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Chandra Grahan 2020:5 जुलाई को चंद्र ग्रहण, उससे जुड़ी मान्यताएं  

5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है. यह लगातार तीसरा साल है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है. 

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चंद्रग्रहण 5 जुलाई रविवार को लगाने जा रहा है. इस साल जून के महीने में देशभर के लोगों को एक साथ दो ग्रहण देखने को मिले. जून के महीने की शुरुआत में सबसे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था. इसके बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था और सभी लोगों द्वारा टीवी पर इसे देखा भी गया था.

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ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं

  • ग्रहण के दिन ग्रहण से जुड़ी कुछ मान्यताएं है जैसे सूतक काल लगने के बाद से कुछ भी खाना नहीं चाहिए.
  • माना जाता है कि ग्रहण पोषक तत्वों को प्रभावित कर सकता है. इस दौरान खाना पकाने की भी मनाही होती है.
  • कुछ लोग पूरे ग्रहण के दौरान व्रत रखते हैं और कुछ खाते व पीते नहीं हैं.
  • महिलाओं को ग्रहण के दौरान सात्विक भोजन लेने की सलाह दी जाती है.
  • कहा जाता है कि पानी में 8-10 बूंदे तुलसी के पत्ते डालकर इसे उबाल कर इसे पीना चाहिए.

चंद्र ग्रहण का समय

भारतीय समय के अनुसार यह चंद्रग्रहण सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और 11 बजकर 22 मिनट पर यह चंद्र ग्रहण समाप्त होगा. यह चंद्र ग्रहण 11 बजकर 22 मिनट पर अपने चरम पर होगा. यह चंद्रग्रहण 2 घंटे 43 मिनट की अवधि तक रहेगा. चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है और इस बार ये चंद्र ग्रहण गुरू पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है.

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चंद्रग्रहण का सूतक काल

यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ऐसी स्थिति में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. मान्यता है कि चंद्रग्रहण लगाने के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है लेकिन यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है इसलिए इसमें सूतक काल नहीं माना जायेगा क्योंकि उपछाया चंद्रग्रहण में सूतक काल को मान्यता नहीं दी जाती है.

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