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COVID VARIANT: BA 2.86 और EG.5 ने दुनिया के कई देशों की बढ़ाई चिंता

COVID 19 Variant: ERIS वेरिएंट के बाद आए इस नए कोविड वेरिएंट BA 2.86 में 36 से ज्यादा बदलाव देखे जा रहे हैं.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>New COVID Variant BA 2.86 and ERIS</strong>:&nbsp;क्या दुनिया में कोविड 19 के बढ़ते मामले भारत के लिए चिंता का विषय हैं?</p></div>
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New COVID Variant BA 2.86 and ERIS: क्या दुनिया में कोविड 19 के बढ़ते मामले भारत के लिए चिंता का विषय हैं?

(फोटो: फिट हिंदी/iStock)

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New COVID Variant BA 2.86 and ERIS: कोविड के नए वेरिएंट BA 2.86 ने दुनिया के कई देशों में दस्तक दे दी है. ERIS वेरिएंट के बाद आए इस नए कोविड वेरिएंट BA 2.86 में 36 से ज्यादा बदलाव देखे जा रहे हैं. जो पुराने वैक्सीन और इन्फेक्शन से बनी इम्युनिटी को नजरअंदाज कर लोगों को संक्रमित कर सकता है.

क्या है कोविड का नया वेरिएंट BA 2.86? क्या कहा WHO ने ? BA 2.86 और ERIS/EG.5 के लक्षण क्या हैं? क्या दुनिया में कोविड के बढ़ते मामले भारत के लिए चिंता का विषय हैं? फिट हिंदी ने इन सवालों के जबाब जाने एक्सपर्ट्स से.

कोविड का नया वेरिएंट BA 2.86

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) वर्तमान में एक नए कोविड-19 वेरिएंट की निगरानी कर रहा है, जिसमें बहुत अधिक म्युटेशन देखा जा रहा है. वर्तमान में डेनमार्क, इजराइल, ब्रिटेन और अमेरिका में संक्रमण का कारण बनने वाले इस वेरिएंट को BA2.86 कहा जाता है.

Covid 19 के अलग-अलग नए वेरिएंट आते रहते हैं और इस बार ERIS वेरिएंट के बाद आया है BA 2.86 वेरिएंट.

"जब भी हम बात करते हैं कोविड के नए वेरिएंट के बारे में तो हर 3 से 6 महीने में हम देख रहे हैं कि ओमिक्रोन जो कि बीते लगभग डेढ़ साल से हमारा प्रमुख वेरिएंट है अलग-अलग सब वेरिएंट बना रहा है. उसमें अपने से ही म्युटेशन यानी बदलाव आते हैं."
डॉ. नेहा रस्तोगी, कंसलटेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

फिट हिंदी ने डॉ. नेहा रस्तोगी से BA 2.86 के बारे में विस्तार से जाना.

वो कहती हैं कि इसे 'वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' कहा जा रहा है. ऐसा देखा गया है कि ये BA 2.86, पुराने ओमिक्रोन पैरेंटल स्ट्रेन से कहीं ज्यादा संक्रामक और ज्यादा तेजी से फैलता है.

दूसरी बात ये है कि BA 2.86 के अंदर 36 से ज्यादा बदलाव हैं, जिस कारण ये कोविड की पुरानी वैक्सीन और पहले हुए इन्फेक्शन को नजरअंदाज कर लोगों को फिर से इन्फेक्ट कर सकता है.

भारत में अभी तक BA 2.86 का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

BA 2.86 और ERIS/EG 5 पर WHO ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केवल 3 मामलों का पता चलते ही WHO ने BA 2.86 को 'वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' की श्रेणी में डाल दिया है.

WHO किसी कोविड-19 वेरिएंट को 'अंडर मॉनिटरिंग' के रूप में तब पहचान करता है, जब वेरिएंट के कारण रोग में गंभीरता और इम्युनिटी से बच निकलने जैसे लक्षण दिखते हैं. इसे WHO की वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट या कंसर्न की सूची में अपग्रेड भी किया जा सकता है.

वहीं WHO ने ERIS/EG.5 को भी 'वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' की श्रेणी में डाल हुआ है.

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कोविड वेरिएंट ERIS/EG.5

एरिस वेरिएंट की बात की जाए तो समय के साथ इसके अंदर भी बदलाव आए हैं, जिसकी वजह से इसका रेट ऑफ स्प्रेड और ज्यादा तेज हो गया है.

WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' बताया है क्योंकि ये वेरिएंट कोविड की वैक्सीन और पहले हो चुके कोविड इन्फेक्शन की इम्युनिटी से बच कर निकल जा रहा है.

"EG.5 वेरिएंट जिसको हम एरिस नाम से जान रहे हैं उसके 50 से अधिक देशों में स्प्रेड होने के आसार हैं."
डॉ. नेहा रस्तोगी, कंसलटेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

मई 2023 में भारत के पुणे शहर में इसके कुछ मामले मिले. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि चिंता करने की अभी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि WHO ने इसे मॉनिटरिंग के तहत एक वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है.

"एरिस कोविड वेरिएंट भारत में मई 2023 में पहली बार मिला था. तब से, जून और जुलाई में इस वेरिएंट के करण कोविड के मामले में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है. जिससे पता चलता है कि यह वेरिएंट भारत में अभी तक बहुत ज्यादा फैला नहीं है, हालांकि, हमें सतर्क रहना चाहिए."
डॉ. के मदन गोपाल, सलाहकार- जन स्वास्थ्य प्रशासन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (NHSRC), MoHFW, GOI

इसके लक्षणों और गंभीरता पर UKHSA और WHO बारीकी से नजर रख रहा है ताकि इसके सार्वजनिक स्वास्थ्य और टीकाकरण प्रभाव पर आकलन किया जा सके. अब तक, ऐसा कोई सबूत नहीं है कि ओमिक्रोन एरिस अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है या अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का जोखिम बढ़ता है.

यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) के अनुसार, यह वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है और इसकी साप्ताहिक वृद्धि में 20.51% की वृद्धि हुई है. 20 जुलाई, 2023 तक यूके में सभी कोविड-19 मामलों का लगभग 14.5% है.

BA 2.86 और ERIS/EG.5 के लक्षण 

डॉ. नेहा रस्तोगी फिट हिंदी से कहती हैं कि कम पता चलने की क्षमता के कारण संक्रमण की शुरुआत के 3-4 दिनों में इसका टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव आ रहा है. लक्षण का पता चलने के 5-6 दिनों के बाद टेस्ट कराने पर रिजल्ट पॉजिटिव देखने को मिल रहा है.

BA 2.86 के लक्षण ये हैं:

  • कोल्ड और कफ

  • तेज बुखार

  • गला खराब

  • सिरदर्द

  • थकान

एरिस (ERIS) की पहचान पहली बार इस साल 3 जुलाई को ओमिक्रॉन के स्ट्रेन के रूप में की गई थी. वास्तव में, XBB.1.16 के बाद, ERIS ब्रिटेन में सबसे अधिक COVID-19 मामलों का कारण बन रहा है.

यह अधिक संक्रामक प्रतीत होता है, लेकिन इस स्तर पर यह वेरिएंट टीकाकरण प्राप्त व्यक्तियों में गंभीर बीमारी की उच्च दर का कारण नहीं बनता है. हालांकि, अधिक मामलों से कोविड मरीजों की लंबी सूची जरुरी बनती जा रही है.

ERIS/EG.5 के लक्षण ये हैं:

  • बहती या बंद नाक

  • सिर दर्द

  • थकान

  • छींकना

  • सूखी खांसी

  • गले में खराश

  • शरीर में दर्द

क्या कोविड के बढ़ते मामले भारत के लिए चिंता का विषय हैं?

"अगर बहुत जरुरी नहीं हो तो देश से बाहर जाने से बचें खासकर जहां पर ये वेरिएंट फैला हुआ है, वहां जाने से बचें, जैसे US और UK."
डॉ. नेहा रस्तोगी, कंसलटेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

ERIS/EG.5

एक्सपर्ट्स के अनुसार,

  • हमें वैक्सीन की सुरक्षा लेनी चाहिए. 

  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए.

  • मास्क और हैंड सैनिटाइजर अपने साथ रखें और समय-समय पर इसका इस्तेमाल करते रहें.

  • फिजिकल डिस्टेंस बनाए और अगर कोई आपके आसपास खांस-छींक रहा है, तो उनसे दूरी बनाए रखें. 

"कोविड के नए वेरिएंट BA 2.86 के लक्षण EG.5 के लक्षण जैसे ही हैं. अभी इसकी गंभीरता के बारे में कहना जल्दबाजी होगी."
डॉ. के मदन गोपाल, सलाहकार- जन स्वास्थ्य प्रशासन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (NHSRC), MoHFW, GOI

BA 2.86

WHO ने इस वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग' बताया है. यह कोविड वेरिएंट तेजी से फैलने वाला संक्रमण है पर अभी कोई ऐसा डेटा सामने नहीं आया है, जो इसके हॉस्पिटल में भर्ती होने और मृत्यु की दर पर रोशनी डाल सके.

  • हमें सतर्क रहना चाहिए.

  • मास्क और सैनिटाइजेशन की मदद लेनी चाहिए.

  • भीड़भाड़ वाली जगहों से बचाना चाहिए.

  • हाइजीन बरतने में कमी नहीं करनी चाहिए.

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