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श्रेया घोषाल: देवदास से बाजीराव तक.. वो गाने जो जीत लेंगे आपका दिल

श्रेया के जन्मदिन पर सुनिए नशा भर देने उनके सुरीले गाने

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ये कहानी है एक ऐसी गायिका की, जिसने महज 5 साल की उम्र में गायकी का सफर शुरू किया. अपनी मां से गायकी की तालीम लेने वाली श्रेया घोषाल अपना 36वां जन्मदिन मना रहीं हैं. 12 मार्च 1984 को पश्चिम बंगाल के ब्रह्मपुर (मुर्शीदाबाद) में जन्मीं श्रेया ने छोटी उम्र में कई अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. कल्याण जी आनंद जी से 18 महीने संगीत सीखने के बाद मशहूर रियलिटी शो सा रे गा मा पा से इन्हें पहचान मिली. श्रेया का पहला रिकॉर्डेड गाना ‘गणराज रंगी नाचतो’ था.

संजय लीला भंसली ने अपनी फिल्म ‘देवदास’ में पारो के लिए श्रेया की अवाज को चुना. इस फिल्म में गाए गानों ने श्रेया को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. सेमी क्लासिकल और क्लासिकल म्यूजिक में महारत हासिल करने वाली श्रेया ने जब ‘जादू है नशा है’ और ‘तुम को लेकर चलें’ जैसे गाने गाए तो लोग हैरत में पड़ गए. अपनी इस नए अंदाज की गायकी से श्रेया ने खुद को हरफनमौला साबित कर दिया था. फिल्मफेयर अवॉर्ड विजेता श्रेया के नाम पर आज भी अमेरिका के 'ओहियो' राज्य में 26 जून का दिन 'श्रेया घोषाल डे' के नाम से मनाया जाता है. श्रेया के जन्मदिन पर सुनिए नशा भर देने उनके सुरीले गाने

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