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मकर संक्रांति, एक ऐसा त्योहार जिसे एक साथ समूचा भारत मनाता है

जानिए मकर संक्रांति को भारत और विदेशों में कैसे और किन नामों के साथ मनाया जाता है.

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लंबे समय से कहा जाता रहा है कि भारत विविधताओं से भरा देश है. हमें अक्सर अपने आसपास ही इसके कई उदाहरण देखने को मिलते रहते हैं. जब भी भारत की विविधता की बात होती है, तब उसकी एकता का भी जिक्र होता है. ऐसे में भारत के लिए कहा जाता है- 'अनेकता में एकता'.

यही बात भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों पर भी लागू होती है. देश में कई ऐसे त्योहार हैं जिन्हें एक ही समय पर कई राज्यों में एक साथ मनाया जाता है. इन्हीं में से एक है मकर संक्रांति.

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क्या है मान्यता?

मकर संक्रांति हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, ये त्योहार पौष महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. संक्रांति का मतलब होता है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना. मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इसे मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है.

साथ ही इस तिथि पर धरती का उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर झुकता है. इसी दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है, जिस वजह कई प्रांतों में इसे उत्तरायण के नाम से भी मनाया जाता है. क्योंकि सूर्य को धरती पोषक माना जाता है और सूर्य के कारण ही ऋतुओं में बदलाव होता है. धरती अन्न पैदा करती है, इसलिए इस दिन सूर्य की पूजा का विशेष महत्तव है.

अब आइए जानते हैं कि ये त्योहार भारत में कहां-कहां और किन नामों-मान्यताओं के साथ मनाया जाता है.

उत्तरायण: गुजरात

भारत के पश्चिमी प्रांत गुजरात में उत्तरायण धूमधाम से मनाया जाता है. खासतौर से इस त्योहार में गुजरात की पतंगबाजी बेहद मशहूर है. गुजरात में पतंगबाजी के कई आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होते हैं.

गुजरात में इस अवसर पर खाने पीने की चीजों का भी बहुत प्रचलन है. इस दिन हर घर में ऊंधियु सब्जी, ढोकला और तिल के लड्डू तो जरूर ही बनते हैं,

बिहू: असम

बिहू असम के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. असम में साल भर में 3 बिहू मनाए जाते हैं- बोहाग, माघ और काटी. इन तीनों का संबंध कृषि से है. मकर संक्रांति पर मनाया जाने वाला माघ बिहू होता है.

क्योंकि ये असम का एक अहम त्योहार है इसलिए लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं. इस त्योहार पर तरह-तरह के पकवान बनते हैं, जैसे तिल पिट्ठा, शाक,मंग्शो, आलू पिटिका आदि.

पौष परब: पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में संक्रांति को पौष संक्रांति या पौष परब के नाम से जाना जाता है. इसका संबंध भी कृषि से होने के कारण और नई धान की फसल से उपजे चावल से पकवान बनते हैं. पौष पार्बोन 3 दिनों तक मनाया जाता है. देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

पौष पर्व पर भी खास व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जैसे पुली पिट्ठा, आरसे पिट्ठा, खीर पुली पिट्ठा आदि.

पोंगल: तमिलनाडु

पोंगल दक्षिण भारत के बड़े त्योहारों में से एक है जो मुख्य रूप से तमिलनाडु में मनाया जाता है. तमिलनाडू में सूर्य भगवान को अन्न और धन देने वाला देवता माना जाता है. उनकी उपासना में 4 दिनों तक उत्सव मानाया जाता है. सूर्य देवता के प्रति आभार भी व्यक्त किया जाता है.

ये त्यौहार कृषि और फसल से संबंधित है. पोंगल पर एक विशेष प्रसाद भी तैयार किया जाता है जिसे ‘पगल’ कहा जाता है.

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इन सबके अलावा मकर संक्रांति को भारत के अन्य प्रांतों में भी अलग-अलग नामों के साथ मनाया जाता है. जैसे मकर संक्रांति- आंध्र प्रदेश, तिला संक्रैत- मिथिला (उत्तर बिहार), संकरात- हरियाणा, माघा साजी- हिमाचल प्रदेश, सुग्गी- कर्नाटक, घुघुटी- उत्तराखंड आदि.

पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी मनाया जाता है

ये त्योहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी मनाया जाता है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इसे ‘तिरमूरी’ के नाम से मनाया जाता है. नेपाल में इसे ‘माघे संक्रांति’ और बांग्लादेश में इसे ‘पौश संक्रांति’ के नाम से मनाया जाता है.

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