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गुरमीत केस: ऐसे रेपिस्‍ट ‘बाबाओं’ को सामान्‍य से ज्‍यादा सजा मिले

ऐसा लगता है कि जज ने राम रहीम को दोनों मामलों में कम से कम सजा सुनाई है

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देश में बलात्कार के मामलों में सजा की कोई नीति नहीं है. इसी वजह से राम रहीम को जो सजा मिली है, उसे कम माना जा रहा है. बलात्कार के मामलों में अदालती फैसलों को देखने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूं कि जिनमें पीड़त लड़की माइनर होती है और रेप के दौरान अगर उसकी मौत हो जाती है, तब अदालतें आजीवन कारावास की सजा सुनाती हैं और कभी-कभी ऐसे केस में मौत की सजा भी सुनाई गई है.

हाल ही में निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की मौत की सजा बहाल रखी थी. यह सवाल किया जा सकता है कि निर्भया के हत्यारों की तुलना में राम रहीम का अपराध किस तरह से कम जघन्य है? राम रहीम बार-बार बलात्कार कर पाया, क्योंकि उसने पीड़ित महिला को बंधक बना रखा था.

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क्या गुरमीत राम सहीम को आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए थी?

गुरमीत राम रहीम को जो सजा मिली है, क्या वह काफी है? यह सवाल पूछा जा रहा है. क्या उसे हर रेप के लिए आजीवन कारावास की सजा नहीं मिलनी चाहिए थी? सीबीआई पहले ही कह चुकी है कि वह सजा को लेकर अपील करेगी और आजीवन कारावास की मांग करेगी.

दिलचस्प बात यह है कि दोषी शख्स को एक से अधिक उम्र कैद की सजा सुनाई जा सकती है. अमेरिका में ऐसी सजा सुनाई गई हैं, जिसमें दोषी को 150 साल तक कैद में रखने का निर्देश दिया जाता है. दोषी की मौत सजा पूरी होने से पहले ही हो जाती है, लेकिन रिकॉर्ड पर सजा 150 साल दर्ज रहती है.

दोनों सजाएं अलग-अलग

गुरमीत के मामले में यह समझना जरूरी है कि दो अलग-अलग महिलाओं से बलात्कार हुआ था और इसमें दोनों ही मामलों में अलग-अलग सजा सुनाई गई है. इनमें से हर मामले में दोषी को 10 साल कैद की सजा मिली है. ये सजाएं साथ-साथ नहीं चल सकतीं. अगर एक ही शख्स के साथ दो अलग अपराध हुए हों, तब सजा साथ-साथ चल सकती है, लेकिन यहां दो पीड़ित हैं, इसलिए एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी शुरू होगी.

मिसाल के लिए, अगर कोई शख्स दो हत्याएं करता है, तो उसे दोनों ही मामलों में अलग-अलग उम्रकैद की सजा हो सकती है और ये साथ-साथ नहीं चलेंगी. इसलिए राम रहीम को मिली सजा को लेकर निराशा जताई जा रही है, लेकिन उसे 20 साल तक जेल में रहना होगा.

ऐसा लगता है कि दोनों मामलों में जज ने राम रहीम को कम से कम सजा सुनाई है, लेकिन यह समझते हुए कि दोनों सजाएं साथ-साथ नहीं चल सकतीं. इससे दोनों को मिलाकर उसे 20 साल की कैद हुई है. हालांकि, सजा सही है या नहीं, उसका विश्लेषण इस तरह नहीं होता. इसमें यह देखना होता है कि जो सजा मिली है, वह उस अपराध के लिए ठीक है या नहीं?

राम रहीम ने उन महिलाओं का बार-बार बलात्कार किया, जो उस पर भरोसा करती थीं. उसने उन्हें डेरा में बंधक भी बना रखा था. इस अपराध के लिए उसे 10 साल से अधिक की सजा होनी चाहिए थी.

क्‍या राम रहीम को कम सजा मिली?

अदालत में सामने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया, जिससे दोषी को न्यूनतम सजा मिलनी चाहिए थी. पीड़ित महिलाओं की कम उम्र को देखते हुए 10-10 साल की सजा हैरान करती है. वह भी खासतौर पर इसलिए, क्योंकि उन्हें बंधक बनाया गया था. मीडिया इसे 20 साल की सजा बता रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है.

गुरमीत राम रहीम को दोनों मामलों में अलग-अलग 10 साल की कैद हुई है. हां, दोनों को मिलाने पर 20 साल की कैद होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सजा 20 साल कैद की सुनाई गई है.

राम रहीम के पास अदालत के फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार है और इसमें कोई शक नहीं है कि वह इसका इस्तेमाल करेगा. हालांकि, सजा के बहाल रहने को लेकर कोई शक नहीं है, बशर्ते कानूनी प्रक्रिया में कोई भारी चूक न हुई हो. हालांकि, अगर दोनों में से किसी एक सजा पर रोक लगती है, तो उसे सिर्फ 10 साल जेल में काटने होंगे, यह बार-बार एक ही अपराध करने वाले के लिए बहुत कम होगी.

बाबाओं के खिलाफ कानूनी लड़ाई

कथित बाबा जब इस तरह के अपराध करते हैं, तो उसे गंभीर माना जाना चाहिए. ऐसे मामलों में सामान्य से अधिक सजा होनी चाहिए. देश में बाबाओं के बलात्कार के कई मामले सामने आ चुके हैं. आसाराम के खिलाफ ऐसा ही एक मामला पेंडिंग है.

अदालत ने सोमवार को कहा कि आसाराम के मामले में सुनवाई बहुत धीरे चल रही है. उनके वकील ने आरोप लगाने वाली लड़की को अदालत के सामने ‘सेक्स की लत का शिकार’ बताया था. आरोप लगाने वाली लड़की की उम्र सिर्फ 15 साल है. जब कोई महिला बलात्कार का आरोप लगाती है, तो उसके लिए अदालती प्रक्रिया आसान नहीं होती. ऐसे में कथित बाबाओं का सच सामने लाने वाली इन महिलाओं को हमें सलाम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: राम रहीम को 10 नहीं 20 साल की जेल, अदालत के भीतर का पल-पल का हाल

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