मकर संक्रांति (Makar Sankranti) हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है. मकर संक्रांति को हर साल 14 जनवरी को मनाते हैं. हालांकि पिछले साल से सूर्य के राशि परिवर्तन के समय में अंतर के कारण यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाने लगा है. इस कारण ही हिंदू पंचागों में इस साल मकर संक्रांति की तारीख 15 जनवरी 2020 बताई गई है. मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग नामों से जानते हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार में इस पर्व को खिचड़ी कहते हैं. इसी दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है और खरमास की समाप्ति होती है. जिसके बाद मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं.
मकर संक्रांति की तारीख और शुभ मुहूर्त
पुण्यकाल: सुबह 07.19 से 12.31 बजे तक
महापुण्य काल - सुबह 07.19 से 09.03 बजे तक (सोर्सः https://hindi.astroyogi.com/)
इस साल 14 जनवरी की मध्य रात्रि 2 बजकर 8 मिनट में सूर्य मकर राशि में उत्तरायण होंगे और यही वजह है कि बुधवार यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. मकर संक्रांति में दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस दिन किया गया दान पुण्य फलदायी होता है.
मकर संक्रांति का महत्व
ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर भीष्म पितामह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. इसके साथ ही सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाते हैं. जिसके कारण से खरमास समाप्त हो जाता है. इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि गंगा स्नान मोक्ष का रास्ता है. इस कारण से लोग मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान के साथ दान भी करते हैं.
मकर संक्रांति पर दान का महत्व
ऐसा कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर पूर्वजों के लिए श्राद्ध-तर्पण करना चाहिए. इससे दिन तिल का उपयोग करना उत्तम माना जाता है.
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