दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाले भाई दूज (Bhai Dooj) के त्यौहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. भाई दूज को यमा द्वितीय और भाई टीका के नाम से भी जाना जाता है. ये त्यौहार भाई और बहन के बीच के प्यार और स्नेह के लिए मनाया जाता है.
भाई दूज का त्योहार कार्तिक माह के द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो कि इस साल 26 अक्टूबर को पड़ रहा है.
भाई दूज का महत्व
हिंदू धर्म के बाकी त्यौहारों की तरह, भाई दूज के त्योहार से कई कहानियां जुड़ी हुई हैं. कहा जाता है कि, मृत्यु के देवता, यमराज की बहन यमुना चाहती थीं कि उनका भाई उनके घर आकर उनसे मिले, लेकिन यमराज उनसे मिलने घर नहीं आ पाते थे. जब यमराज आखिरकार उनसे मिलने गए, तो यमुना ने अपने भाई के लिए बड़ा स्वागत सत्कार किया. उन्होंने भाई के आने की खुशी में मिठाई बांटी और भाई का टीका किया.
इन सबसे यमराज खूब प्रसन्न हुए. यमराज ने यमुना से एक वरदान मांगने को कहा. इसपर यमुना ने कहा कि वो एक ऐसा दिन अपनी बहन को दे दें, जिस दिन वो हर साल उसके घर आया करेंगे.
और इसी तरह भाई और बहन के बीच के रिश्ते को समर्पित भाई दूज के त्यौहार की शुरुआत हुई.
एक दूसरी कहानी के मुताबिक, इस दिन, भगवान कृष्ण राक्षस नरकासुर को हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के पास गए थे. सुभद्रा ने फूलों की माला से उनका स्वागत किया, उनके माथे पर टीका लगाया और एक आरती की, जिससे भाई दूज का त्यौहार शुरू हुआ.
कैसे मनाया जाता है भाई दूज?
भाई दूज का त्योहार काफी हद तक रक्षा बंधन के जैसा ही होता है, लेकिन यहां राखी नहीं बांधी जाती. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं. केवल बहनें ही नहीं, छोटे भाई-बहन अपने बड़ों का टीका करते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं. वहीं, बड़े भाई-बहन छोटों को उपहार देकर अपना स्नेह देते हैं.
इस साल भाई दूज तिलक का समय
भाई दूज अपराह्न समय - 1:12 PM से 03:27 PM तक
द्वितीया तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 26, 2022 को 02:42 PM बजे से
द्वितीया तिथि समाप्त - अक्टूबर 27, 2022 को 12:45 PM बजे तक
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