15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस आते ही पूरा देश देशभक्ति के रंगों मे रंग जाता है. सरकारी दफ्तर हो या स्कूल हर तरफ दूर-दूर तक तिरंगा लहराता हुआ नजर आता है. तिरंगा देश की एकता, अखंडता और उसकी पहचान को एक सूत्र में बांध कर प्यार का संदेश देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के एक सूत्र में बांधने वाले इस झंडे को किसने बनाया है?
तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था 2 अगस्त 1876 आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में जन्मे पिंगली वेंकैया ने. वेंकैया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. देश को तिरंगा देने वाले पिंगली वेंकैया के बारे कम ही लोग जानते हैं. आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जड़ी कुछ खास बातें.
पिंगली वेंकैया मछलीपट्टनम से हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कोलंबो चले गए. सन 1899 से 1902 के बीच दक्षिण अफ्रीका के ‘बोअर’ युद्ध में उन्होंने भाग लिया. इसी बीच वहां पर वेंकैया साहब की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई, वे उनके विचारों से काफी प्रभावित हुए.
स्वदेश वापस लौटने पर वेंकैया मुंबई में रेलवे में गार्ड की नौकरी करने लगे. इसी बीच, मद्रास (चेन्नई) में प्लेग नामक महामारी के चलते कई लोगों की मौत हो गई, जिससे उनका मन व्यथित हो उठा और उन्होंने वह नौकरी भी छोड़ दी. वहां से मद्रास में प्लेग रोग निर्मूलन इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हो गए.
पहले डिजाइन हुआ था रिजेक्ट
पिंगली वेंकैया ने 1916 के बाद करीब 5 सालों के अध्ययन के बाद तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था. पिंगली वैंकेया ने पहले हरे और लाल रंग का इस्तेमाल करते हुए एक झंडा तैयार किया था, जिसे सबकी सहमति नहीं मिली थी. इसके बाद उन्होंने एक ऐसा ध्वज तैयार किया, जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियां थीं. इसे सभी की सहमति मिल गई थी.
राष्ट्रीय ध्वज बनाने के बाद पिंगली वैंकेया का नाम ‘झंडा वैंकेया’ के तौर पर लोगों के बीच मशहूर हो गया. 4 जुलाई, 1963 को पिंगली वैंकेया का निधन हो गया. भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का डिजाइन बनाने वाले पिंगली वेंकैया के सम्मान में भारत सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया था. इस डाक टिकट में उनके बनाए गए तिरंगे के साथ उनकी तस्वीर भी थी.
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