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‘आंखों की मस्ती’ से ‘दिल तो पागल है’... आशा भोसले के नगमे

एक वक्त था जब साइड रोल निभाने वाली लड़कियों पर ही आशा भोसले की आवाज को इस्तेमाल किया जाता था

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एक वक्त था जब साइड रोल निभाने वाली लड़कियों पर ही आशा भोसले की आवाज को इस्तेमाल किया जाता था. फिर वो वक्त भी आया, जब बड़ी से बड़ी हिरोइन आशा की आवाज के लिए तरसा करती थीं. संगीत की दुनिया में ये माना जाने लगा था कि सिर्फ चुलबुले गानों के लिए ही आशा की आवाज को इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन जब संजीदा और रोमांटिक गानों की बारी आई, तो आशा भोसले ने सबको गलत साबित कर दिया.

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शास्त्रीय गायकी रही हो या फिर गजल गायकी, लाइट म्यूजिक रहा हो या फिर आइटम सॉन्ग हर अंदाज के साथ उन्होंने पूरा न्याय किया. गुजरे वक्त के संगीतकार एसडी बर्मन, ओपी नय्यर या फिर लक्ष्मीकांत प्यारेलाल रहे हों, शंकर जयकिशन रहे हों या फिर बदलते दौर के संगीतकार जतिन- ललित, अन्नु मलिक, एआर रहमान हर दौर के संगीतकार के साथ आशा ने जी तोड़ काम किया.

एक इंटरव्यू के दौरान आशा भोसले ने बताया था कि बड़ी बहन लता मंगेशकर के साथ हर दफा तराजू में तोले जाने से मुझे काफी तकलीफ होती थी. इस तकलीफ से निजात पाने के लिए मैंने अपना एक ऐसा स्टाइल बना लिया, जो मेरी बहन गा ही ना सके. और ये फॉर्मूला सक्सेसफुल रहा और मार्केट में मैंने अपना अलग नाम बना लिया.
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आशा ने परिवार के खिलाफ जाकर गणपत राव भोसले से शादी की थी. यही वजह थी कि लता मंगेशकर और उनके परिवार के बीच दूरियां बढ़ गई थीं. इसी बीच आशा ने संगीत की दुनिया में कदम रखा था. ये वो दौर था जब शमशाद बेगम, गीता दत्त और लता मंगेशकर संगीत की दुनिया में बड़ी ऊंचाइयों पर थीं. और ऐसे माहौल में अपने लिए जगह बनाना बड़ा ही मुश्किल था.

आशा कहती हैं कि उस दौर में लता मंगेशकर ने भी उनकी मदद नहीं की, अगर लता उस वक्त उनकी मदद करतींं, तो शायद वो परेशानियों से जल्द बाहर आ जातीं, लेकिन लता उनका सहारा कभी भी नहीं बनी.
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आशा ने 1980 में आरडी बर्मन के साथ शादी की. यह आशा भोसले और पंचम, दोनों के लिए दूसरी शादी थी. 8 सितंबर 1933 में जन्मी आशा को फिल्म मेकर बिमल रॉय ने 1953 ने अपनी फिल्म 'परिणीता' में गाने का मौका दिया, वहीं राज कपूर ने भी 1954 की फिल्म बूट पॉलिश में आशा को मोहम्मद रफी के साथ गीत गाने मौका दिया. आशा ने 1000 से ज्यादा फिल्मों में 20 भाषाओं में करीब 12000 गाए.

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आशा भोसले को 7 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड, 2 बार नेशनल अवॉर्ड, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है. 1997 में आशा भोसले पहली भारतीय सिंगर बनीं, जिन्हें ग्रैमी अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था.

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