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महिला दिवस: इस खास दिन पर मिलिए हॉलीवुड की तीन सुपरवुमन से  

महिला दिवस के मौके पर मिलिए हॉलीवुड के तीन सुपरवुमन कैरेक्टर से

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किसी ने बड़ी अच्छी बात कही है कि हम तभी आगे बढ़ते है जब हम देखते हैं कि हमारे आसपास की महिलाएं कैसे अपने लिए पूरी दिलेरी से खड़ी होती हैं. ऐसा जब होता है तो समझिए वो पूरी मानवता के लिए खड़ी हैं. वो होती ही हैं इतनी प्रेरणादायक.

इसी विचार के साथ आज के खास मौके पर हम उन तीन सुपरवुमन कैरेक्टर से मिलते हैं, जिन्होंने असीम बहादुरी दिखाकर बड़ी चुनौतियों का सामना किया और जीती भी. वैसे तो ये फिल्मी कहानियां हैं और इसीलिए अतिशयोक्ति से भरी हुई, लेकिन असल जिंदगी में भी आपको ऐसी महिलाएं मिलेंगी. कहीं भी और कभी भी, जो दुनिया बदलने की क्षमता रखती हैं.

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वंडर वुमन (2017)

कहानी है एक राजकुमारी डायना की, जो दुश्मनों से लड़ने के लिए भरपूर मेहनत करती हैं. जिस ग्रुप के साथ वो काम करती हैं उसके बारे में माना जाता है कि उस ग्रुप को बनाया ही गया है इंसानियत के दुश्मनों से लड़ने के लिए. उन्हें खबर मिलती है कि इंसानियत का दुश्मन एरिस वापस आ गया है और दुनिया में तबाही मचाने के लिए जहरीला गैस छोड़ने वाला है. जानकारी के फौरन बाद डायना अमेरिकी नेवी के कैप्टन स्टीव को साथ लेकर एरिस को खत्म करने के लिए निकल पड़ती है. लड़ाई में धोखे मिलते हैं, दुश्मनों की तरफ से खतरनाक चालों का सामना करना पड़ता है. लेकिन आखिर में जीत मिलती है. बुराई से लड़ने के इस जज्बे को मेरा सलाम.

इस कहानी में सबसे खास है डायना की मजबूत इच्छा शक्ति, और अपने छोटे से अनुभव से मैं ये बता सकता हूं कि महिलाएं अगर किसी मुद्दें पर डट जाती हैं तो उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता है.

कैप्टन मार्वल (2019)

इस फिल्म में भी अच्छे-बुरे की लड़ाई होती है और आखिर में अच्छाई की जीत होती है. अच्छाई का प्रतिनिधित्व वर्स कर रही हैं जो कभी अमेरिकी एयरफोर्स की पायलट थीं. माना जाता रहा था कि उसकी जान एक हवाई यात्रा के दौरान चली गई थी. लेकिन पता चलता है कि उसने बड़ी बहादुरी से अपने आप को बचा लिया था. इसी ऑपरेशन के दौरान उसने असीम शक्ति हासिल की थी. जैसे ही उसको इस बात का एहसास दिलाया जाता है, तो वो खोई हुई ताकत फिर से पा जाती है. इस वादे के साथ कि दुनिया को जब कभी भी उसकी जरूरत होगी वो तत्काल वापस आ जाएगी, वो एक ऐसी जगह के लिए निकल पड़ती है जहां एक स्पीशीज के लुप्त होने का खतरा बनता है.

महिलाएं बिल्कुल ऐसी ही होती हैं- पूरी हिम्मत वाली जो सही मुद्दों के लिए हमेशा संधर्ष करने की हिम्मत रखती हैं. और वे उनकी आवाज बनती हैं, जिसके लिए कोई भी खड़ा नहीं होता है.
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एक्स-मेन-डार्क फीनिक्स (2019)

इस फिल्म की कहानी बताती है कि ज्यादा शक्ति आने के बावजूद भी महिलाएं अपनी अच्छाई नहीं छोड़ती हैं. एक लड़की है 'जीन', जो बचपन से ही काफी शक्तिशाली है. उसकी इसी असीम क्षमता को देखते हुए उसे एक खास स्कूल में भेजा जाता है जहां सारे असाधारण बच्चे पढ़ते हैं. काफी सालों बाद जीन के साथ एक हादसा होता है. आउटर स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स को बचाने के दौरान वो एनर्जी के गोले से टकरा जाती है. इस टकराव के बावजूद वो बच भी जाती है और पहले से और ज्यादा ताकतवर हो जाती है. लेकिन दिक्कत है कि उसके शरीर से किरणें निकलती हैं जो उसके आसपास रहने वालों को नुकसान पहुंचाता है. इसी दौरान एक ताकतवर विलेन की एंट्री होती है जो दुनिया में तबाही लाता है.

जीन की एनर्जी अपने अंदर लेने की कोशिश करता है. लेकिन जीन उसे आउटर स्पेस में ले जाती है, दुनिया को बचाती है और उस विलेन को खत्म करती है.

ये तो रहे तीन सुपर कैरेक्टर. लेकिन फिल्मी दुनिया से अलग भी कई सुपरवुमन हैं, जिनसे हमें लागातार सीखने की जरूरत है. महिला दिवस की आप सबको ढ़ेर सारी शुभकामनाएं. उम्मीद है कि असल जिंदगी की सुपरवुमन दुनिया को और बेहतर बनाने के लिए हम सबको प्रेरित करती रहेंगी.

और मैने फैसला किया है इस दिन मैं मेरी जिंदगी की पहली सुपरवुमन यानी मेरी मां से प्रेरणा लेने की कोशिश करूंगा.

(लेखक युवा हैं और उनको फिल्मों का शौक है और उसी के जरिए वो जिंदगी के मायने तलाशने में जुटे हैं.)

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