, यहां सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी इस बार काम के नाम पर वोट के आइडिया से मैदान में उतरी. इसके साथ ही अन्य पार्टियों पर भी दबाव बनाया गया कि दिल्ली में तो सिर्फ काम की बात होगी. ऐसा हुआ भी, लग रहा था कि इस चुनाव में जमीनी मुद्दे ही सबसे अहम होंगे. लेकिन अमित शाह ने दिल्ली में ये भ्रम तोड़ दिया.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेकर हाल ही में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जो बीजेपी धर्म-जाति और अन्य मुद्दों पर वोट मांगती है वो इस बार काम की बात कर रही है. दिल्लीवालों ने राजनीति को बदलकर रख दिया है. लेकिन केजरीवाल का ये भ्रम कुछ ही घंटों बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में टूट गया. यहां एक बार फिर उन मुद्दों की बात हुई, जिन्हें आपने 2019 लोकसभा चुनाव, हरियाणा चुनाव, झारखंड चुनाव और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में सुना होगा.
अमित शाह ने दिल्ली चुनावों में एक बार फिर सेना के जवानों, सर्जिकल स्ट्राइक, कश्मीर, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दों का जिक्र किया. उन्होंने दिल्ली में ‘जीत की गूंज’ नाम के एक कार्यक्रम में टुकड़े-टुकड़े गैंग का ‘असली’ मतलब भी बता दिया.
दिल्ली चुनाव में 'सर्जिकल स्ट्राइक'
अब तक आपने अमित शाह के मुंह से लोकसभा चुनाव और बाकी राज्यों के चुनावों में सैकड़ों बार भारतीय सेना की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र सुना होगा. लेकिन अब दिल्ली चुनाव में भी सर्जिकल स्ट्राइक की गूंज सुनाई दी है. सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि हमने 10 दिन के भीतर आतंकियों को घर में घुसकर मारा. अमित शाह ने कहा,
“10 साल तक सोनिया-मनमोहन की सरकार चली, यूपीए की सरकार चली. पाकिस्तान के आतंकवादी देश में घुसते थे और हमारे जवानों के सिर काटकर ले जाते थे, लेकिन मौनी बाबा के मुंह से उफ्फ तक नहीं निकलती थी. 2014 के बाद उरी और पुलवामा में हमला हुआ. 10 दिन के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकियों का सफाया किया. ये सर्जिकल स्ट्राइक मोदी जी को करनी चाहिए थी या नहीं?”अमित शाह
दिल्ली की जनता को सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिलाने के बाद अमित शाह ने कश्मीर का मुद्दा भी छेड़ दिया. उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों की इच्छा थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन जाए. जवाहरलाल नेहरू आर्टिकल 370 को रखकर गए थे, किसी की हिम्मत नहीं थी कि इसे हटा दे. इन लोगों ने वोट बैंक की राजनीति कर उसे नहीं हटाया. मोदी जी ने धारा 370 हटाई, 35ए हटाया, लेकिन ये उसका विरोध करते हैं.
दिल्ली चुनाव में सुनाई दी भव्य मंदिर की गूंज
अमित शाह ने ऐसा बोलते हुए सीधा बताया कि दिल्ली की जनता को इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए भी बीजेपी की तरफ देखना चाहिए. लेकिन अभी दिल्ली चुनाव में एक और मुद्दे की एंट्री बाकी थी. वो मुद्दा जिसका इस्तेमाल पिछले करीब 30 सालों से राजनीति में हो रहा है. वो है राम मंदिर का मुद्दा. शाह ने राम मंदिर निर्माण को लेकर भी मोदी सरकार की तारीफ की और कहा कि ये लोग इसका भी विरोध कर रहे हैं. शाह ने कहा,
“साढ़े पांच सौ साल से इस देश का हर व्यक्ति चाहता था कि अयोध्या के अंदर जहां प्रभु श्रीराम जन्मे थे, वहां भव्य मंदिर का निर्माण हो. सुप्रीम कोर्ट में तारीख पे तारीख-तारीख पे तारीख लगती थी. मोदी जी की सरकार आई सुप्रीम कोर्ट ने केस चलाया किसी की नहीं सुनी और जजमेंट दिया कि वहां पर एक भव्य राम मंदिर बनेगा. मैं आपको बताना चाहता हूं चार महीने के अंदर आसमान को छूने वाले राम मंदिर का निर्माण शुरू होने वाला है.”अमित शाह
देश में लोकसभा चुनाव के दौरान एक बात की चर्चा हर जगह थी, कि देश खतरे में है. लोग सोशल मीडिया पर ये मैसेज फैला रहे थे कि अगर मोदी सरकार नहीं आती है तो देश को पड़ोसी मुल्कों से खतरा पैदा हो सकता है. देश सुरक्षित रखने का हवाला दिया जा रहा था. अब शाह ने दिल्ली चुनाव में भी साफ किया है कि देश और दिल्ली को सिर्फ नरेंद्र मोदी ही सुरक्षित रख सकते हैं. शाह ने अपने भाषण में कहा,
"कांग्रेस, सपा-बसपा, केजरीवाल ने पूरे देश में दंगे कराए. देश को असुरक्षित कराया. ये अभी भी कहते हैं कि हम शाहीन बाग के साथ हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली को सुरक्षित नहीं रख सकती है. देश और दिल्ली को सिर्फ नरेंद्र मोदी ही सुरक्षित रख सकते हैं."
‘गृहमंत्रालय ने कहा- पता नहीं, अमित शाह ने दिया जवाब’
इन सभी मुद्दों के अलावा बीजेपी नेताओं और खुद अमित शाह के भाषणों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला शब्द टुकड़े-टुकड़े गैंग का भी एक और बार जिक्र हुआ. लेकिन इस बार अमित शाह ने लोगों को ये भी बता दिया कि ये लोग आखिर कौन हैं? आरटीआई के जवाब तो गृहमंत्रालय ने साफ कह दिया था कि उसे नहीं पता है कि ये टुकड़े-टुकड़े गैंग कौन है. लेकिन भले ही गृहमंत्रालय को पता न हो, पर गृहमंत्री को अच्छी तरह पता है कि ये कौन हैं. अमित शाह ने दिल्ली में कहा,
“जो देश के अंदर वोट बैंक की राजनीति करते हैं वो मुझसे टुकड़े-टुकड़े गैंग की परिभाषा पूछते हैं. दो साल पहले जेएनयू में नारे लगे थे- भारत तेरे टुकड़े होंगे एक हजार-एक हजार. इसका समर्थन करने वाले, आप पार्टी, ममता बनर्जी, कांग्रेस, सपा-बसपा सब लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग हैं. एक बार बीजेपी की सरकार बना दो, दूसरे ही दिन इन टुकड़े-टुकड़े वालों के खिलाफ चार्जशीट होगी.”अमित शाह
दिल्ली चुनाव में जमीनी मुद्दों की चर्चा की जगह अमित शाह ने पहली बार सेना, पाकिस्तान और अन्य मुद्दों की चर्चा नहीं की. उनसे पहले उनकी पार्टी के ही उम्मीदवार कपिल मिश्रा भी दिल्ली चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री करवा चुके हैं. उन्होंने तो चुनाव को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मुकाबला तक बता दिया था. अब चाहे जो भी कहें नेताओं का काम तो वोट पाना है, फिर चाहे वो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे जरूरी मुद्दों पर चर्चा करके आएं या फिर पाकिस्तान, सेना और मंदिर जैसे मुद्दों से... अब ये तो जनता ही तय करेगी कि किन मुद्दों से उन्हें सरोकार है.
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