मौजूदा मोदी सरकार के अंतिम बजट में सबको खुश रखने की कोशिश होगी इसलिए आप इसमें किसान, मिडिल क्लास, रोजगार, इंफ्रांस्ट्रक्चर वगैरह खूब सुनेंगे. मुझे उम्मीद है कि एक्टिंग वित्तमंत्री पीयूष गोयल ज्यादा कुछ लेने के बजाए बांटने पर ही फोकस करेंगे क्योंकि बजट के तुरंत बाद चुनाव का ऐलान भी हो जाएगा.
बजट के बारे में कम शब्दों में ज्यादा जानने के लिए इन 7 बातों पर ध्यान रखिए.
इस साल के बजट से मुझे ये उम्मीदें है
1. किसानों की आय बढ़ाने पर फैसला संभव
सरकार इस बजट में किसानों के खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करने के बारे में फैसला कर सकती है. किसानों को अलग-अलग योजनाओं के जरिए सब्सिडी देने की बजाय सीधे उनके खाते में कैश डालना ज्यादा फायदेमंद साबित होगा ऐसी उम्मीद है. योजनाओं के जरिए सरकार जो खर्च करती है उसका फायदा किसानों तक नहीं पहुंचता. कई सारे सोर्स के मुताबिक सरकार किसानों पर खर्च 70,000 करोड़ से बढ़ाकर 75,000 करोड़ कर सकती है.
2. इनवेस्टमेंट टैक्स पर फैसला
ऐसा लगता है कि सरकार LTCG टैक्स हटाने पर फैसला कर सकती है. पिछले सार निफ्टी ने सिर्फ 6% रिटर्न ही दिया है और इस कमजोर रिटर्न ने रिटेल निवेशकों को बाजार से दूर भगाया है.
3. ग्रीन सेस लगाया जा सकता है
पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल का चलन बढ़ रहा है. इसलिए सरकार कुछ व्हीकल पर टैक्स सब्सिडी लगा सकती है जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल की सब्सिडी के लिए फंड जुटाया जाए.
4. रोजगार बढ़ाने की कोशिश
पिछले 15 महीने में EPFO के आंकड़ों में अच्छी ग्रोथ दिखी है लेकिन जितने रोजगार की जरूरत है ये उससे बेहद कम हैं. रोजगार पैदा करने के लिए सरकार को उन सेक्टर पर फोकस करना चाहिए जहां लेबर ज्यादा मात्रा में लगती है.
सरकार इस बजट में टैक्सटाइल, एविएशन और हाउसिंग जैसे सेक्टर पर फोकस कर सकती है.
5. डिजिटल इंडिया
भारत में पिछले सालों में दो क्षेत्रों में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है. एक है डिजिटल पेमेंट दूसरा स्टार्टअप. एक तरफ जहां लोग करोड़ों रुपए डिजिटली पे कर रहे हैं तो वहीं स्टार्टअप के जरिए लोग करोड़ों रुपए कमा भी रहे हैं.
6. इनकम टैक्स
कुछ ही दिन पहले सरकार ने सामान्य वर्ग तो आर्थिक आधार पर 10% रिजर्वेशन दिया है. जिसमें गरीबों के लिए लिमिट 8 लाख रखी गई है. उसे ध्यान में रखते हुए सरकार इनकम टैक्स एक्जम्पशन की लिमिट बढ़ा सकती है.
7. फिस्कल डेफिसिट
फिस्कल डेफिसिट का आंकड़ा पूरी अर्थव्यवस्था पर असर डालता है. खासतौर पर निवेशकों की जमात इस आंकड़े पर नजर जामाए रहती है. मेरे हिसाब से ये आंकड़ा अब ज्यादा महत्व नहीं रखता क्यों कि भारत पर जो कर्ज है उसमें FII का सिर्फ 5-7% हिस्सा है.
अगर बाजार के नजरिए से देखें तो बाजार इस बजट से वित्तीय अनुशासन और बहुमत वाली सरकार की वापसी की उम्मीद करता है. मेरे हिसाब से वित्तीय अनुशासन में 0.3-0.4% की राहत देखने को मिल सकती है.
(समीर कालरा रिसर्च एनालिस्ट और इंवेस्टर हैं. समीर, टार्गेट इंवेस्टिंग के फाउंडर भी हैं)
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