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आप बहुत ज्यादा नमक क्यों खाते हैं और आपको इसे फौरन क्यों रोक देना चाहिए

इस सीरीज के भाग 1 और 2 में हमने नमक के इतिहास और इस्तेमाल के बारे में बात की. अब समस्याओं पर बात करेंगे.

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ठहरिये! यह चिप्स खाने के बजाय किनारे रख दें और कुर्सी लेकर बैठ जाएं, क्योंकि हम नमक के बारे में बात कर रहे हैं और आपके पसंदीदा स्नैक्स- चाहे वह नमकीन हो, फ्रेंच फ्राइज हो, या चिप्स- आपकी जान ले सकता है. ब्रेड भी सुरक्षित नहीं है. सूप, मीट और तकरीबन कोई भी प्रोसेस्ड फूड सुरक्षित नहीं हैं.

जी हां, हम बहुत ज्यादा नमक खाने से सेहत को होने वाले खतरे आपके सामने रखने वाले हैं, और बताएंगे कि रोजाना सिर्फ कुछ मिलीग्राम ज्यादा सोडियम आपके हार्ट डिजीज और मौत के जोखिम को बढ़ा सकता है.

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लेकिन, सभी बातें डराने वाली नहीं है, क्योंकि आप यह भी जानेंगे कि अपने खाने में नमक को नियंत्रित कैसे करें और क्यों इस पर नजर रखने की जरूरत है- चाहे आप फैट कम करना चाहते हैं, अपनी कार्डियक हेल्थ में सुधार करना चाहते हैं, या बस लंबी जिंदगी चाहते हैं.

यह नमक पर तीन- किस्तों की सीरीज का अंतिम हिस्सा है. हमने नमक की शुरुआत और मौजूदा समय में इसका किस लिए इस्तेमाल किया जाता है, इस बारे में विस्तार से बात की है.

अब नमक के बारे में कुछ डरावनी हकीकतों से रूबरू होंगे, और जानेंगे कि क्यों बहुत ज्यादा सोडियम मुसीबत को बुलावा है.

अब इससे पहले कि आप बोलें कि आप तो बहुत ज्यादा नमक नहीं खाते हैं, आइए साफ कर दें कि आप ज्यादा खाते हैं. जी हां! आप खाते हैं.

दुनिया भर में नमक खाने को लेकर 2009 में हुई एक स्टडी के मुताबिक अगर आप कैमरून, घाना, समोआ, स्पेन, ताइवान, तंजानिया, युगांडा या वेनेजुएला से नहीं हैं, तो आपके नमक का सेवन सुरक्षित बताए स्तर से बहुत ज्यादा है.

अध्ययन में पता चला कि दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लोग बहुत ज्यादा नमक खाते हैं. लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि कम नमक खाने वाले देशों में भी स्टडी के सटीक तरीकों की कमी की वजह से नतीजे हकीकत को बयान नहीं कर रहे थे.

हकीकत में दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में सबसे कम नमक खाने वाले समूह ऐसी जनजातियां हैं, जिनके न तो खाने में नमक होता न ही उनकी खाने की मेज पर अलग से नमक रखा जाता है. सबसे कम नमक खानेवाले लोग यानोमामो इंडियंस हैं, जो ब्राजील की एक जनजाति है.

दूसरी ओर, चीन के कुछ इलाकों में रोजाना सबसे ज्यादा सोडियम की खपत होती है. यहां खाने में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (Monosodium Glutamate या MSG), टेबल साल्ट या सोया सॉस जैसे दूसरे सॉस का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें एक टेबलस्पून में 1000 मिलीग्राम सोडियम होता है.

सोडियम खपत के इन आंकड़ों की गणना सभी लोगों के मल त्याग के औसत से की गई थी. भारत में नमक की औसत खपत तकरीबन 11 ग्राम है. यह रोजाना 5 ग्राम नमक की तय मात्रा से दोगुना से भी ज्यादा है (WHO के अनुसार).

कितना नमक बहुत ज्यादा है?

तो कितना नमक बहुत ज्यादा कहा जाएगा? क्या एक दिन में 1 छोटा चम्मच नमक बहुत ज्यादा है? या 5 चम्मच?

वह तय सीमा कौन सी है जिसके बाद आपके खाने में नमक जायका देने से आगे बढ़कर आपको हार्ट अटैक (heart attacks) और स्ट्रोक (strokes) दे देता है?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के मुताबिक आसान जवाब है, लगभग 2.4 ग्राम या 2,400 मिलीग्राम सोडियम (sodium) रोजाना. यह करीब एक टीस्पून या 5 ग्राम नमक (salt) के बराबर होता है.

एक टीस्पून टेबल साल्ट का वजन छह ग्राम होता है, जिसमें करीब 2,300 मिलीग्राम या 2.3 ग्राम सोडियम होता है.

इसलिए, अगर आप औसतन एक दिन में एक चम्मच नमक खाते हैं, जो आपके पूरे दिन के लिए नमक का कोटा है, तो आप सोडियम के लिए रोजाना की सुरक्षित खपत सीमा के अंदर होंगे. लेकिन जीवन इतना सरल नहीं है, और सोडियम हमारी डिशेज में कई रूपों में चुपके से घुसा होता है.

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Harvard School of Public Health) की एक स्टडी ने 32 देशों के 10,000 से अधिक वयस्कों पर किए अध्ययन मेंसोडियम की खपत को मापा और 4,000 मिलीग्राम का औसत सोडियम खपत का आंकड़ा मिला. यह स्वीकृत स्तर 2400 मिलीग्राम रोज की खपत से ज्यादा है.

हालांकि, यह संख्या केवल एक औसत है, और स्टडी में पाया गया कि बहुत से लोगों, जैसे कि ब्राजील के यानोमामो लोगों ने एक दिन में 300 मिलीग्राम सोडियमका सेवन किया, जबकि उत्तरी जापान के निवासियों जैसे लोगों ने रोजाना 10,300 मिलीग्राम नमक का सेवन किया.

ब्रेड, सॉस, सेरिएल और किसी भी तरह के प्रोसेस्ड फूड, यहां तक कि जिनमें नमक का टेस्ट नहीं होता है, आमतौर पर उनमें भी सोडियम होता है. कुछ हद तक ऐसा इसलिए है क्योंकि सोडियम फूड्स की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है, और कुछ हद तक यह फूड में जायका बढ़ाता है. इसे सिर्फ साल्ट या बेकिंग सोडा, बेकिंग पाउडर, मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) या डाईसोडियम फॉस्फेट के नाम से पुकारा जा सकता है, लेकिन इन सभी में सोडियम होता है.

एक तरफ जहां आपके फूड में नमक की ज्यादा मात्रा इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाएगी, वहीं ज्यादा मात्रा में नमक खाने से आपकी खुद की शेल्फ लाइफ कम हो जाएगी.

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बहुत ज्यादा नमक से पैदा होने वाली समस्याएं

नमक की मात्रा बहुत ज्यादा किसे कहेंगे, यह एक से दूसरे शख्स में अलग होती है, और अक्सर अलग जातीय समूहों में अलग होती है. लेकिन WHO के अनुसार हार्ट डिजीज से बचने के लिए एक सामान्य सुरक्षित सीमा रोजाना करीब 2-2.4 ग्राम सोडियम है.


बहुत ज्यादा नमक खाने से-

  • ब्लड वेसल सख्त हो जाती हैं

  • हाइपर टेंशन/ हाई ब्लड प्रेशर

  • कार्डियोवस्कुलर डिजीज

  • क्रॉनिक किडनी डिजीज

  • कैंसर

कई स्टडी बताती हैं कि लगातार रोज की तयशुदा मात्रा से ज्यादा मात्रा में नमक खाने से स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है.

इंसानी शरीर होमियोस्टेसिस (homeostasis) और संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है. जब आपके सोडियम के स्तर में भारी बढ़ोत्तरी होती है, तो आपके ब्लड में भी सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है. इससे आपका शरीर सोडियम के स्तर को बैलेंस करने के लिए आपके ब्लड में ज्यादा लिक्विड भेजता है. यही वजह है कि जब आप नमकीन फूड खाते हैं, तो आपको ज्यादा प्यास लगती है.

यह बढ़ा हुआ लिक्विड हाई ब्लड प्रेशर लाता है. यह वह बिंदु है जहां नमक की खपत में बढ़ोत्तरी और ब्लड प्रेशर में बढ़ोत्तरी के बीच संबंध सामने आता है.

अगर आप रोजाना ज्यादा सोडियम खाना जारी रखते हैं, तो लगातार बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर आपकी ब्लड वेसल की दीवारों को सख्त कर देगा. स्टडी से पता चला है कि ज्यादा सोडियम से बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के अलावा ऑर्गन डैमेज हो सकते हैं और हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ सकता है.

लेकिन अगर आपको हार्ट डिजीज या हाइपरटेंशन/हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा नहीं है, तो भी आप कम नमक खाने के फायदे ले सकते हैं. जैसे कि 2003 से2011 तक फूड पॉलिसी में बदलाव के चलते ग्रेट ब्रिटेन में लोग रोजाना औसतन1.4 ग्राम सोडियम कम खाने लगे हैं, और इससे हार्ट से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोकके कुल मामलों में कमी आई है.

और अंत में, ज्यादा मात्रा में सोडियम खाने से किडनी की गंभीर बीमारी भी हो सकती है, और किडनी की पहले से मौजूद बीमारी को बढ़ भी सकती है. आपके फ्ल्यूड बैलेंस को बनाए रखने और पसीने और यूरीन के जरिये फालतू सोडियम को बाहर निकालने के लिए आपकी किडनी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है.

इससे किडनी की बीमारी हो सकती है, जिसका इलाज न करने पर किडनी फेल भी हो सकती है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक किडनी की बीमारी को रोकने के लिए औसत तयशुदा सोडियम सेवन स्तर 4 ग्राम से कम है, और किडनी के मरीजों की सेहत को ठीक रखने के लिए यह लगभग 3 ग्राम है.

लंबी दास्तान को संक्षेप में कहें तो, बहुत ज्यादा नमक कई बीमारियों की वजह बन सकता है, और अपने रोजमर्रा की सोडियम खपत को सुरक्षित सीमा के भीतर रखने से आपकी सेहत को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी.

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