बजट के पहले निवेशकों को क्या करना चाहिए? अभी पैसा लगाएं या रुक जाएं? अभी रुकें या चुनाव तक ही रुक जाएं? ये ऐसे सवाल हैं जो अगर किसी के मन में उठ रहे हैं तो बिलकुल सही है. पैसा बचाना और कमाना है तो ऐसे सवाल उठना और उनका जवाब बहुत जरूरी है.
ऐसे मुश्किल वक्त में कौन से शेयर खरीदें? मिडकैप-स्मॉलकैप में क्या करें? बजट में शेयर बाजार को क्या मिल सकता है.
इन सभी सवालों के सिलसिलेवार जवाब दिए हैं जाने माने निवेशक बसंत माहेश्वरी ने.
बजट का कितना असर होगा?
महेश्वरी के मुताबिक बजट का असर 2-3 दिन में खत्म हो जाएगा. मौजूदा सरकार का आखिरी बजट है. इसलिए सरकार लोगों को नाखुश भी नहीं कर सकती.
4-5 साल में मिडिल क्लास को कुछ नहीं मिला है. कारोबारी GST से परेशान हैं, इसलिए बजट सिर्फ राजनीतिक डॉक्यूमेंट रहेगा. बजट का कोई खास असर नहीं पड़ेगा. अगर बजट में बड़ी बड़ी बातें कही जाती हैं और किसी खास सेक्टर को फायदा होता दिखता है, तो इस बात की गारंटी नहीं कि वो आगे अमल में आएया या नहीं,
GST आने के बाद से बजट का ज्यादा महत्व नहीं रह गया है. ये आखिरी बजट है इसलिए बाजार की ज्यादा उम्मीदें नहीं है. इस बार वोट ऑन अकाउंट है इसलिए कुछ खास होने की उम्मीद कम है.
सरकार की कोशिश क्या होगी?
बजट में ग्रोथ पर फोकस रखा जाएगा, क्योंकि सरकार बाजार को चुनाव के 3 महीने पहले गिरने नहीं देगी. कुछ ऐसा जरूर होगा कि बाजार संभला रहे. वही शेयर चलेंगे जो चलते आए हैं इसलिए निवेशकों को बड़े शेयरों पर ही फोकस रखना चाहिए.
ध्यान रखें
अगर आप निवेश करने से पहले नई सरकार का इंतजार करेंगे तो फिर शेयरों के भाव वैसे ही मिलेंगे. बाजार बहुत होशियार होता है. बाजार मानकर चल रहा है कि ये सरकार लौटकर आएगी, लेकिन कम सीटों के साथ.
निफ्टी का क्या होगा?
अगर गठबंधन की सरकार बनी तो निफ्टी 10,000 के आसपास आ जाएगा. इतना इंतजार करके किसी ने पैसा नहीं कमाया. अच्छी कंपनियों में पैसा लगाएं और इंतजार करें.
मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों में क्या करें?
स्मॉलकैप शेयरों में पैसे नहीं बनते हैं. इंफ्रा सेक्टर के शेयरों में सरकार बनने के बाद असर पड़ सकता है. लेकिन सरकार बदलती है तो चुनाव के बाद फिर से कंज्यूमर, फाइनेंशियल शेयर ही चलेंगे. इसलिए मिडकैप, लार्जकैप, स्मॉलकैप नहीं देखना चाहिए. जो कंपनी अच्छी है उसमें निवेश करना चाहिए
कमजोर दिल वाले म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए सलाह
अगर निफ्टी नहीं चलता तो म्युचुअल फंड में पैसे बनना मुश्किल हैं. ज्यादातर म्यूचुअल फंड 15-17% रिटर्न देते हैं. आप जो फंड खरीदें, उसमें अच्छी कंपनियां होना चाहिए. ज्यादा अंदर बाहर मत कीजिए.
पैसा ना डूबे इसलिए ध्यान रखें
पूंजी की दुनिया में फ्रॉड, स्कैम, स्कैंडल ये सब चलता रहता है. 20 शेयरों के पोर्टफोलियों में अगर एकाध कंपनी खराब भी निकली तो कोई दिक्कत नहीं है.
जिन कंपनियों में आपको शक हो जाए तो वहां निकल जाएं. भाव आने का इंतजार न करें. भाव से ज्यादा जरूरी कंपनी है, अगर कंपनी खराब हो गई है तो रिकवरी के बारे में मत सोचिए.
जब वक्त खराब हो डर हो तब किन शेयरों को खरीदें
शेयर बाजारों को कुछ चुनिंदा शेयर ही चलाते हैं. निफ्टी की 35-40% कमाई ग्लोबल है. टाटा मोटर्स, इंफोसिस, TCS जैसे शेयर विदेशों से कमाई करते हैं. निफ्टी 10-12 कंपनियों से ही चलता है. ज्यादातर लोग इन्हीं कंपनियों में निवेश कर रहे हैं इसलिए इनके भाव चढ़ रहे हैं.
जब बाजार खराब दौर से गुजर रहा है तो सभी उन्हीं शेयरों में निवेश करते हैं जो अच्छा प्रदर्शन करते हैं. अच्छी कंपनियों के भाव बढ़ने की चिंता न करें.
नई सरकार आने वाली है क्या निवेशकों को डरना चाहिए?
कोई भी सरकार आए, कोई भी PM बन जाए. भारत की इकोनॉमी बढ़ने वाली है. ये हो सकता है कि अगर साफ बहुमत नहीं मिलता है तो एक दिन निफ्टी में 5-7% की कमजोरी हो जाए. लेकिन अगर 6 महीने के लिए खरीदना है तो चिंता न करें खरीद लेना चाहिए.
महंगाई का कम होने के बावजूद लोग खर्च क्यों नहीं कर रहे?
सरकार ने महंगाई को कंट्रोल किया है. इतिहास में जिस सरकार में महंगाई बढ़ी है. उस सरकार को हार का सामना करना पड़ा है. हमने महंगाई पर तो काबू पा लिया लेकिन लोगों के पास कम पैसे आ रहे हैं.
किन शेयरों का ट्रेंड चल रहा है?
मुझे नहीं लगता कि कोई नया ट्रेंड चल रहा है. कंज्यूमर और प्राइवेट फाइनेंशियल कंपनियां चल रही हैं. हम वहीं निवेश करते हैं आप भी इन शेयरों में पैसे लगाएंगे तो अच्छी कमाई होगी.
(बसंत माहेश्वरी शेयर बाजार के दिग्गज एक्सपर्ट और जाने माने फंड मैनेजर हैं.)
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