Char Dham Yatra 2023 Registration: उत्तराखंड सरकार ने इस साल की चारधाम यात्रा 2023 (Char Dham Yatra 2023) की तारीख का ऐलान कर दिया है, अक्षय तृतीया यानी 22 अप्रैल से यह यात्रा शुरू होगी. इसी दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाएंगे. वहीं केदारनाथ धाम (kedarnath temple) के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ (Badrinath dham) के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे. इस बार बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकेंगे.
श्रद्धालुओं के लिए टोल फ्री नंबर, ईमेल आईडी, ऐप और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किए हैं. चार धाम यात्रा के लिए रिजस्ट्रेशन की प्रक्रिया 21 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं. इससे पहले साल 2022 में 19 नवंबर को बद्रीनाथ के कपाट बंद करने के साथ ही चार धाम यात्रा समाप्त हो गई थी.
Char Dham Yatra Registration: रजिस्ट्रेशन कैसे करा सकते
श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा के रिजस्ट्रेशन प्रक्रिया 21 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं. जो भी अपने रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं वें नीचे दियें गए चार प्रकार में से किसी भी एक का चुनाव कर अपना रिजस्ट्रेशन करा सकते हैं.
registrationandtouristcare.uk.gov.in पर Register/Login पर जाकर नाम, फोन नंबर जैसी जानकारियां देकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
8394833833 नंबर पर Whatsapp के जरिए भी होगा रजिस्ट्रेशन, इस नंबर पर yatra मेसेज करना होगा, फिर कुछ सवालों के जवाब देने होंगे.
touristcareuttarakhand ऐप पर भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, टोल फ्री नंबर 01351364 पर भी इस बारे में जानकारी ले सकते हैं.
आप touristcareuttarakhand ऐप प्लेस्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं, जहां से जानकारियां देकर भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है.
सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि यात्रियों को रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ मेडिकल चेकअप भी करवाना होगा. सरकार ने लोगों से अपील की है कि रजिस्ट्रेशन करते समय सही मोबाइल नंबर ही दर्ज करें.
पर्यटन विकास परिषद के अनुसार धामों पर दर्शन के लिए प्रत्येक दर्शनार्थी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. यात्री अगर अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो उनको अपने वाहन का भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
चारधाम यात्रा कहां से शुरू करें
ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा एक पवित्र परिक्रमा है. कोई श्रद्धलू जब चार धाम की यात्रा करता है, तो माना जाता है कि उसने चार पवित्र स्थलों की परिक्रमा कर ली है. यह यात्रा उत्तराखंड के यमुनोत्री से शुरू होती है और फिर गंगोत्री की तरफ बढ़ती है. इसके बाद यह केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ मंदिर जाती है.
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