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US चुनाव दिलचस्प मोड़ पर, ट्रंप का वाटरगेट सत्ता तक पहुंचा पाएगा?

कोमे का खुलासा अमेरिकी चुनाव की नियति कैसे लिखेगा यह अगले 100 घंटे में तय होंगे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मतदान में अब महज 100 घंटे बचे है. ट्रंप फैक्टर के कारण राष्ट्रपति चुनाव को नियति का चुनाव मान रहे अमेरिकियों की धड़कनें तेज हो गई हैं. कहीं ट्रंप अंतिम ओवर में बाजी पलट तो नहीं देंगें?

ताजा चुनावी सर्वे में हिलेरी की बढ़त 6 प्वाइंट से घटकर 3 पाइंट रह गई है. टाईम्स सीबीएस के चुनावी सर्वे में हिलेरी 45% समर्थन पा रही हैं तो ट्रंप 42%. वाशिंगटन पोस्ट और एनबीसी के चुनावी सर्वे में हिलेरी की बढ़त 2% है. हिलेरी को 47% वोटरों का समर्थन है तो ट्रंप 45%.

केवल रॉयटर का चुनावी सर्वे हिलेरी को ट्रंप से 6% की बढ़त दिखा रहा है. गुरूवार को जारी सभी सर्वे का औसत रीयल टाईम्स पॉलिटिक्स वेबसाइट के मुताबिक महज 1.7% की बढ़त हिलेरी के पास है तो सवाल ये है कि पिछले महीने तकरीबन हार मान चुके ट्रंप ने अचानक खेल में कैसे वापसी की और हिलेरी की बढ़त में कमी कैसे?

हिलेरी क्लिंटन के 6.5 लाख नए ईमेल का चुनावी कनेक्शन?

हिलेरी क्लिंटन के व्यक्तिगत ईमेल सर्वर से भेजे गए गोपनीय मेल की जांच कर रही अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने पिछले शुक्रवार को खुलासा किया कि एजेंसी को कुछ और ईमेल मिले हैं. जिसकी जांच एजेंसी कर रही है, कहीं ये ईमेल हिलेरी के गोपनीय सूचनाओं के संभालने में हुई चूक से जुड़ा तो नहीं है? ताजा मेल एफबीआई की वॉयनर के कम्प्यूटर की जांच में मिले हैं.



कोमे का खुलासा अमेरिकी चुनाव की नियति कैसे लिखेगा यह अगले 100 घंटे में तय होंगे.
हिलेरी क्लिंटन (फोटो: रॉयटर्स)

एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ने अमेरिकन कांग्रेस को चिट्ठी लिख हिलेरी के खिलाफ नई जांच की जानकारी दी.

ट्रंप के चुनावी कैंपेंन में इस खुलासे के बाद नई जान आ गई और हिलेरी से पिछड़ रहे ट्रंप कई सर्वे में हिलेरी की बराबरी करने लगे और कुछ में तो बढ़त भी बना ली.

दरअसल ये विवाद जून में विकीलिक्स के खुलासे से शुरू हुआ. जब हुमा एब्दिन के पूर्व पति एंथनी वॉयनर के व्यक्तिगत लैपटॉप में हिलेरी क्लिंटन से जुड़े 6.5 लाख ईमेल का खुलासा हुआ. हुमा एब्दिन हिलेरी क्लिंटन की न्यूयार्क स्थित घर में ऑफिस स्टाफ थी जिसे हिलेरी अपनी सेरोगेट बेटी मानती हैं.

हिलेरी अपने घर पर सुरक्षित सरकारी ईमेल की जगह व्यक्तिगत ईमेल का इस्तेमाल संवाद करने के लिए करती रहीं और उनपर आरोप लगा कि इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठा व्यक्ति गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान में इतना लापरवाह कैसे हो सकता है?

अमेरिकी चुनाव में एफबीआई कनेक्शन ?

अमेरिकी जांच एजेंसी के नए खुलासे के बाद ये सवाल उठने लगे कि बिना जांच के पूरा हुए एफबीआई निदेशक का चुनिंदा लीक ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए तो नहीं किया गया? अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने आरोप लगाया कि बिना जांच पूरा हुए कोई एजेंसी किसी सूचना को कैसे लीक कर सकती है?

मतदान से ठीक एक हफ्ते पहले लीक किए इस सूचना ने अमेरिकी चुनाव में भूचाल ला दिया है. जेम्स कोमे ठेंठ रिपबल्किन रहे हैं और रिपबल्किन पार्टी को डोनेशन देने वालों में उनका पहले से नाम है. 2008 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति उम्मीदवार जॉन मैकेन और 2012 में मिट रोमनी के चुनावी कैंपेंन में उन्होने चंदा दिया था.

कोमे के जरिये किया यह लीक क्या ट्रंप का मास्टर स्ट्रोक था? षड्यंत्र का यह चुनावी एंगल हिलेरी को ओवल हाउस पहुंचने से रोक पाएगा या नहीं ये तो नतीजे बताएंगें. लेकिन इससे अमेरिकी ब्यूरोक्रेसी की लोकत्रांत्रिक चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की महत्वकांक्षा खुलकर सामने आ गई है. कल्पना कीजिये भारत में लोकसभा चुनाव के बीच ऐसे खुलासे हो जाए तो क्या असर होगा?

वाटरगेट बनाम वॉयनर गेट?

ट्रंप अपने चुनावी कैंपेंन में बार-बार हिलेरी के अमेरिकी खुफिया सूचनाओं को बेपर्दा करने की हुई चूक को अमेरिकी चुनाव का वाटरगेट कांड बता रहें हैं. सवाल ये है कि वॉयनरगेट कांड वाटरगेट होगा या नहीं पर इतना सच जरूर है कि अमेरिकी सत्ता तंत्र में एफबीआई की दिलचस्पी किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरे का सबब है.



कोमे का खुलासा अमेरिकी चुनाव की नियति कैसे लिखेगा यह अगले 100 घंटे में तय होंगे.
डोनाल्ड ट्रंप (फोटो: रॉयटर्स)

याद कीजिये एफबीआई के ही मार्क फेल्ट ने 1970 के दशक में वाशिंगटन पोस्ट को राष्ट्रपति निक्सन की करतूतों की क्लासीफाइड जानकारी लीक कर उन्हें सत्ता से त्यागपत्र देने पर मजबूर कर दिया था. अब गेंद एफबीआई निदेशक कोमे के हाथ में है. क्या हिलेरी को राष्ट्रपति पद पर पहुंचने से रोककर कोमे मार्क फेल्ट बनेगें? कोमे का खुलासा अमेरिकी चुनाव की नियति कैसे लिखेगा यह अगले 100 घंटे में तय होंगे.

ऐसा नहीं है कि चुनाव प्रचार में ट्रंप पर सेक्सगेट का ही केवल आरोप लगा. उनके पुतिन कनेक्शन और रूसी एजेंट के रूप में काम करने पर अमेरिकी वेबसाइट मदर जोंस ने पूरी एक सीरीज छापी है. ट्रंप उन सब से ऊबर गए.

अगर वाशिंगटन पोस्ट की मानें तो ट्रंप राष्ट्रपति बनने के इतने करीब कभी नहीं थे. पोस्ट के मुताबिक चुनाव जीतने के लिए जरूरी 270 इलेक्ट्रॉल कॉलेज में से दोनों टाई की स्थिति 269 कॉलेज में बराबरी करेंगें और प्रतिनिधि सभा के मतों के आधार पर नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा, जहां पहले से रिपब्लिकन का बहुमत है.

इस विश्लेषण पर भले बहस की गुंजाइश हो सकती है पर इतना तय है कि अब डेमोक्रेटस के गढ़ ब्ल्यू स्टेट से चुनाव नतीजे का भविष्य तय नहीं होगा बल्कि ईमेलगेट के बाद बेहद कड़े मुकाबले और घटते फासले वाले चुनाव में अब जीत और हार की कहानी फ्लोंटिंग वोटर वाले राज्यों से तय होना है कि हिलेरी जीतेगीं या ट्रंप बाजी पलट देंगें?

ये भी तय है कि जीते कोई भी प्रिसिडेंट को कोर्ट कचहरी से छुटकारा नहीं मिलेगा. ट्रंप पहले ही हिलेरी के जीतने पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की मंशा जाहिर कर चुके है और हिलेरी जीती तो बड़ा दिल दिखाते हुए या तो ट्रंप को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर ले या उनके पुतिन कनेक्शन की जांच करें?

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