अंतरिम केंद्रीय बजट की घोषणा से ठीक एक दिन पहले, 31 जनवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम (Paytm) को 29 जनवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, FASTags, जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया. पहले यह समय सीमा 29 फरवरी थी जिसे बाद में बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया.
पेटीएम को चलाने वाली वन97 कम्युनिकेशंस कंपनी के शेयर्स RBI की घोषणा के बाद शुरू में काफी ज्यादा गिर गए थे लेकिन बाद में जब पेटीएम ने बैंकिंग सेवाओं के लिए एक्सिस बैंक से हाथ मिलाया तो इसके बाद शेयर में उछाल देखने को मिला.
पेटीएम शेयर इस हफ्ते की शुरुआत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 5 प्रतिशत बढ़कर 395.25 रुपये के ऊपरी सर्किट स्तर पर पहुंच गए. फिनटेक कंपनी के सामने आए संकट के बावजूद, स्टॉक में गिरावट के बाद पिछले चार दिनों में लगातार तेजी देखी गई है. स्टॉक 318.35 रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर की तुलना में अब लगभग 24 प्रतिशत ऊपर हैं.
पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (PPBL) के वॉलेट और फास्टेग की गतिविधियों में कमी आई है. ग्रॉस मर्चेंडाइस वैल्यू (गतिविधियों) में 5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. वन97 कम्युनिकेशंस के स्टॉक प्रदर्शन में देखी गई अस्थिरता कुछ समय तक जारी रह सकती है जब तक कि नियामक संकट और उसके परिणाम क्या होंगे ये पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता.
यहां दो सवाल खड़े होते हैं: पेटीएम 'पेटीएम पेमेंट बैंक' के सामने खड़ा मौजूदा संकट अगले कुछ महीनों में कंपनी के कामकाज को किस हद तक प्रभावित करेगा और भारत के फिनटेक सेक्टर के चमकते सितारे को प्रभावित करने वाले इस संकट को कोई कैसे समझ सकता है? क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों में पेटीएम के स्टॉक में भारी गिरावट देखी गई.
पहले सवाल की बात करें तो कंपनी के लिए नियामकों (RBI), उसके निवेशकों और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उसके लगातार बढ़ते ग्राहकों के बीच अधिक विश्वास सुनिश्चित करने की जरूरत है और पेटीएम पेमेंट बैंक इसमें कितना कामयाब होगा ये आने वाले वक्त में पता चलेगा.
दूसरे सवाल के जवाब के लिए थोड़े रिफ्लेक्शन की जरूरत है. पेटीएम की अबतक की कहानी का थोड़ा विश्लेषण करने की जरूरत है और फिनटेक सेक्टर के अन्य खिलाड़ियों से इसकी तुलना भी की जानी चाहिए.
मैंने 2021 में अपने एक विश्लेषण में लिखा था, जब पेटीएम के आईपीओ जारी होने की खबरें जोरों पर थीं - उन्होंने तर्क दिया था कि कई नए आईपीओ जारी करने वाली कंपनियों (पेटीएम सहित) का बाजार को लेकर पॉजिटिव माहौल रहा, लेकिन ऐसे में कंपनी के फंडामेंटल्स के वास्तविक मूल्यांकन में कमी नहीं करनी चाहिए. ऐसे आईपीओ के माहौल बनने के पीछे कई साइकोलॉजिकल फैक्टर ज्यादा काम करते हैं और कई निवेशक उसी को सही मानते हैं.
पेटीएम के संकट का ऐतिहासिक संदर्भ भी है
2014 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने "पेमेंट बैंकों की लाइसेंसिंग" और "स्मॉल बैंकों की लाइसेंसिंग" के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.
पेमेंट बैंकों के नियमों के अनुसार, वे पैसा कर्ज पर नहीं दे सकते थे और केवल 2,00,000 रुपये तक ही जमा स्वीकार कर सकते थे; यानी इसके जरिए वे अनिवार्य रूप से मामूली इनकम वाले परिवारों और लोगों को ही टारगेट कर सकते थे. पेटीएम पेमेंट्स बैंक को भी लाइसेंस दिया गया था और बैंक ने मई 2017 में डिजिटल बैंकिंग, बचत खाते, चालू खाते, के साथ जमा, पेटीएम वॉलेट, यूपीआई और फास्टैग सहित अन्य सेवाओं के साथ अपना काम काज शुरू किया था.
हाल ही में फ्रंटलाइन मैगजीन में पत्रकार मिताली मुखर्जी ने कहा था कि पेटीएम की केंद्रीय बैंक के साथ बार बार हो रहे टकराव से सभी को चिंतित होना चाहिए था.
“जून 2018 में, आरबीआई ने सुपरवाईजरी चिंताओं के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक को कोई भी नया खाता और वॉलेट खोलने से प्रतिबंधित कर दिया था. उन प्रतिबंधों को दिसंबर 2018 में हटा दिया गया था. लेकिन अगले साल, बैंकिंग लोकपाल कार्यालय ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को कारण बताओं नोटिस जारी किया क्योंकि पेटीएम पेटीएम पेमेंट बैंक ने नियमों पालन नहीं किया."
मुखर्जी के अनुसार, ये कार्रवाइयां केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) मानदंडों पर आरबीआई के प्रावधानों का उल्लंघन थीं.
जुलाई 2021 में, केंद्रीय बैंक ने वन 97 कम्युनिकेशंस से पीपीबीएल में एक ऑपरेटिंग यूनिट के ट्रांसफर के बारे में गलत जानकारी देने के लिए पेटीएम पेटीएम पेमेंट बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
उसी साल अक्टूबर में, पेटीएम पेटीएम पेमेंट बैंक पर भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के उल्लंघन के लिए एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
आरबीआई के दृष्टिकोण से, कई सारे रेड फ्लेग्ज नजर आने लगे थे: पेटीएम पेमेंट बैंक ने पेमेंट के लेनदेन की निगरानी नहीं की या ऐसी सेवाओं का फायदा लेने वालों की रिस्क प्रोफाइलिंग नहीं की. कई मामलों में, कस्टमर एडवांस अकाउंट को लेकर भी उल्लंघन किए गए थे.
15 मार्च के बाद क्या होगा Paytm का?
RBI के आदेश के अनुसार पेटीएम पेमेंट बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को रजिस्टर करने से रोक दिया गया है और कई सेवाओं पर 29 फरवरी के बाद रोक लगाने के लिए कहा गया था, जिसे अब 15 मार्च तक का एक्सटेंशन मिला है:
कस्टमर अकाउंट में क्रेडिट और डिपॉजिट की सर्विसेस पर रोक
पेटीएम पेमेंट बैंक का वॉलेट, फास्टैग (Fastag) की सर्विसेस पर रोक
पेटीएम कोई बैंकिंग सेवा, जैसे फंड ट्रांसफर, UPI की सर्विस, आदी नहीं दे पाएगा
ये सारी सेवाएं अब 15 मार्च के बाद बंद हो जाएंगी.
हालांकि RBI ने कहा कि पेमेंट बैंक के ग्राहक अपने सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, फास्टैग और पेमेंट बैंक में उनके जो भी अकाउंट हैं उसमें से वे अपना सारा पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि ग्राहक अपने पैसों की निकासी 15 मार्च से पहले ही कर पाएंगे, इसके बाद सारी सेवाएं बंद हो जाएंगी और कोई लेन-देन नहीं हो सकेगा.
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