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अमेरिका ने गुरुवार, 4 अगस्त को मंकीपॉक्स को एक नेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया.
इसका मतलब है कि अमेरिका उस वायरस के प्रसार के खिलाफ आपातकालीन उपाय शुरू कर सकता है, जिसने अमेरिका में कम से कम 6,600 लोगों को संक्रमित किया है.
दुनिया भर में, मंकीपॉक्स के मामले 26,000 पार कर चुके हैं, जिसमें अब तक 88 देश मामले दर्ज कर चुके हैं. इनमें से 81 देशों में 2022 तक कभी भी मंकीपॉक्स का मामला दर्ज नहीं हुआ था.
23 जुलाई 2022 को, WHO ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न (PHEIC) यानि कि एक ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था.
आपातकाल की घोषणा, जो अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव जेवियर बसेरा ने की थी, सरकार को वैक्सीन के मूल्यांकन, फंड आवंटन, और आउटब्रेक रिस्पांस में मदद के लिए श्रमिकों को काम पर रखने के लिए आपातकालीन फंड में तेजी लाने की अनुमति देती है.
मंकीपॉक्स, जो पश्चिम और मध्य अफ्रीका के सिर्फ सात देशों में स्थानिक है, गैर स्थानिक देशों के उन लोगों में भी फैलने लगा है, जिनके स्थानिक देशों में जाने का कोई इतिहास नहीं है.
जबकि मंकीपॉक्स हवा के माध्यम से नहीं फैलता है, यह त्वचा से त्वचा के निकट संपर्क, संक्रमित कपड़ों/बिस्तर, और असुरक्षित/अस्वच्छ यौन संपर्क या प्रथाओं के माध्यम से फैल सकता है.
विशेषज्ञों ने मंकीपॉक्स को "आत्म-सीमित" बीमारी कहा है, मतलब यह आमतौर पर कुछ हफ्तों में अपने आप ही दूर हो जाता है. लेकिन इस प्रकोप के तेजी से फैलने और रोगियों द्वारा असामान्य लक्षणों के प्रदर्शन के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों ने इसके टीकों को स्टॉक करना शुरू कर दिया है.
कोई विशिष्ट मंकीपॉक्स वैक्सीन मौजूद नहीं है, लेकिन WHO ने वायरस से लड़ने के लिए चेचक के टीकों के उपयोग की सलाह दी है.
वर्तमान में, अमेरिका अपने नागरिकों के टीकाकरण के लिए किये गए रिप्रपोज्ड स्मॉलपॉक्स वैक्सीन जीनिओस का इस्तेमाल कर रहा है. पर अमेरिकी सरकार ने कहा है कि उनके पास फिलहाल सब को लगाने के लिए पर्याप्त स्टॉक नहीं है.
देश के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने टीकों के मौजूदा स्टॉक से अधिक लोगों को टीका लगाने के लिए टीकाकरण के कोर्स को बदलने और टीकों को अलग तरीके से एडमिनिस्टर करने का सुझाव दिया है.
इसके लिए वसा की परत के नीचे लगाने की बजाय त्वचा की परतों के बीच टीका लगाना होगा. इस तरीके से टीके की मौजूद मात्रा के छोटे हिस्से से ही आवश्यकता पूरी हो सकती है.
पिछले महीने भारत में मंकीपॉक्स के दूसरे मामले का पता चलते ही, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सुरक्षा दिशानिर्देश जारी कर दिए थे.
जिन लोगों में मंकीपॉक्स जैसे लक्षणों का संदेह है, उन्हें एक डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, खासकर अगर:
वे ऐसे लोगों के संपर्क में आए हैं, जिन लोगों को मंकीपॉक्स हुआ हो
वे उन क्षेत्रों में रहते हों, जहां मंकीपॉक्स का पता चला है
दिशानिर्देश यात्रा करने वालों को इन बातों से बचने को कहता है:
बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क, खासकर अगर उन्हें त्वचा के घाव हैं
जंगली जानवरों, विशेष रूप से चूहों (rodents) और प्राइमेट्स (primates) के साथ निकट संपर्क
जंगली जानवरों का मांस खाना
बीमार लोगों द्वारा उपयोग की गई दूषित सामग्री के साथ निकट संपर्क
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