करवा चौथ (Karva Chauth/ Karwa Chauth) का त्योहार आज यानि 17 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जा रहा है. करवा चौथ के त्योहार पर इस बार खास संयोग बन रहा है. महिलाएं इस दिन रोहिणी और मंगल नक्षत्र में व्रत-पूजन कर पति की लंबी आयु की कामना करती है. माना जा रहा है कि शुभ संयोग सुहागिनों के लिए फलदायी होगा.
करवा चौथ की पूजा-अर्चना में व्रत कथा (Karwa Chauth Katha) का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि यह व्रत बिना कथा (Karwa Chauth Kahani) के अधूरा होता है. इस दिन महिलाएं एक साथ शाम को करीब 4 बजे भगवान गणेश की पूजा करती हैं. इसके बाद व्रत कथा सुनती हैं.
करवा चौथ की व्रत कथा
करवा चौथ की कथा इंद्रप्रस्थ नगरी के वेदशर्मा नाम के एक ब्राह्मण परिवार की पुत्री से जुड़ी है. वीरावती की शादी सुदर्शन नाम के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. वीरावती सात भाईयों में अकेली थीं. वीरावती ने एक बार करवा चौथ का व्रत मायके में किया. पूरे दिन निर्जला व्रत रहने के कारण वह काफी परेशान हो गईं. इसके बाद बहन वीरावती की ऐसी हालत उनके भाईयों से देखी नहीं गई. उन्होंने खेत में आग लगाकर समय से पहले नकली चांद उगा दिया.
वीरावती की भाभियों ने भी उसे चांद की बात निकलने की बात बताकर अर्घ्य दिलवा दिया. उसके बाद से ही वीरावती के पति बीमार रहने लगे. वीरावती ने इंद्र की पत्नी इंद्राणी का पूजन कर उनसे समाधान मांगा. तब उन्होंने व्रत खंडित होने की बात बताई और दोबारा से विधि-विधान से करवा चौथ व्रत रखने की सलाह ही. वीरावती ने ठीक उसी प्रकार किया और इससे उनका पति ठीक होने लगा. तभी से व्रत प्रचलन में आ गया.
गणेश जी की कहानी
करवा चौथ के दिन शाम के वक्त भगवान गणेश की पूजा की जाती है. पूजा के साथ ही महिलाएं विनायक जी ( Bindayak Ji) की कथा भी सुनती हैं. करवा चौथ के व्रत में भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है. आपको बता दें कि गणेश जी को ही लोग विनायक जी के नाम से पुकारते हैं. सुनें विनायक जी की कथा-
चांद निकलने का समय
चांद के आधार सेलिब्रेट किए जाने वाले इस त्योहार में सभी को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार रहता है. कभी-कभी चांद देरी से भी निकलता है. ऐसे में अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आखिर आज चांद कब निकलेगा तो बता दें कि ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय रात 8.15 बजे है.
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