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कल मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा, इस दिन स्नान का होता है खास महत्व

कार्तिक पूर्णिमा की पूजा का विधि विधान क्या है, जानिए.

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कार्तिक महीने का आखिरी दिन, कार्तिक पूर्णिमा इस बार 30 नवंबर को मनाई जा रही है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं. हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व होता है.

पुराणों के मुताबिक, इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के असुर का संहार किया था, इसी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था.

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इस अवसर पर पवित्र नदी का स्नान, दीपदान, आरती, हवन और दान का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान और दीप दान करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है.

पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा 2020 तिथि:

  • 29 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर शुरू हुई
  • 30 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर खत्म होगी

कार्तिक पूर्णिमा मनाने की विधि

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
  • इस दिन नदी में नहाने का विशेष महत्व है.
  • सुबह के वक्त मिट्टी के दीपक में घी या तिल का तेल डालकर दान करें.
  • भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें.
  • इस दिन श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ किया जाता है.
  • घर में हवन या पूजन करें.
  • खाने की वस्तु, धन, वस्त्र और घी दान करें.
  • शाम के समय भी मंदिर में दीपदान करें.
  • कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा का त्‍योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है. एकादशी के दिन इसकी शुरुआत की जाती है, ये महीने का 11वां दिन होता है.त्‍योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन खत्‍म होता है, जो इस महीने की शुक्‍ल पक्ष का 15वां दिन होता है.

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मनाई जाएगी देव दीपावली

दिवाली के 15 दिनों बाद, कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. पुराणों के मुताबिक, भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार में जन्म लेने और भगवान शिव द्वारा राक्षस तारकासुर और उनके पुत्रों का वध के उपलक्ष देव दिवाली मनाई जाती है. इस दिन मंदिरों में ढेरों दीपक जला कर लोग ये पर्व मनाते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के दिन स्वर्ग से सभी देवी-देवता पृथ्वी पर काशी में दिवाली मनाने आते हैं. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. धर्म शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का विशेष महत्व है.

देव दीपावली का महत्व

घर अपने अपने पितरों के नाम पर दीपक रखें. परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पितरों को खुश करना बेहद जरूरी माना जाता है. देव दीपावली को पितर देवताओं को दीप दान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.

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