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World Malaria Day 2023: दुनिया भर में हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस यानी कि वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है.
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलने वाले परजीवी के कारण होती है. मलेरिया में तेज बुखार के साथ कंपकपी के लक्षण देखने को मिलते हैं, साथ ही मलेरिया के कारण लिवर और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पर सकता है, जिसे सेरेब्रल मलेरिया कहते हैं. गंभीर मामलों में किडनियां भी प्रभावित हो सकती हैं. आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स से मलेरिया के शुरुआती लक्षण, कारण और बचाव के बारे में.
मलेरिया (Malaria) बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है. जो फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है. इस मादा मच्छर में खास तरह का परजीवी (Parasite) पाया जाता है, जिसे प्लाज्मोडियम वीवेक्स कहते हैं. मलेरिया (Malaria) फैलाने वाली इन मादा मच्छरों में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं.
मलेरिया किसी को भी हो सकता है और कई बार हो सकता है. जिन जगहों पर जल-जमाव होता है, वहां मलेरिया बीमारी बड़ी संख्या में होने की आशंका बनी रहती है. खास कर गर्म और उमस भरा वातावरण मलेरिया के मच्छरों को पनपने में मदद करता है.
डॉ. तुषार कहते हैं कि मलेरिया (Malaria) में ठंड के साथ तेज बुखार आता है. इस तरह के बुखार में एक पैटर्न देखने को मिलता है. 24 घंटे में या 48 घंटे में बुखार देखने को मिलता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जो मलेरिया के जीवाणु होते हैं, वो समय-समय पर रिलीज होते हैं. मरीज के लिवर से ब्लड में और उसके बाद वो ब्लड के सेल्ज को इंफेक्ट करते हुए वहां से एक तरह का टॉक्सिन बनाते हुए निकलते हैं. जिससे कंपन के साथ बुखार आता है.
यह हैं मलेरिया के लक्षण:
तेज बुखार
ठंड लगना
सिरदर्द
बदन दर्द
पसीना आना
मांसपेशियों में दर्द होना
उल्टी होना
जी मचलाना
कमजोरी
फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है और रोगी के शरीर में पहुंचते ही कई गुना बढ़ने लग जाता है. यह जीवाणु लिवर और ब्लड सेल्स को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देता है. सही समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है.
मलेरिया 5 प्रकार का होता है.
प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (P. Falciparum)
सोडियम विवैक्स (P. Vivax)
प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया (P. Ovale)
प्लास्मोडियम मलेरिया (P. malariae)
प्लास्मोडियम नोलेसी ( P. knowlesi)
मलेरिया को केवल एक बुखार की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है.
अगर इसका समय पर इलाज न कराया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. हमारे देश में मलेरिया का उपचार उपलब्ध है और सही चिकित्सा से इसका आसानी से इलाज संभव है.
ये हैं एक्सपर्ट्स के बताए बचाव के उपाय:
लक्षणों का आभास होते ही डॉक्टर से संपर्क करें
मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें
घर में या घर के बाहर पानी जमा न होने दें
बच्चों और बूढ़ों का विशेष रूप से ध्यान रखें
घर से बाहर पार्क में जाते समय मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें
मच्छरदानी में सोएं
घर के दरवाजे और खिड़कियों में मच्छर से बचाने वाली जाली लगाएं
शरीर के खुले हिस्से पर मॉसक्युटो रिप्लेंट लगाएं
घर के आसपास समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें
ऐसी कोई भी चीज जिससे मच्छर पैदा हो सकते हों उसे करने से बचें
बच्चों और बूढ़ों में जटिल और गंभीर मलेरिया (Malaria) होने की आशंका ज्यादा होती है. इसलिए उनमें मलेरिया नौजवानों के मुकाबले ज्यादा घातक साबित होता है.
दोनों विशेषज्ञों ने बताया कि देश में मलेरिया (Malaria) के खिलाफ अभियान चल रहे हैं.
हमें उन जगहों की सफाई करनी चाहिए जहां मच्छर पैदा हो सकते हैं. ऐसी जगहों पर मिट्रटी का तेल या मच्छर मारने की दवाई डालते रहना चाहिए ताकि मच्छर का लार्वा न पनप सके.
डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार, मलेरिया किस प्रकार का है, इलाज उसके हिसाब से किया जाता है. अगर विवैक्स या फालसिपरम है, तो क्लोरोफेन का प्रतिरोध अधिक प्रभावी नहीं होगा. अगर विवैक्स जटिल है, तो हमें अधिक ताकतवर दवाई लेनी होगी.
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