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Monkeypox Cases:भारत में मामले बढ़ कर हुए 8,कैलिफोर्निया ने इमरजेंसी की घोषणा की

मंकीपॉक्स का पूरी दुनिया में केसलोड 17,000 को पार कर गया, भारत में आठ कन्फर्म मामले और एक मरीज की मौत.

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भारत में मंकीपॉक्स का आठवां मामला दर्ज किया गया. ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है.

अब तक दिल्ली में 3 और केरल में 5 कन्फर्म्ड मामलों की पुष्टि की गयी है.

साथ ही, मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि के बाद, कैलिफोर्निया इमरजेंसी घोषित करने वाला अमेरिकी का तीसरा राज्य बन गया.

इस बीच, केरल सरकार ने पुष्टि की कि यूएई से लौटने के बाद 30 जुलाई को मरने वाले 22 वर्षीय व्यक्ति ने मंकीपॉक्स के लिए पॉजिटिव टेस्ट किया. यह भारत में मंकीपॉक्स से होने वाली पहली कन्फर्म्ड मौत है.

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राजस्थान ने भी मंकीपॉक्स के अपने पहले सस्पेक्टेड मामले की सूचना दी. एक 20 वर्षीय व्यक्ति, जिसे चकत्ते और बुखार के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

देश में मंकीपॉक्स के मामलों के प्रसार की निगरानी के लिए केंद्र ने सोमवार, 1 अगस्त को एक टास्क फोर्स का गठन किया.

वैश्विक स्तर पर, मंकीपॉक्स केसलोड में वृद्धि जारी है. 70 से अधिक देशों से 17,000 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं. WHO ने 23 जुलाई को चल रहे प्रकोप को वैश्विक इमरजेंसी, यानी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न (PHEIC) घोषित किया.

मंकीपॉक्स, जो पश्चिम और मध्य अफ्रीका में स्थानिक है, 2022 की शुरुआत में ऐसे लोगों में फैलने लगा, जिनका उन क्षेत्रों में यात्रा का कोई पूर्व इतिहास नहीं था.

WHO ने मंकीपॉक्स के टीके को लेकर मौजूद नॉलेज गैप को समझने और दूर करने के लिए मंगलवार, 2 अगस्त को एक बैठक भी बुलाई.
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मंकीपॉक्स एक सेल्फ-लिमिटिंग बीमारी है, जो त्वचा से त्वचा के संपर्क या संक्रमित कपड़े या बिस्तर से संपर्क के माध्यम से फैलती है. रोग के लक्षणों में त्वचा और चेहरे पर चकत्ते, घाव और बुखार शामिल हैं.

WHO के अनुसार, वर्तमान प्रकोप मुख्य रूप से, दूसरे पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में पाया गया है, लेकिन यह सिर्फ उन तक सीमित नहीं है, अन्य लोगों में भी बीमारी पाई गई है. WHO ने कहा है कि कई देशों में महिलाओं और बच्चों में भी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के संकेत देखे गए हैं.

वर्तमान में, मंकीपॉक्स के लिए एकमात्र टीका चेचक का टीका है. हालांकि WHO ने कहा है कि वे इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड लोगों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों को सहायता प्रदान करेंगे, संगठन ने प्रकोप से लड़ने के लिए सामूहिक टीकाकरण के खिलाफ सलाह दी है.

महामारी वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान में भारत के पास मंकीपॉक्स के खिलाफ टीकाकरण के लिए आवश्यक सेकंड और थर्ड-लाइन चेचक के टीके नहीं हैं.

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