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सूरज की तिरछी किरणें मौसम में बदलाव का संकेत दे रही हैं. यह बरसात के मौसम के अंत और सर्दी की शुरुआत की ओर इशारा कर रही हैं. इस मौसम में हम सब दुर्गा पूजा (नवरात्रि), दशहरा और दिवाली का बेसब्री से इंतजार करने लग जाते हैं.
नवरात्रि नौ रातों का पर्व है. यह साल में दो बार आता है. एक बार मार्च में और दूसरा सितंबर/अक्टूबर में. इन नौ दिन हम में से कई 'उपवास' भी करते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार, यह बदलते मौसम का प्रतीक है और इस समय आहार में बदलाव की आवश्यकता होती है. पहले उपवास के समय केवल फल, कंद और विशेष अनाज ही खा सकते थे. ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि पाचन तंत्र और शरीर को आराम मिल सके, और पतझड़ या गर्मी की तैयारी की जा सके.
समय के साथ, हम इन उपवासों को करने का वास्तविक कारण भूल गए. व्यवसायीकरण ने उपवास को एक व्यावसायिक अवसर में बदल दिया. आज यह उपवास से अधिक दावत है, संयम से अधिक भोग है.
स्वस्थ खाद्य उत्पादों को शामिल करके सावधानी से अपने भोजन को प्लान करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा.
सेलिब्रिटी पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर साझा करती हैं कि खाए जाने वाले भोजन में विविधता (variety) होनी चाहिए ताकि हम उन खाद्य पदार्थों को खा सकें, जिन्हें हम आम तौर पर नहीं खाते हैं. यह बायोडायवर्सिटी सुनिश्चित करता है, जिसका वर्तमान में हमारे आहार में अभाव है.
ये सरल टिप्स आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने के साथ-साथ उपवास करने में मदद करेंगे.
सिंघाड़ा (वाटर चेस्टनट), कुट्टू (एक प्रकार का अनाज), राजगिरा (ऐमारैंथ), और समा (बार्नयार्ड बाजरा) के अनाज / आटे को आहार में शामिल करें.
कोलोकेशिया, खीरा, कद्दू और इसके पत्ते, कच्चा पपीता, कच्चा केला, शकरकंद और रतालू खाएं.
ताजे फल और सूखे मेवे आहार में शामिल करें.
तली हुई, शक्कर वाली चीजें और चाय/कॉफी से परहेज करें.
छाछ और नींबू पानी पिएं.
चिप्स, नमकीन और मिठाई खाने से बचें.
खाना पकाने के तरीकों में बदलाव करें. उबले, ग्रिल और भाप से पकाए व्यंजन बनाने की कोशिश करें.
यहां कुछ व्यंजन दिए गए हैं, जिन्हें आपको इस मौसम में आजमाना चाहिए.
अरबी टिक्की
आलू टिक्की का यह एक अच्छा विकल्प है.
सामग्री
250 ग्राम अरबी उबला हुआ
¼ कप राजगिरा आटा
¼ कप सिंघाड़ा आटा
2 कटी हुई हरी मिर्च
½ कप ताजा हरा धनिया बारीक कटा हुआ
छोटा चम्मच भुना जीरा पाउडर
1/2 कप दरदरा मूंगफली पाउडर
स्वादानुसार नमक
अपनी पसंद के अनुसार घी या तेल
बनाने का तरीका
अरबी को मैश कर मूंगफली पाउडर और तेल को छोड़कर सभी सामग्री को मिला लें. नींबू के आकार के या बड़े गोले बना कर चपटा कर लें (टिक्की बना लीजिये). टिक्की को मूंगफली के पाउडर से कोट करें. एक कड़ाही गर्म करें और उसे तेल/घी से ब्रश करें. टिक्की रखें और धीमी से मध्यम आंच पर पकाएं. एक तरफ से पूरी तरह से पक जाने के बाद पलट दें. आवश्यकतानुसार तेल/घी मिलाते रहें. टिक्की गोल्डन ब्राउन होने पर निकाल लें. हरी चटनी के साथ परोसें.
सामग्री
250 ग्राम हरा सिंघाड़ा
2 हरी मिर्च कटी हुई
½ छोटा चम्मच जीरा
¼ छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर
½ छोटा चम्मच पिसा हुआ अदरक
2 टेबल-स्पून ताजा हरा धनिया कटा
नमक स्वादानुसार
बनाने का तरीका
सिंघाड़े को धोकर छील लें और 4 टुकड़ों में काट लें. एक पैन में तेल गरम करें और उसमें जीरा, हरी मिर्च और अदरक डालें. उसमें कटे हुए सिंघाड़े, काली मिर्च पाउडर और नमक डालें. दस मिनट के लिए ढककर पकाएं. थोड़ा मिलाएं और कटा हरा धनिया डालें. ढक कर पकाएं. इसे ऐसे ही या या कुट्टू रोटी के साथ परोसा जा सकता है.
सामग्री
1 कप साबूदाना
2 उबले आलू
¼ कप सिंघारे का आटा
3/4 कप भुनी हुई मूंगफली का पाउडर
3 हरी मिर्च बारीक कटी हुई
3 टेबल-स्पून कटा हरा धनिया
1 टी-स्पून जीरा
½ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
नमक स्वादानुसार
तेल
बनाने का तरीका
साबूदाने को रात भर भिगो दें. उबले आलू को कद्दूकस कर लें. साबूदाने में तेल छोड़ कर सारी सामग्री डालिये और जरूरत पड़ने पर ही पानी मिला कर सख्त आटा गूंथ लीजिये. बटर पेपर पर 4-5 गोले बनाकर मोटे परांठे का आकार दें. एक लोहे का तवा गर्म करें और तेल से ब्रश करें. तवे पर एक पराठा रखें. परांठे में 5 छेद कर लें. छेद में और साइड में थोड़ा सा तेल डालकर पकने दें. दूसरी तरफ पलटें. प्रक्रिया को दोहराएं. दोनों तरफ से सुनहरा होने पर निकाल लें. इसे हरी चटनी के साथ सर्व करें
सामग्री
½ कप राजगिरा का आटा
½ कप गाढ़ा दही
2 हरी मिर्च कटी हुई
¼ छोटी चम्मच मिर्च पाउडर
½ छोटी चम्मच जीरा
3 बड़े चम्मच कटा हरा धनिया
1 छोटा चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक
2 लौंग
1/2 छोटा चम्मच सेंधा नमक
2 छोटी चम्मच घी
बनाने का तरीका
राजगिरा का आटा दही के साथ मिलाएं और कुछ मिनट के लिए व्हिस्क (whisk) कर लें. चिकना पेस्ट बनाने के लिए धीरे-धीरे पानी डालें. फिर मिर्च पाउडर और नमक डालें, अच्छी तरह मिलाएं. लगभग 2.5-3 कप पानी डालें.
एक पैन गर्म करें और घी डालें. जीरा, हरी मिर्च, अदरक और लौंग डालें, इसे चटकने दें. इसमें आटे का मिश्रण डालें. लगातार चलाते हुए उबाल आने तक पकाएं. आंच को धीमा कर दें और इसे 10-12 मिनट तक उबलने दें. कटा हरा धनिया डालकर आंच से उतार लें. सामा चावल के साथ गर्मागर्म परोसें.
आप कच्चे पपीते और कच्चे केले की सब्जी को हरे सिंघाड़े की सब्जी की तरह भी बना सकते हैं. हरी मिर्च और नमक के साथ कद्दू के ताजे पत्तों से बनी हुई सब्जी भी एक अच्छा विकल्प है. धनिया, नारियल और मूंगफली की चटनी और खीरा, कद्दूकस किया हुआ कद्दू और भुनी हुई हरी मिर्च का रायता इसके साथ स्वादिष्ट लगता है.
हंग कर्ड को हरी मिर्च के पेस्ट और भुना जीरा पाउडर के साथ मिलाकर बनाया गया डिप खीरा, उबले आलू और कद्दू के सलाद के साथ खाया जा सकता है.
प्राकृतिक स्वीटनर जैसे कि खजूर, सूखे खजूर का पाउडर या नारियल चीनी का उपयोग चीनी या आर्टिफिशियल स्वीटनर की जगह इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
त्योहार परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने, परंपराओं का पालन करने और यादें बनाने के लिए होते हैं. पर, त्योहारों के दौरान भी एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना महत्वपूर्ण है. विज्ञापनों से प्रभावित होने के बजाय, रिसर्च के आधार पर समझदारी से निर्णय लेना चाहिए.
धार्मिक प्रथाओं को उनके महत्व को खोए बिना ध्यान से पालन किया जाना चाहिए. हमारे संतों ने परंपराओं को वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित किया था, जिन्हें हमें याद रखने और सम्मान करने की आवश्यकता है.
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Published: 27 Sep 2022,09:41 AM IST