ADVERTISEMENTREMOVE AD

Karwa Chauth 2019: करवाचौथ पूजा की जानिए विधि और मुहूर्त

जानिए कब है करवा चौथ, इस साल करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

करवाचौथ (Karwa Chauth) का त्योहार सुहागिनों के लिए खास होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. शाम को चांद का दीदार करने और पति के हाथों के व्रत खोलती हैं. इस साल करवा चौथ 17 अक्टूबर को है.

Karwa Chauth Moonrise Time Today Live Updates

ऐसी मान्यता है कि करवाचौथ व्रत को कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं.यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

करवाचौथ में शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति को छलनी देकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ हिंदुओं का एक खास त्योहारों में से एक है. इसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उत्साह के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. यदि आप भी इस साल रख रही हैं पहली बार व्रत तो कुछ बातों का जानना बेहद जरूरी है. इसके अलावा कुंवारी कन्याओं को भी इन बातों की जानकारी होनी चाहिए.

सुहागन की बची मेहंदी- करवा चौथ के दिन कुंवारी कन्याओं को किसी सुहागन के हाथ की मेहंदी अपने हाथों पर जरूर लगानी चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है.

नहीं रखना चाहिए निर्जला व्रत- करवा चौथ का व्रत कुंवारी लड़कियों को निर्जला नहीं रखना चाहिए, हालांकि वह फलाहार व्रत जरूर रख सकती हैं.

चंद्रमा को नहीं देना चाहिए अर्ध्य- कुंवारी कन्याओं को करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा को अर्ध्य नहीं देना चाहिए, बल्कि लड़कियों को तारों को अर्ध्य देकर व्रत खोलना चाहिए.

सुहागिनों के लिए सरगी जरूरी- करवा चौथ के उपवास के लिए सास अपनी बहुओं को सरगी देती हैं. सरगी में सास की तरफ से बहू को श्रृंगार का सामान, मीठा और कपड़े दिए जाते हैं. व्रत वाले दिन सुहागिनों सुबह चार बजे सरगी में दिए मीठे को खाकर अपने व्रत की शुरुआत करती हैं. इसके बाद शाम को चांद को देखने के बाद अपना व्रत खोलती हैं.

जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त- इस साल करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त करीब 1 घंटे 8 मिनट है. इस दौरान ही महिलाओं को करवा चौथ की पूजा करनी होगी। चंद्रोदय का समय 8.15 है.

करवा चौथ पूजा मुहूर्त

  • शाम 5:50 बजे से 6:58 बजे तक
  • चंद्रोदय समय: रात 8:15 ( Source: drikpanchang.com)

व्रतकथा के बिना करवा चौथ का व्रत अधूरा माना जाता है. हालांकि जल्दबाजी या फिर समय के अभाव में स्त्रियां व्रतकथा नहीं सुनती हैं, लेकिन इस काम को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. करवा चौथ के व्रत को पूरा करने के लिए व्रतकथा जरूर सुननी चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×