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National Doctor's Day 2023: डॉक्टर अपने आप को फिट रखने के लिए क्या करते हैं?

Doctor's Day: हर किसी को काम से ब्रेक लेना बहुत जरुरी होता है. डॉक्टरों को भी ब्रेक लेना चाहिए.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>National Doctor's Day: डॉक्टर व्यस्त और तनावपूर्ण दिनचर्या से कैसे निपटते हैं?</p></div>
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National Doctor's Day: डॉक्टर व्यस्त और तनावपूर्ण दिनचर्या से कैसे निपटते हैं?

(फोटो:iStock)

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National Doctor's Day 2023: हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. ऐसे तो डॉक्टरों का आभार जताने के लिए एक दिन काफी नहीं है यह दिन डॉक्टरों के सम्मान में मनाया जाता है.

अपने आप को फिट रखने के लिए क्या करते हैं डॉक्टर? कार्डियोलॉजिस्‍ट कैसे रखते हैं अपने दिल का ख्याल ? डॉक्टर व्यस्त और तनावपूर्ण दिनचर्या से कैसे निपटते हैं? डॉक्टर अपने स्ट्रेस को कैसे मैनेज करते हैं? आज इस आर्टिकल में फिट हिंदी ने कार्डियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट और न्‍यूट्रिशनिस्‍ट से बात की और जाना उनकी दिनचर्या के बारे में.

अपने आप को फिट रखने के लिए क्या करते हैं डॉक्टर?

हमारे जीवन में रूटीन होना बहुत जरुरी है चाहे वो डॉक्टर हों या किसी भी दूसरे प्रोफेशन में काम करने वाले हों. अपने काम के रूटीन के साथ-साथ हेल्थ का अच्छे से ख्याल रखना बहुत जरुरी है.

"डॉक्टरों की लाइफ में सुबह-शाम ओपीडी, सर्जरी करना, मरीज को देखना ये एक डेली रूटीन है. एक तरह से वो ऐसी ही लाइफस्टाइल में जी रहे हैं. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपनी लाइफ में फिजिकली और मेंटली फिट हैं. उन्हें 10-12 घंटे काम करना होता है, जिसके लिये उनकी फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ का ठीक रहना बहुत जरुरी है."
डॉ. गरिमा साहनी, सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट एंड को-फाउंडर, प्रिस्टीन केयर

डॉ. गरिमा साहनी आगे कहती हैं, "डॉक्टरों को पता है कि उन्हें अपने हेल्थ का ध्यान कैसे रखना है और बहुत सारे डॉक्टर अपने रूटीन में एक्सरसाइज, जिम, योग को शामिल करते हैं. डॉक्टर आज कल मैराथन में भी भाग ले रहे हैं और स्पोर्ट्स के लिए भी समय निकल रहें हैं. फिजिकल एक्टिविटी के साथ-साथ डॉक्टर अपनी डाइट को लेकर भी बहुत सजग हैं".

कार्डियोलॉजिस्‍ट कैसे रखते हैं अपने दिल का ख्याल ?

"ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए कार्डियोलॉजिस्‍ट भी आमतौर पर वैसा ही रूटीन फॉलो करते हैं, जो दूसरे हेल्थकेयर प्रोफेशनल किया करते हैं."
डॉ. निशीथ चंद्रा, प्रिंसीपल डायरेक्‍टर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट, ओखला रोड, नई दिल्‍ली

कार्डियोलॉजिस्‍ट लाइफस्‍टाइल में बदलाव लाने और जरूरत के अनुसार कुछ दवाओं के सेवन की सलाह भी दे सकते हैं. लाइफस्‍टाइल में ये सभी सुधार/बदलाव शामिल हैं:

  • आहार संबंधी बदलाव: हार्ट के लिए सेहतमंद खुराक में सोडियम, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है. इसके लिए आमतौर पर फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और लो-फैट डेयरी प्रोडक्‍ट्स को आहार में शामिल किया जाता है. 

  • नियमित एक्सरसाइज: कार्डियोलॉजिस्‍ट मरीजों को नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों का पालन करने की सलाह देते हैं, इसमें तेज चलना (ब्रिस्‍क वॉक), तैरना या साइक्लिंग शामिल हैं. नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से ब्‍लड प्रेशर में कमी और कार्डियोवास्‍क्‍युलर हेल्थ हेल्थ में सुधार लाने में मदद मिलती है. 

  • वेट मैनेजमेंट: मरीजों को हेल्दी वेट मेंटेन करने और जरूरत के अनुसार वजन कम करने के लिए के लिए प्रोत्साहित करना, अतिरिक्त वजन घटाना जैसे वेट मैनेजमेंट तरीकों से हाई ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिल सकती है. 

  • शराब का सीमित मात्रा में सेवन: मरीजों को कम मात्रा में शराब का सेवन करने या पूरी तरह से इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है. अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. 

  • स्ट्रेस मैनेजमेंट: तनाव कम करने की तकनीकों जैसे रिलैक्सेशन में सहायक व्यायाम, मेडिटेशन की सलाह दी जाती है. स्ट्रेस मैनेज की आदतों का पालन करें क्योंकि तनाव की वजह से ब्लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है.

डॉक्टर व्यस्त और तनावपूर्ण दिनचर्या से कैसे निपटते हैं?

डॉ. गरिमा साहनी ने फिट हिंदी को बताया कि डॉक्टर की लाइफ में स्ट्रेस और व्यस्त रूटीन होना एक नार्मल बात है. उन्हें पता होता है कि उनकी डेली लाइफ में किस तरह का स्ट्रेस और कितना बिजी रूटीन रहता है.

"डॉक्टर अगर अपनी चीजों को प्रायोरिटाइज करते हैं और अपने काम को प्रोफेशनलिज्म के सात डील करते हैं, तो स्ट्रेस वही खत्म हो जाता है. इसके साथ ही वर्क लाइफ बैलेंस बहुत महत्वपूर्ण है. डॉक्टरों के लिए अपने परिवार को समय देना और छुट्टी पर जाना जरुरी है. मुझे लगता है कि डॉक्टर इन सब बातों को फॉलो करके हैप्पी और प्रोडक्टिव लाइफ लीड कर सकते हैं."
डॉ. गरिमा साहनी, सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट एंड को-फाउंडर, प्रिस्टीन केयर

दीप्ति खटूजा फिट हिंदी से कहती हैं कि तनाव और व्यस्त जीवन के दबाव से निपटने के लिए, स्वास्थ्य से भरपूर भोजन का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है. इसलिए बार-बार लेकिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाएं. हेल्दी खाद्य पदार्थ में इन्हें भी शामिल करें जो प्रोटीन और फाइबर से भरपूर स्नैक्स जैसे कि मेवे, फल, सलाद और अंकुरित अनाज के रूप में हो. साथ ही नियमित रूप से हर दिन कम से कम 45 मिनट तक शारीरिक गतिविधियों करें.

"अपने शौक पूरे करने के लिए भी समय निकालें. इसके लिए खाने-पीने पर ध्यान देने के साथ-साथ म्यूजिक सुनना, किताब पढ़ना, बागबानी करना जैसे शौक शामिल होते हैं ताकि बिजी रहने के चलते पैदा होने वाले तनाव को कम करने में मदद मिले और आपकी नींद के पैटर्न बेहतर बनें."
दीप्ति खटूजा, हेड क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट ,फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव

एक्सरसाइज और सही खुराक अच्छी सेहत की कुंजी होते हैं. शारीरिक गतिविधियों का परिणाम सिर्फ वेट मैनेजमेंट ही नहीं होता बल्कि मसल एनाबॉलिज्‍़म भी महत्‍वपूर्ण होता है. इससे लीन मसल मास और मांसपेशियों को ताकतवर बनाने में मदद मिलती है, जो हेल्दी वेट में सहायक होता है. इसके अलावा, तनाव कम करने से भी हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा मिलता है.

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डॉक्टर स्ट्रेस को कम करने के लिए करते ये उपाय

आज की सबसे बड़ी प्रॉब्लम स्ट्रेस है. चाहे वो किसी भी प्रोफेशन में काम करने वाले हो, सबकी लाइफ में स्ट्रेस कॉमन है. डॉक्टरों की लाइफ में भी स्ट्रेस रहता है. अपने परिवार, घर और काम के साथ डॉक्टर की लाइफ में पेशेंट रिलेटेड स्ट्रेस सबसे बड़ा होता है.

डॉक्टर की लाइफ में काम की वजह से सोशल डिसकनेक्ट आ जाता है. डॉक्टरों के लिए यह जरुरी है कि काम के साथ-साथ सोशल कनेक्टिविटी पर भी ध्यान दें.

डॉ. गरिमा साहनी कहती हैं कि जब पेशेंट रिलेटेड कोई भी बात होती है, तो उसका स्ट्रेस अपने आप आता है. इस स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए डॉक्टरों को प्रोफेशनली सोचना चाहिए. डॉक्टरों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे अपने तनाव के स्तर को कैसे मैनेज कर रहे हैं.

हर किसी को काम से ब्रेक लेना बहुत जरुरी होता है. डॉक्टरों को भी ब्रेक लेना चाहिए. काम से ब्रेक लेने से  दिमाग रिफ्रेश हो जाता है और काम, परिवार और अपने ऊपर पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैँ.

डॉक्टरों की लाइफ में पेशेंट से रिलेटेड उतार-चढ़ाव आते रहते हैं इसलिए उनके लिए यह जरुरी ही कि वह अपनी मेंटल वेल्बीइंग के लिए पाजिटिविटी पर फोकस करें और अपने बारें में, अपने पेशेंट्स के बारे में पॉजिटिव सोचें.

डॉक्टर बता रहे दिल को तंदुरुस्त रखने का उपाय

डॉ. निशीथ चंद्रा फिट हिंदी से कहते हैं, "दिल की सेहत की देखभाल युवावस्था से शुरू हो जानी चाहिए क्योंकि हमारी कार्डियोवास्‍क्‍युलर हेल्थ दरअसल, हमारी उन आदतों से काफी प्रभावित होती हैं, जिन्हें हमने अपने जीवन का हिस्सा बनाया होता है".

"अपने दिल की सेहत की देखभाल की शुरुआत कभी भी की जा सकती है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हृदय संबंधी रोग भी बढ़ते हैं इसलिए यह जरूरी है कि आप उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपने दिल की सेहत को प्राथमिकता दें और जांच कराते रहें."
डॉ. निशीथ चंद्रा, प्रिंसीपल डायरेक्‍टर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट, ओखला रोड, नई दिल्‍ली

आमतौर पर नियमित हार्ट चेकअप करवाने और दिल के लिहाज से सेहतमंद लाइफस्‍टाइल का पालन करने की सलाह दी जाती हैं, जिनमें संतुलित भोजन, नियमित एक्सरसाइज, सेहतमंद वजन और दूसरे जोखिम के कारकों जैसे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज का सही मैनेजमेंट शामिल है.

न्‍यूट्रिशनिस्‍ट ऐसे रखतीं अपने हेल्थ का ख्याल

"खुराक संतुलित होनी चाहिए क्योंकि संतुलित भोजन में ही तरह-तरह के खाद्य पदार्थ होते हैं. संतुलित भोजन के सेवन से आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी सभी पोषक तत्‍व पर्याप्‍त मात्रा में मिल जाते हैं."
दीप्ति खटूजा, हेड क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट ,फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव

दीप्ति खटूजा बताती हैं कि स्वस्थ भोजन की थाली कम से कम आधी या पूरी तरह से रंगीन और मौसमी सब्जियों और फलों (जो कि विटामिनों एवं खनिजों के अच्छे स्रोत होते हैं) से भरपूर होती हैं. एक-चौथाई थाली में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ हो सकते हैं, जो मांसपेशियों के निर्माण, नई कोशिकाओं के निर्माण या उनकी मरम्मत में मददगार होते हैं जैसे कि दलहन और दालें, दूध के प्रॉडक्ट्स जैसे पनीर, लीन मीट जैसे चिकन या फिश, सोया और दूसरे प्रोडक्ट.

जबकि बचे हुए एक-चौथाई में अनाज जो कि ऊर्जा के प्रमुख स्रोत होते हैं शामिल होते हैं. साथ ही, एक कटोरी दही भी अलग से लिया जा सकता है.

सब्जियों, फलों और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा सेहतमंद थाली/संतुलित खुराक की कुंजी है.

बार-बार कम मात्रा में भोजन करना यानी 3 बड़े भोजन के साथ बीच-बीच में प्रोटीन और फाइबरयुक्‍त हेल्दी स्नैक्स खाने पर ध्यान देना चाहिए. नियमित रूप से मेडिकल टेस्ट का महत्व आधुनिक दौर में काफी बढ़ रहा है, इसलिए नियमित जांच करवाएं ताकि किसी भी प्रकार के रोग का पता शुरुआती दौर में चल जाए और लोग इलाज की बजाय रोगों से बचाव पर ज्यादा ध्यान दे सकें. इसके लिए खुद पहल करनी होती है ताकि हर तरह के रोगों से बचा जा सके.

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