advertisement
Measles Cases On Rise: मध्य प्रदेश के मैहर जिले के आठ गांवों में खसरे (Measles) से 17 बच्चों के संक्रमित होने और दो की मौत के बाद स्कूल तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं. ये मौतें पिछले सप्ताह 14 और 16 फरवरी को हुईं, जिनमें से एक मृतक की उम्र केवल सात साल थी.
वर्तमान में, संक्रमित बच्चों में से सात अस्पताल में भर्ती हैं और स्वास्थ्य अधिकारी बीमारी के प्रसार को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं.
फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से जाना कि खसरा क्या है? क्यों होता है? कितना खतरनाक है? खसरे से कैसे बचा जा सकता है और होने पर क्या करना चाहिए?
मीजल्स क्या है?
मीजल्स (MeV) एक एक्यूट वायरल रेस्पिरेट्री डिजीज है, जिससे कभी-कभी छोटे बच्चों की जान तक चली जाती है. यह एक संक्रामक बीमारी है.
खसरा यानी मीजल्स संक्रमित व्यक्ति के फेफड़े के बलगम और लार के संपर्क में आने पर यह फैल जाता है. खसरा से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के कारण यह संक्रमण हवा में जल्दी फैल जाता है और दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खसरा पर दिये अपने एक बयान में कहा था कि खसरा विश्व स्तर पर सबसे बड़े खतरों में से एक बन गया है.
यह कितना संक्रामक है?
खसरा एक एयरबोर्न बीमारी है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या बात करने पर सांस की बूंदों से फैलता है. वायरस कई घंटों तक हवा में रह सकता है, जिससे यह भीड़-भाड़ वाली या कम हवादार जगहों पर बहुत अधिक संक्रामक हो जाता है.
पिछले आर्टिकल के लिए फिट से बात करते हुए, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के महामारी विशेषज्ञ, डॉ. गिरिधर बाबू, जिन्होंने पहले राष्ट्रीय खसरा कार्यक्रम में काम किया है, ने कहा था, ''खसरे के रोगी के निकट संपर्क में आने वाले 10 में से 9 अतिसंवेदनशील व्यक्ति में खसरा डेवलोप हो सकता है".
खसरे के लक्षण क्या हैं?
खसरे के लक्षण आम तौर पर संक्रमण के दूसरे हफ्ते में आने शुरू हो जाते हैं. लक्षणों में शामिल हैं:
जुकाम
खांसी
आंखों का लाल होना और जलन
तेज बुखार
लाल, धब्बेदार दाने जो चेहरे पर शुरू होते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं
नाक बहना
शरीर में दर्द
गले में खराश
मुंह के भीतर सफेद धब्बे होना
क्या ये बिना लक्षण वाले (asymptomatic) व्यक्ति से भी फैलता है?
हां, संक्रमित व्यक्ति लक्षण प्रकट होने से पहले ही वायरस फैला सकते हैं, जिससे बीमारी की पहचान करना और उसके प्रसार को रोकना मुश्किल हो जाता है.
खसरे का पता कैसे लगाएं?
इस सवाल पर डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल फिट हिंदी से कहते हैं, "अगर किसी क्षेत्र में खसरा फैला हुआ है, तो उस क्षेत्र के सरकारी कर्मचारी और डॉक्टरों को पहले ही पता होगा. कोई भी बुखार और रैश वाले केस को हम संदेह के घेरे में रखते हैं और सोचते हैं कि इसे मीजल्स है. अगर मरीज को बुखार, खांसी, सर्दी, मुंह के अंदर सफेद दाने और शरीर में लाल, धब्बेदार दाने कान के पास से ले कर शरीर में फैले हों, तो उसे क्लिनिकल डायग्नोसिस कहते हैं"
क्या खसरा गंभीर बीमारी या लंबी हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है?
खसरा, गंभीर रेस्पिरेटरी समस्याओं सहित निमोनिया का कारण बन सकता है, जो इस बीमारी से जुड़ी मौतों का प्रमुख कारण है.
मस्तिष्क की सूजन खसरे की एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलता है, जो लगभग 1,000 मामलों में से 1 में होती है.
संक्रमित सर्वाइवर में भी, खसरे से जुड़े लंबे हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकते हैं, जिनमें विजन लॉस, न्यूरोलॉजी संबंधी समस्याएं और बिगड़ा हुआ इम्यून फंक्शन शामिल हैं.
क्या है खसरे का इलाज?
एक्सपर्ट ने बताया कि मीजल्स यानी खसरा एक वायरल बीमारी है. इसका इलाज एंटीबायोटिक से नहीं किया जा सकता है. इसका इलाज होगा लक्षणों के अनुसार.
अगर बुखार आया है, तो पेरासिटामोल (Paracetamol) दिया जाएगा, अगर पेट खराब है, तो ओआरएस (ORS) का घोल देना होगा, अगर मरीज को निमोनिया हो रहा है, सांसें तेज हो रही हैं, तो ये खतरे की घंटी है. ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.
WHO के अनुसार विटामिन ए (Vitamin A) की खुराक लेने से खसरे के कारण होने वाली मृत्युदर में कमी आयी है लेकिन ये खुराक डॉक्टर की सलाह पर ही लें.
खसरा किसे हो सकता है?
एमएमआर वैक्सीन नहीं लेने वाले बच्चों को खसरे का सबसे अधिक खतरा होता है.
गर्भवती महिलाओं को भी खसरे से संक्रमित होने की आशंका होती है.
किसी भी ऐसे व्यक्ति को खसरा हो सकता है, जिसने इसकी वैक्सीन न ले रखी हो.
इससे कैसे बचें?
खसरा, मंप्स और रूबेला (एमएमआर) टीका अभी भी खसरे को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है.
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (national immunisation programme) के हिस्से के रूप में भारत में रूटीन चाइल्डहुड टीके के रूप में दिया जाने वाला MMR वैक्सीन लंबे समय तक इम्युनिटी देता है और व्यक्तियों और कम्युनिटी को खसरे के प्रकोप से बचाने में मदद करता है.
जिन लोगों ने बचपन में टीके की दोनों खुराक ले रखी है, वो जीवन भर के लिए खसरे से सुरक्षित हो जाते हैं.
बचपन में एमएमआर टीका नहीं लगा हो, तो क्या वयस्क इसे ले सकते हैं?
हां, वयस्कों के लिए भी खसरे का टीका लेना सुरक्षित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार बिना टीकाकरण वाले वयस्कों को 28 दिनों के अंतराल पर टीके की दो खुराक लेनी चाहिए.
इससे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
हाइजीन: हाथों को हमेशा साफ रखें, छींकते और खांसते समय मुंह ढकें और बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
आइसोलेशन: वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्तियों को अलग रखना चाहिए, खासकर हेल्थकेयर सेटिंग्स या बिना टीकाकरण वाले घरों में.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined