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Maha Shivaratri Puja Vidhi: भोलेनाथ की पूजा का ये है शुभ मुहूर्त

शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था.

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हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 21 फरवरी को मनाया जा रहा है. हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में महाशिवरात्रि 22 फरवरी को भी है. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. इस दिन उनके विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है.

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महाशिवरात्रि के दिन लोग भगवान शिव की बेलपत्र, दूध, दही, शर्करा से अभिषेक करते हैं. महाशिवरात्रि 21 फरवरी 2020 की शाम 5 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगी. अगर आप महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो हम आपको नीचे बता रहे हैं-

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Maha Shivaratri Subh Muhurat 2020:

  1. 21 फरवरी को पूजा का शुभ समय- 12:10 AM से 01:01 AM तक रहेगा.
  2. शुभ मुहूर्त की अवधि- 51 मिनट.
  3. 22 फरवरी को महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त- 06:55 AM से 03:26 PM तक
शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था.
Maha Shivaratri Subh Muhurat 2020.
(फोटो- https://www.drikpanchang.com/)
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भगवान शिव की आरती

शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था.
Maha Shivaratri Aarti 2020:
(फोटो- You tube)
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व्रत कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक व्यक्ति भगवान शिव का परम भक्त था. एक बार वह जंगल गया और भटक गया. बहुत रात हो जाने के कारण उसे उसके घर का रास्ता नहीं मिल रहा था. बीच जंगल में चले जाने के कारण उसे जंगली जानवरों का भी डर सताने लगा. जानवरों के डर के कारण वह एक पेड़ पर चढ़ गया लेकिन उसे डर था कि अगर वह सो गया तो वह पेड़ से गिर जाएगा और जानवर उसे खा जाएंगे. ऐसे में वह जागते हुए रात भर भगवान शिवजी का नाम लेकर पत्तियां तोड़ कर गिराता रहा. जब सुबह हुई तो उसने देखा कि उसने रात में हजार पत्तियां तोड़ कर शिव लिंग पर गिराई हैं, और जिस पेड़ की पत्तियां वह तोड़ रहा था वह बेल का पेड़ था. अनजाने में रात भर पूजा करने के कारण भगवान शिव ने खुश होकर उसे आशीर्वाद दिया.

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