मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद को आखिरकार पाकिस्तान ने आतंकवादी मान ही लिया है.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने सईद और उसके करीबी सहयोगी काजी काशिफ को आतंकवाद निरोधक कानून (एटीए) की चौथी अनुसूची में डाल दिया है.
पाक में एटीए की चौथी अनुसूची में नाम शामिल होना इस बात का सबूत है कि संबंधित व्यक्ति का आतंकवाद से कोई ना कोई वास्ता रहा है. इस अनुसूची में शामिल लोगों को विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध झेलना पड़ता है. साथ ही उनकी संपत्तियों की भी जांच की जाती है. अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर तीन साल की कैद और जुर्माना या दोनों हो सकते है.
सईद 30 जनवरी 2017 से ही नजरबंद है. इससे पहले सईद को मुंबई हमलों के बाद 2008 में भी नजरबंद किया गया था. लेकिन 2009 में कोर्ट के आदेश पर उसे रिहा कर दिया गया था.
क्यों आया पाक के रुख में बदलाव?
2 दिन पहले पाकिस्तान की शाहबाज कलंदर दरगाह पर हुए हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इसके चलते पाकिस्तान सरकार पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का घरेलू दवाब भी था.
साथ ही अमेरिकी प्रेसीडेंट ट्रंप की तरफ से पाक पर आतंकी संगठनों को पनाह देने पर उल्टी कार्रवाई का डर, भारत द्वारा इंटरनेशनल फोरम पर पाक की घेराबंदी भी सईद को आतंकी मानने के पीछे की वजह मानी जा रही हैं.
तीन और नाम हुए हैं शामिल
इस सूची में तीन अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है. इनमें फैसलाबाद के अब्दुल्ला ओबैद, मरकज-ए-तैयबा के जफर इकबाल और अब्दुर रहमान आबिद शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार गृहमंत्रालय ने इन आतंकियों की पहचान‘जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत के सक्रिय सदस्यों' के रुप में की है. मंत्रालय ने आतंकवाद निरोधक विभाग को इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
(इनपुट भाषा से)
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