एनएसजी मुद्दे पर भारत का विरोध करने वाले चीन को अब भारत से मदद की आस है. चीन के विदेश मंत्री वांग 12 अगस्त से भारत के तीन दिन के दौरे पर आ रहे हैं. अगले महीने जी-20 की बैठक में भारत दक्षिण चीन सागर विवाद का मुद्दा न उठाए, इसके लिए वांग प्रधानमंत्री मोदी को राजी करने की कोशिश करेंगे.
इस सम्मेलन में कई देश दक्षिण चीन सागर पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं. चीन इस संबंध में भारत के शामिल न होने की इच्छा रखता है.
3 सितंबर से होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में मोदी राष्ट्रपति ओबामा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. वांग, मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के लिए अच्छा माहौल भी बनाने की कोशिश करेंगे. पिछले दिनों एनएसजी मुद्दे पर चीन के विरोध के चलते भारत-चीन संबंधों में कॉफी तनाव आ गया है.
दक्षिण चीन सागर विवाद मामला
दक्षिण चीन सागर पर सुनवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल ने समुद्र पर चीन के दावे को नकार दिया था. मामले में फिलीपीन्स को जीत मिली थी और चीन के नाइन डेश लाइन दावे को ट्राइब्यूनल ने मानने से इंकार कर दिया था.
चीन ने यह फैसला मानने से मना कर दिया था. इसके बाद उसे अमेरिका सहित कई देशों के विरोध का सामना करना पड़ा था. भारत ने मामले में संयमित प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित देशों को ट्राइब्यूनल का फैसला मानने की सलाह दी थी जो चीन को नागवार गुजरी थी.
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