कोरोना के हालात हर दूसरे दिन बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर राज्य सरकारों और केंद्र को जमकर फटकार लगा रहे हैं. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कोरोना को लेकर सुनवाई की. जिसमें कोर्ट ने सरकार से कहा कि मदद की गुहार के लिए उठने वाली आवाजों को नहीं दबाना चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन नीति को लेकर भी केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, इन 10 बड़ी बातों में जानिए.
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- सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले केंद्र सरकार से पूछा कि ऑक्सीजन टैंकर्स और सिलिंडरों की सप्लाई को लेकर क्या जरूरी कदम उठाए गए हैं? जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें तमाम लोकल इशूज पर ध्यान देना चाहिए और हर मदद को जरूरी समझना होगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि सोशल मीडिया पर अगर लोग अपनी शिकायतों के बारे में लिख रहे हैं, तो इसे दबाना नहीं चाहिए. किसी की शिकायत को गलत जानकारी बताकर नहीं दबाया जा सकता है. बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के कहने पर कई ट्वीट्स को हटा दिया गया था. इनमें कोरोना प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए गए थे.
- कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि, उन लोगों के लिए आपने क्या व्यवस्था की है, जो पढ़ना लिखना नहीं जानते हैं? जिनके पास इंटरनेट का एक्सेस नहीं है, वो वैक्सीनेशन के लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करेंगे?
- सरकार की वैक्सीन नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या एक राज्य को दूसरे राज्य के मुकाबले ज्यादा वैक्सीन मिल सकती है? केंद्र ने कहा कि 50 फीसदी वैक्सीन राज्यों को दी जाएगी, लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां समानता कैसे तय करेंगीं?
- वैक्सीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने 100 फीसदी कोरोना वैक्सीन खुद क्यों नहीं ली? ऐसा करने के बाद सभी राज्यों को बराबर वैक्सीन का वितरण किया जा सकता था. नेशनल इम्युनाइजेशन पॉलिसी का पालन करना जरूरी है. केंद्र इसका पालन क्यों नहीं कर रहा है?
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम ये भी सुन रहे हैं कि लोग कैसे ऑक्सीजन के लिए रो रहे हैं. दिल्ली की स्थिति ये है कि यहां ऑक्सीजन वाकई में नहीं है और ऐसा ही गुजरात और महाराष्ट्र में भी है. सरकार ये बताए कि इन राज्यों में इस सुनवाई और अगली सुनवाई के बीच क्या बदलाव होगा?
- दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि अगर दिल्ली को 200 मीट्रिक टन की जरूरत है तो उसे दिया जाए. केंद्र की भी दिल्ली के लोगों के प्रति जिम्मेदारी है. स्टील सेक्टर के सरप्लस का इस्तेमाल कर इसे दिल्ली को दिया जाए. सोमवार से लेकर अब तक हमारे हाथ से 500 जानें निकल गईं.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि हमने केंद्र को अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा है, लेकिन दिल्ली सरकार के उच्च स्तर तक हम ये बात पहुंचाना चाहते हैं कि इस मानव त्रासती में राजनीति के चक्कर में हम जानें नहीं खोना चाहते.
- दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीति चुनावों के दौरान ह सकती है. मौजूदा हालात को लेकर केंद्र से बात करें, अपने चीफ सेक्रेट्री से कहें कि वो सॉलिसिटर जनरल से बात करें.
- सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए एडवोकेट राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार सभी निर्देशों का पालन करेगी.
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