“कोई भी सफलता या उपलब्धि सार्थक नहीं है, जब तक वो देश और उसकी जनता के हित और जरूरत को पूरा नहीं करती है”जेआरडी टाटा
हम सभी एयर इंडिया को जानते हैं, लेकिन क्या हम ये जानते हैं कि इसकी शुरुआत किसने की थी? या एयर इंडिया पहले 'टाटा एयरलाइन्स' हुआ करता था?
ये कहानी है उद्योगपति जेआरडी टाटा की, जिन्होंने भारत को 1932 में उसकी पहली एयरलाइन - 'टाटा एयरलाइन्स' दी.
फ्रांस से भारत तक का सफर
भारतीय उद्योगपति रतनजी दादाभाई टाटा और सुजेन्न ब्रीरे के बेटे जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा का जन्म 1904 में पेरिस में हुआ था.
ऐसा कहा जाता है कि जेआरडी टाटा इंग्लिश से बेहतर फ्रेंच बोलते थे. उन्होंने फ्रांस, जापान और इंग्लैंड में अपनी पढ़ाई की और फिर एक साल तक फ्रेंच आर्मी में भी अपनी सेवाएं भी दीं.
1868 में वो भारत की सबसे बड़ी स्टील बनाने वाली प्राइवेट कंपनी टाटा ग्रुप से जुड़े, जिसकी स्थापना उनके दादा जमशेदजी टाटा ने की थी.
1929 में उन्होंने अपनी फ्रेंच नागरिकता छोड़ दी और भारत में ही रहने का तय किया.
एविएशन इंडस्ट्री के जनक
भारत के पहले कमर्शियल पायलट के रूप में 1932 में उन्होंने अपनी उड़ान भरी. 1938 में 34 साल की उम्र में उन्हें टाटा ग्रुप की चेयरमैन बनाया गया.
1946 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद टाटा एयरलाइन्स सार्वजनिक हो गई और इसका नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड किया गया. 1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया.
वो काफी जुनूनी थे. उन्होंने एक बार विमान के टॉयलेट को भी साफ किया था. सफाई करने वाले क्रू मेंबर्स में शामिल होने में भी जेआरडी टाटा ने जरा भी संकोच नहीं किया.
एक सच्चे भारतीय
पेरिस में जन्म लेने और विदेश में पढ़ाई के बावजूद जेआरडी टाटा के अपने देश के नाम प्यार कभी कम नहीं हुआ.
- चीन के खिलाफ युद्ध को लेकर चिंतित जेआरडी ने सेना के लिए मिलिट्री ट्रक की पेशकश की थी. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय रक्षा कोष में उन्होंने 30 लाख का दान दिया, जिससे सरकारी कर्मचारियों के वेतन की चिंता किए बिना सेना में भर्ती संभव हो सके.
- भारत की बढ़ती जनसंख्या की समस्या को देख जेआरडी ने फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण की पहल की. उनके काम के लिए 1992 में जेआरडी टाटा को यूएन पॉपुलेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
- जेआरडी ने ही देश में पहला कॉर्पोरेट एचआर विभाग शुरू किया. वो कंपनी चलाने में अपने कर्मचारियों का भी सुझाव चाहते थे.
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1944 के बॉम्बे प्लान में जेआरडी ने भारत के आर्थिक विकास के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
1957 में उन्हें पद्म विभूषण, 1988 में एविएशन के लिए मिला डेनियल गुग्नेइनिम अवार्ड और 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न सम्मानित किया गया.
29 नवंबर 1993 को 87 साल की उम्र में जेआरडी टाटा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम और विवेक गुप्ता
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