उड़ीसा के पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 14 जुलाई से शुरू हो रही है. ये यात्रा 10 दिनों तक जारी रहेगी.
जगन्नाथ मंदिर में पहले पूजा होती है, फिर पुरी नगरी में शोभा यात्रा निकालकर भगवान को घुमाया जाता है. भगवान जगन्नाथ को विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है.
रथ में भगवान जगन्नाथ के अलावा भगवान बलभद्र और मां सुभद्रा होती हैं.
इस रथ के साथ कई मोटे मोटे रस्से बंधे होते हैं, जिन्हें वहां मौजूद हर श्रद्धालु हाथ लगाना चाहता है. इस यात्रा में लाखों की तादाद में लोग शामिल होते हैं. देश ही नहीं, विदेश से भी लोग यहां आते हैं. ये यात्रा विश्व प्रसिद्ध है. यूनेस्को ने पुरी को विश्व धरोहर का दर्जा दिया है.
14 जुलाई को होनी वाली यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षाबल वर्दी में तो मौजूद रहेंगे ही, साथ ही पुलिस भी बिना वर्दी के भीड़ में मौजूद रहेगी और संदिग्धों हरकतों पर नजर रखेगी.
जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें
- जगन्नाथ मंदिर और इसके आसपास की हवाएं जमीन से समुद्र की ओर चलती हैं, जबकि अमूमन ज्यादातर समुद्री तटों पर हवा समुद्र से जमीन की तरफ चलती है.
- मंदिर के पास कोई पक्षी उड़ता देखा नहीं जाता.
- मंदिरा की रसोई सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है. इसमें 65 तरह के भोग बनते हैं. यहां 500 रसोइए और उनके 300 सहयोगी काम करते हैं.
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