"तुम्हें काम क्यों करना है? अब तुम एक मां बन चुकी हो, तो तुम्हें घर पर रहना चाहिए और बच्चों का ख्याल रखना चाहिए. "
"देखो, उस बेशर्म औरत को, अपने बच्चे को पब्लिक प्लेस पर दूध पिला रही है."
"क्या तुम अकेली छुट्टी पर जा रही हो? बच्चों का क्या होगा? "
क्या आप तमाम मम्मियां इन कमेंट्स को सुनकर थक गई हैं? तो समय है अब जवाब देने का. इस मदर्स डे पर, हम उस 'बुरी लड़की' को सेलिब्रेट करते हैं जो मां बनने के बाद भी अपनी पसंद, इच्छाओं को खत्म नहीं होने देतीं. जो मां बने रहकर भी अपने लिए फैसले लेती है.
काम या परिवार?
किसी पिता को तो काम या परिवार में से कोई एक चीज चुनने को नहीं कहा जाता?
सारी मस्तियां बच्चे ही क्यों करें?
फेमिनिज्म सब के लिए जरूरी!
बेटा हो या बेटी, दोनों को एक तरह से बड़ा करना और बराबरी में विश्वास करना.
नेचुरल होने में क्या बुरा है!
बच्चों को देती हूं सेक्स एजुकेशन
मां हूं, जासूस नहीं
तो ये थी लिस्ट, यकीन मानिए मांए इससे भी ‘बुरी’ हो सकती हैं!
इलस्ट्रेशन: अर्निका कला
क्रिएटिव इनपुट: निधि महाजन और गर्विता खैबरी
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