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पीरियड्स आपके मूड पर कैसे डालते हैं असर?

पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है.

Published
भारत
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सभी लोगों का कहना होता है की लड़कियां बहुत मूडी होती हैं. लड़कियों को कोई समझ नहीं सकता. दरअसल इसके पीछे वजह होती है पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है. अगर नहीं समझे तो हम आपको समझाते हैं.

माहवारी या मेन्स्ट्रुअल साइकिल के 5 फेज होते हैं. ये पांच फेज लड़कियों के मूड पर काफी असर डालते हैं. आइए जानते हैं कि महीने के किस फेज में आपका कैसा मूड होगा.

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पीरियड फेज (1-5 दिन)



पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है.

रिसर्च की मानें तो इन दिनों के दौरान आपके शरिर में एस्ट्राडियोल नाम का केमिकल बढ़ने लगता है. इस केमिकल का आपके शरीर में बढ़ना आपकी बॉडी में स्ट्रेस के हार्मोन के प्रभाव को कम करता है. और इस दौरान आप कितनी भी तकलीफ में हों आपका मूड अच्छा ही रहता है.

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फॉलिक्यूलर फेज (6-10 दिन)



पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है.

फॉलिक्यूलर फेज में महिलाएं लोगों से ज्यादा सहानुभूती रखती हैं. इस फेज में औरतों की बाॅडी में प्रोजेस्ट्रोन नाम का हार्मोन कम हो जाता है जिसके कारण आप किसी की भी बात को संजीदगी से समझ सकते हैं.

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ओव्यूलेशन फेज (11-15 दिन)



पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है.

इस फेज में आप सबसे ज्यादा कामुक महसूस करते हैं. महिलाओं के शरीर में इस फेज में एस्ट्रोजन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है जो उन्हें ओव्यूलेशन के लिए भी तैयार करता है. और इसी कारण से इस फेज में महिलाएं कामुक और अधिक मिलनसार महसूस करती हैं.

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लूटियल फेज (16-22 दिन)



पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है.

ये वो फेज है जब महिलाएं सबसे ज्यादा शांत रहती हैं. महीने के 16 वें दिन महिलाओं का शरीर एग रिलीज करता है. इस दौरान प्रोगेस्ट्रोन नाम का हार्मोन बढ़ने लगता है जिसके कारण महिला काफी शांत महसूस करती हैं.

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लूटियल फेज का अंत (23-28 दिन)



पीरियड्स वाले मूड स्विंग्स. इसका असर सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हमेशा चलता रहता है.

PMS यानी की पीरियड होने से एक हफ्ता पहले वाला फेज. इस दौरान प्रोगेस्टेरोन हार्मोन का लेवल महिलाओं के शरीर में बढ़ने लगता है. इसी की वजह से महिलाएं इस फेज में काफी मूडी हो जाती हैं.

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