दक्षिण भारत में ओणम (Onam 2020) सबसे मुख्य त्योहार माना जाता है. केरल में इसे बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का अंतिम दिन बेहद खास होता है, जिसे थिरुवोणम (Thiruvonam) कहते हैं. इस बार ओणम सोमवार, 22 अगस्त से 2 सितंबर तक पूरे 10 दिन मनाया जा रहा है. इसकी मुख्य पूजा (Onam puja) सोमवार, 31 अगस्त को होगी. ओणम को खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है.
10 दिनों का है त्योहार
ओणम महोत्सव में 10 दिनों तक अलग-अलग तरह से भगवान की पूजा की जाती है जो इस प्रकार है- 1. एथम 2. चिथिरा 3. चोधी 4. विसाकम 5. अनिजाम 6. थ्रिकेता 7. मूलम 8. पूरादम 9. उथिरादम 10. थिरुवोणम.
ओणम शुभ मुहूर्त
- ओणम उत्सव आरंभ 21 अगस्त 2020
- ओणम महोत्सव की अंतिम तिथि 2 सितंबर 2020
- ओणम मुख्य पर्व थिरुवोणम नक्षत्र आरंभ तिथि और समय 30 अगस्त 2020 दोपहर 01:52
- थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त 31 अगस्त 2020 दोपहर 03:04 बजे
क्यों मनाते हैं त्योहार?
ओणम को मलयालम कैलेंडर के अनुसार राज्य का कृषि पर्व माना जाता है. कहा जाता है कि ओणम राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है. वामन पुराण के अनुसार असुरों के राजा बलि ने अपने बल और पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था. जब बलि के आधिपत्य से घबराकर इंद्र देवता भगवान विष्णु से मदद मांगने पहुंचे, तो भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे.
वामन ने बलि से तीन पग भूमि मांगी. पहले और दूसरे पग में भगवान ने धरती और आकाश को नाप लिया. अब तीसरा पग रखने के लिए कुछ बचा तो राजा बलि ने कहा कि तीसरा पग उनके सिर पर रख सकते हैं. भगवान वामन ने ऐसा ही किया. इस तरह राजा बलि के आधिपत्य में जो कुछ भी था वह देवताओं को वापस मिल गया.
इसके साथ ही बलि के भाव को देखकर भगवान वामन ने उन्हें वरदान दिया कि वह साल में एक बार अपनी प्रजा और राज्य से मिलने जा सकते हैं. इसी के साथ यह मान्यता पड़ी की राजा बलि ओणम के त्योहार पर अपनी प्रजा से मिलतने आते हैं.
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