इटली में बुधवार रात जबरदस्त भूकंप आया, जिसमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. भूंकप में करीब 247 लोगों की मौत हो गई और 368 लोग घायल हो गए हैं.
यूरोपियन मेडिटेरेनियन सिस्मोलॉजिकल सेंटर ने इसकी तीव्रता 6.1 बताई और कहा है कि इसका केंद्र रोम के पूर्वोत्तर में राइती के पास था.
सरकारी आरएआई रेडियो के मुताबिक, भूकंप स्थानीय समय के अनुसार रात साढ़े तीन बजे आया. लोगों ने घरों में तेज झटके महसूस किए. इसके बाद अफरातफरी मच गई और लोग अपने अपने घरों को छोड़ सड़कों पर नजर आए.
राहत कार्य जारी, लोगों ने ठंड में गुजारी रात
भूकंप के झटके रोम के कई और हिस्सों में भी महसूस किए गए. अनेक पहाड़ी गांव भी तबाह हो गए, जहां बड़ी संख्या में सैलानी आए थे. अभी भी तमाम लोग मलबे के नीचे दबे हैं. दर्जनों आपातकालीन सेवाएं, कर्मचारी और स्वयंसेवक राहत कार्य में जुटे हैं.
भूकंप के झटके दोबारा आने की आशंका के चलते सैकड़ों लोगों ने घर जाने के बजाय कड़कड़ाती ठंड के बावजूद अस्थायी तंबुओं में रात गुजारी.
इससे पहले प्रधानमंत्री मत्तेओ रेन्जी ने बताया था कि भूकंप में कम से कम 120 लोगों की जान गई है.
इटली में क्यों हुई इतनी तबाही
इटली में जितनी तीव्रता का भूकंप आया उससे कहीं अधिक तबाही हुई है. जबकि जापान में अक्सर इतनी तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं लेकिन वे लोग हर तरह के भूकंप के लिए तैयार रहते हैं. इटली में भारत की तरह ही वहां भी लोग भूकंप रोधी इमारतों का निर्माण नहीं करवाते जबकि वहां भी इस तरह की इमारतें बनाने का कानून है.
इटली में आखिरी बार साल 2009 में भूकंप आया था. तब भी भारी तबाही हुई थी और नेशनल कमीशन ऑन रिस्क प्रीवेंशन के 7 लोगों को भूकंप की पूर्व जानकारी ने देने के लिए गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 2012 में नरसंहार का दोषी बनाकर 6 साल की सजा भी सुनाई गई थी. हालांकि एक अपील कोर्ट के द्वारा 2014 में ये मामला निपटा दिया गया था.
-इनपुट भाषा से
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