ADVERTISEMENTREMOVE AD

विश्वकर्मा पूजा कैसे की जाती है, इस दिन का महत्व समझिए

विश्वकर्मा जयंती क्यों, कब, कैसे, कौन सबकुछ जानिए

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

विश्वकर्मा पूजा का त्योहार कारीगरी के देवता विश्वकर्मा की जयंती के रूप में मनाया जाता है. उनको इस विश्व की रचना करने वाला माना गया है.

ऋग्‍वेद में जिक्र है कि विश्वकर्मा को दैवताओं के लिए अनोखी चीजें रचने वाला माना गया है. ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा ने अपने विशेष औजारों से हिंदू देवी-देवताओं के महलों को बनाया है,

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विश्वकर्मा पूजा 2019: तारीख

विश्वकर्मा पूजा को भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इसे सामान्य रूप से जॉर्जियन कैलेंडर के अनुसार 16 या 17 सितंबर को मनाया जाता है. इसे हिंदू महीने के मुताबिक भादो महीने के बाद मनाया जाता है.

इस साल ये त्योहार मगंलवार 17 सितंबर को मनाया जा रहा है. इसे असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड उड़ीसा, त्रिपुरा में खास तौर पर मनाया जाता है. इसे हमारे पड़ोसी देश नेपाल में भी मनाया जाता है.

इसे कौन मनाता है?

वैसे तो विश्वकर्मा पूजा कोई भी कर सकता है, लेकिन ये ज्यादातर फैक्‍ट्र‍ियों और इंडस्ट्रियल इलाकों में मनाया जाता है. जो लोग मशीन आदि पर काम करते हैं, वे उन यंत्रों की पूजा करते हैं. साथ ही दुकानदार, छोटे कारोबारी भी इस दिन अपनी दुकानों में यह पूजा करते हैं.

सिर्फ कारीगर समुदाय ही नहीं, बल्कि इसे कलाकार, मिस्त्री, धातुओं के काम से जुड़े कारीगर, उद्योगों में काम करने वाले कामगार भी मनाते हैं.

इसे कैसे मनाया जाता है?

लोग इस त्योहार पर विश्वकर्मा भगवान से कामना करते हैं कि वो यंत्रों के साथ काम करते वक्त सुरक्षित रहें, काम के दौरान उनको किसी आपदा का सामना न करना पड़े, साथ ही उनकी मशीनें अच्छे से काम करें.

आजकल लोग अपने नए डिवाइस की भी पूजा करने लगे हैं, जैसे कैल्कुलेटर, कंप्यूटर, प्रिंटर. इनकी भी तिलक लगाकर पूजा करते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×