इस हफ्ते कहीं ज्यादा लोग मेरी बात समझ रहे हैं. पिछले हफ्ते इनकी संख्या कम थी. उन्हें इसका अहसास हो गया है कि क्रिकेट के अलावा भारतीय स्पोर्ट्स में बहुत कुछ है. शायद उन्हें यह भी पता चल गया होगा कि हॉकी और बैडमिंटन में भी भारत मजबूत है. हम चेस और गोल्फ में भी बढ़िया परफॉर्म कर रहे हैं.
देश के साथ दुनिया के किसी कोने में रहने वाले भारतीय को पता था कि रविवार को पाकिस्तान के साथ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हमारा मुकाबला है, उनकी तुलना में बहुत कम लोग जानते थे कि हॉकी में भी दोनों देशों का उसी दिन आमना-सामना हो रहा है. उससे भी कम लोगों को पता था कि श्रीकांत किदांबी तीसरे सुपर सीरीज टाइटल के लिए रविवार को ही मुकाबला करने जा रहे हैं.
जिस तरह टेनिस में ग्रैंडस्लैम होते हैं, उसी तरह बैडमिंटन में सुपर सीरीज होती हैं. एक हफ्ते के अंदर किदांबी ने वर्ल्ड नंबर 9 जे ओ जॉर्जेनसेन और वर्ल्ड नंबर 1 सान वान हो को हराया. वहीं, इंडोनेशियन सुपर सीरीज के फाइनल में उन्होंने जापान के काजुमासा सकाई को पराजित किया.
बहुत कम लोगों को पता है कि भारतीय चेस टीम (महिला और पुरुष दोनों) दुनिया की टॉप 5 में शामिल है और वह वर्ल्ड टीम चेस चैंपियनशिप में मुकाबला कर रही है. इस टीम के मेडल जीतने की काफी संभावना है.
19 साल की गोल्फर अदिति अशोक भी कमाल की प्लेयर हैं, जो दुनिया की जानी-मानी खिलाड़ियों से मुकाबला कर रही हैं और वह टॉप 10 में जगह बना सकती हैं. दिलचस्प बात यह भी है कि भारतीय महिला प्रोफेशनल गोल्फ में 25 से भी कम एक्टिव प्लेयर्स हैं. इनमें अदिति फ्यूचर वर्ल्ड स्टार हैं.
कहने का मतलब यह कि क्रिकेट के अलावा भारतीय स्पोर्ट्स में बहुत कुछ है. रविवार को भारत की हॉकी टीम ने लंदन को ओलंपिक पार्क में पाकिस्तानियों को धूल चटा दी. यहां से 10 मील से भी कम दूर ओवल स्टेडियम है, जहां क्रिकेट में इसका उलटा हुआ. एक बड़ी वेबसाइट के लिए काम करने वाले साथी जर्नलिस्ट ने ट्वीट किया:
‘’चलो, कम से कम एक दिन के लिए ही सही हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल तो बना’’
मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल था, राष्ट्रीय खेल है और राष्ट्रीय खेल रहेगा. उन्होंने ट्वीट किया था:
‘’क्रिकेटर्स को अच्छा पैसा और बेहतरीन फैसिलिटी मिलती है.’’
बेशक क्रिकेट में पैसा ज्यादा है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतरीन है, लेकिन सिर्फ इस वजह से कोई अपना राष्ट्रीय खेल नहीं बदलता. अगर किसी और का नाम अच्छा है, तो आप अपना नाम नहीं बदल देते. क्रिकेट भले ही पॉपुलर है, लेकिन राष्ट्रीय खेल तो हॉकी ही है. इसने भारत को 8 ओलंपिक मेडल दिलाए हैं. भारतीय क्रिकेट टीम को इसकी बराबरी करने के लिए कम से कम इतने वर्ल्डकप को जीतने ही पड़ेंगे.
मैं इस हफ्ते लंदन में था और मेरा अधिकांश समय लोगों को यह समझाने में गुजरा कि मैं वहां क्या कर रहा हूं. मुझे बार-बार कहना पड़ा कि मैं लंदन हीरो हॉकी वर्ल्ड लीग के सेमीफाइनल मैच के लिए आया हूं, न कि आईसीसी चैंपियंस टॉफी क्रिकेट के लिए.
अगर मुझे मौका मिलता, तो मैं दोनों मैच देखता, लेकिन मुझे चुनना था और मैंने हॉकी को चुना. सालभर पहले हममें से जो लोग क्रिकेट और हॉकी दोनों पर नजर रखते हैं, उनके बीच यह मजाक चलता था कि 18 जून, 2017 को क्रिकेट और हॉकी, दोनों के फाइनल में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हो सकता है. वैसे यह मुश्किल लग रहा था. पाकिस्तान के क्रिकेट टीम की हालत खराब थी. यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि पाकिस्तान की टीम चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच जाएगी.
हॉकी में भारत और पाकिस्तान की टीम एक ही पूल में थी, इसलिए दोनों के बीच मुकाबला तय था. क्रिकेट में पाकिस्तान ने आलोचकों को गलत साबित करते हुए फाइनल मैच में जगह बनाई. फाइनल मैच से पहले हर कोई यही कह रहा था कि भारतीय टीम आसानी से जीत हासिल कर लेगी, अफसोस कि ऐसा नहीं हुआ. इस बीच, पाकिस्तान की हॉकी का हाल पहले की उसकी क्रिकेट टीम की तरह हो गया.
एशियन गेम्स का लिया बदला
वहां की हॉकी टीम कभी दुनिया की नंबर 1 टीम थी और आज वह 13वें नंबर पर फिसल गई है. वह अभी भी ऐसी टीम है, जिससे भारत को सावधान रहना होगा. हालांकि, इस रविवार को भारतीय हॉकी टीम ने दिल्ली में 1982 में हुए एशियन गेम्स का बदला ले लिया. तब पाकिस्तान ने भारत को 7-1 से हराया था. रविवार को भारतीय टीम ने पाकिस्तान को इसी मार्जिन से शिकस्त दी.
अगले हफ्ते शायद विराट कोहली का नाम फिर से भारतीयों की जुबां पर हो, लेकिन अभी तो आकाशदीप सिंह, हरमनप्रीत सिंह, तलविंदर सिंह, सरदार सिंह, मनप्रीत सिंह और उनकी टीम के दूसरे खिलाड़ियों के नाम सबकी जबान पर हैं.
इस हफ्ते किदांबी, चेस प्लेयर्स और लेडी गोल्फर पर भी सबकी नजरें होंगी. इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट के अलावा भारतीय स्पोर्ट्स में बहुत कुछ है.
(वी. कृष्णस्वामी सीनियर स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)
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