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विंध्याचल मंदिर के एक घायल पुजारी की फोटो को गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर करने से लेकर ये झूठा दावा कि टी20 2021वर्ल्डकप (ICC T20 World Cup) में अफगानिस्तान टीम का खर्च कैप्टन मोहम्मद नबी ने उठाया है. या त्रिपुरा हिंसा से जोड़कर केरल का पुराना वीडियो शेयर करना हो या सेना भर्ती में उम्र संबंधी छूट को लेकर किया गया फेक दावा हो. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इन सभी दावों की पड़ताल कर सच आप तक पहुंचाया. एक जगह एक साथ जानते हैं इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले ऐसे ही फेक दावों का सच.
खून से सने एक घायल पुजारी की तस्वीरें शेयर कर दावा किया गया कि फोटो में दिख रहा शख्स अमित पांडेय है, जो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर में पुजारी है. उस पर मुस्लिम समुदाय (Muslims) के लोगों ने हमला किया.
पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा झूठा है. Times of India के मुताबिक, पुजारी अमित पांडेय ने मंदिर के अंदर एक वीडियो रिकॉर्ड करने को लेकर हुए विवाद में मां विंध्यवासिनी मंदिर के एक दूसरे पुजारी पर हमला किया. जब पुलिस पहुंची तो उसने पुलिस के साथ-साथ खुद पर भी हमला कर दिया.
विंध्याचल थाने के एसओ शैलेश कुमार ने भी हमें बताया कि पुजारी अमित पांडेय का एक दूसरे पुजारी से झगड़ा हो गया था और जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पुजारी ने पुलिस अधिकारी पर भी हमला किया.
मतलब साफ है कि घायल पुजारी की पुरानी फोटो गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर की जा रही है.
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सोशल मीडिया पर टी-20 2021वर्ल्डकप (ICC T20 World Cup) से जुड़ी एक पोस्ट वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान टी20 टीम के कैप्टन मोहम्मद नबी ने अफगान क्रिकेट टीम का खर्च उठाया है, क्योंकि तालिबान (Taliban) ने टीम को स्पॉन्सर करने से मना कर दिया.
हालांकि, हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें कहा गया हो कि नबी वर्ल्डकप के लिए टीम का खर्च उठा रहे हैं. इसके उलट, हमें अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला, जिसके मुताबिक Sediki Grup, ICC T20 विश्व कप 2021 के लिए टीम को स्पॉन्सर करने जा रहा है.
मतलब साफ है कि ये दावा गलत है कि अफगानिस्तान टीम का टी-20 वर्ल्डकप के लिए पूरा खर्च कैप्टन मोहम्मद नबी उठा रहे हैं.
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सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें बुर्का पहने महिलाएं दिख रही हैं. तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पाकिस्तान (Pakistan) के समर्थन में नारे लगाने पर इन छात्रों को डिग्री देने से इनकार कर दिया गया है.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि फोटो को लेकर किया जा रहा दावा झूठा है. वायरल हो रही फोटो कम से कम 2017 या उससे पहले की है. और ये फोटो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की है न की जम्मू-कश्मीर की.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हजारों की भीड़ रोड पर चलती नजर आ रही है. वीडियो में बैकग्राउंड में माइक से बोलते किसी शख्स की आवाज सुनाई दे रही है. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हाल में हुई त्रिपुरा (Tripura) में हिंसा के खिलाफ केरल (Kerala) में प्रदर्शन किया गया.
Zee News के लोगो वाला एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना (Indian Army) ने भर्ती में 2 साल की छूट देने की घोषणा की है.
हमने Zee News के बुलेटिन से इस स्क्रीनशॉट का मिलान किया. हमें टेंपलेट और फॉन्ट संबंधी कई ऐसे अंतर मिले जिससे साबित होता है कि ये स्क्रीनशॉट फेक है.
इसके अलावा हमने 'Join Indian Army' वेबसाइट चेक किया, जिसमें सैनिक (जनरल ड्यूटी) (सभी हथियार) के लिए उम्र का क्राइटेरिया 17.5 साल से 21 साल है. अन्य श्रेणियों के लिए उम्र का क्राइटेरिया यहां देखा जा सकता है.
मतलब साफ है वायरल स्क्रीनशॉट फेक है और सेना ने भर्ती के लिए उम्र संबंधी कोई बदलाव नहीं किया है.
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