''तब आंसू की एक बूंद से सातों सागर हारे होंगे
जब मेंहदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे होंगे''
कवि हरिओम पंवार की कविता की ये लाइनें वैसे तो कुछ अलग संदर्भ में लिखी गई होंगी, लेकिन कुलभूषण जाधव के मामले में ये उतनी ही प्रासंगिक दिख रही हैं.
देश की माताएं अपने सपूतों को सरहद की रखवाली के लिए भेजती रही हैं. जब बात दुश्मनों से लोहा लेने की होती है, तो सुहागिनें भी अपने पति की राह नहीं रोकती हैं. कई बार सैनिकों की जय-जय होती है, पर वे जान की बाजी हार जाते हैं.
लेकिन जरा सोचिए, पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर क्या गुजरी होगी, जब उन्होंने अपनी ही आंखों के सामने पत्नी को विधवा के रूप में देखा होगा. पिता का जीवन शेष रहते ही मां को बिना चूड़ी-बिंदी और मंगलसूत्र के देखा होगा. इस हालात के बारे में गहराई से सोचकर भला किसके आंखों में आंसुओं का सैलाब न आ जाए.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में घटनाक्रम का पूरा ब्योरा पेश किया कि किस तरह कुलभूषण जाधव से मिलने पाकिस्तान गई उनकी मां और पत्नी से बदसलूकी की गई. सदन में बोलने के दौरान भावुक सुषमा का भी सबसे ज्यादा एतराज मंगलसूत्र उतरवाने को लेकर था....क्योंकि देश में एक सुहागिन महिला के लिए मंगलसूत्र कोई साधारण आभूषण नहीं होता है.
कई ऐसे कारण हैं, जिनसे मंगलसूत्र इन्हें अपने प्राणों से ज्यादा प्रिय होता है. जरा एक-एक कर देखिए.
मंगलसूत्र खुद परिचय देता है
हिंदू मान्यताओं को मानने वाली सुहागिनों को कभी भी, कहीं भी अपनी वैवाहिक स्थिति के बारे में खुलकर बताना नहीं पड़ता. मंगलसूत्र खुद सबकुछ बयां कर देता है, जुबां पर कुछ लाने की जरूरत नहीं पड़ती.
ऐसी मान्यता है कि गले में मंगलसूत्र है, तो वैवाहिक जीवन में मंगल ही मंगल है. लेकिन अगर गायब है, तो सबसे पहले कुछ अमंगल होने का ही अंदेशा होता है.
मंगलसूत्र है, तो खुशहाली है
मंगलसूत्र बताता है कि जिसके गले में वह शोभ रहा है, उसके भर्तार अभी जीवित हैं. भर्तार यानी भरण-पोषण करने वाले. यानी अगर ये सूत्र है, तो घर-आंगन में खुशहाली है, जीवन में खुशहाली है. वो दोनों बांहें अभी मौजूद हैं, जिनमें एक सुहागिन का सारा संसार सिमट आता है.
बिना किसी अनिष्ट के उतारना मना है
ये सूत्र जब टूट जाता है, तो इसके तार आनन-फानन में जोड़ने के जतन किए जाते हैं. अगर खो जाए, तो तुरंत नए मंगवाए जाते हैं... और हां, इसे बेवजह उतारना तो मना है ही.
एक मंगलसूत्र के उतरने का मतलब है किसी एक सुहागिन का बसा-बसाया संसार उजड़ जाना. यही वजह है कि महिलाएं इस एक सूत्र से बेपनाह प्यार करती हैं.
जरा उस हालात के बारे में सोचिए, जब सुहाग के जीवित रहते हुए किसी को इसे उतारने को मजबूर कर दिया जाए. अपने ही हाथों से उतारने को विवश कर दिया जाए.
अब जरा शुरुआती लाइनों को फिर से पढ़िए और उनके मतलब निकालने की कोशिश कीजिए.
''तब आंसू की एक बूंद से सातों सागर हारे होंगे
जब मेंहदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे होंगे''
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