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महाराष्ट्र (Maharashtra) में लगभग 2 हफ्ते चली सियासी उथलपुथल के बाद 30 जून को शिवसेना (Shivsena) के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने सीएम पद की शपथ ली. लेकिन इस उथलपुथल के बीच कई भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर किए गए. कभी आदित्य ठाकरे के ट्विटर बायो को लेकर, तो कभी संजय राउत को रोता दिखाते फेक वीडियो को लेकर.
जर्मनी में भारतीयों को संबोधित करने गए पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कह दिया कि भारत के गांव 100% शौच मुक्त हैं. हालांकि, आंकड़े देखने पर पता चला कि पीएम का ये दावा सच नहीं.
गुजरात दंगों में तत्कालीन सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े करने वाली पत्रकार और एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के बाद उनके परदादा को लेकर भी भ्रामक दावा किया गया. दावा किया गया ती तीस्ता सीतलवाड़ के परदादा ने ही जर्नल डायर को क्लीनचिट दी थी.
हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने इन सभी दावों की पड़ताल की और सच आप तक पहुंचाया.
जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे. इसी दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत के सभी गांव पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.
(वीडियो में 27 मिनट 19 सेकंड पर पीएम मोदी को ये दावा करते हुए सुना जा सकता है )
हालिया सरकारी आंकड़ों को सच मानें तो भारत के सभी गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं हुए हैं. ये सच है कि शौचालयों की संख्या बढ़ी है, लेकिन 100% का दावा सच नहीं है.
ओरिजिनल वीडियो Aaj Tak की ओर से लिए गए संजय राउत के इंटरव्यू का है. इस वीडियो में स्नैपचैट का 'क्राइंग' फिल्टर इस्तेमाल कर ये दावा किया जा रहा है कि संजय राउत भावुक हो गए थे.
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सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कश्मीर (Kashmir) में पिछले 70 सालों से लोगों को मुफ्त बिजली मिल रही थी, अब बिजली के मीटर लगाए जा रहे हैं तो उनका विरोध हो रहा है. दावे के साथ एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें कुछ महिलाएं बिजली के मीटरों को सड़क पर फेंकती दिख रही हैं.
हालांकि, हमारी पड़ताल में ये दावा गलत निकला. जम्मू कश्मीर इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट 1997 में ही स्पष्ट लिखा है कि बिजली के लिए ग्राहकों को भुगतान करना होगा. इसके अलावा हमें कश्मीर के एक स्थानीय निवासी ने दिसंबर 2014 का बिजली बिल भी भेजा, जिससे पुष्टि होती है कि 70 सालों से जम्मू-कश्मीर के लोगों को बिजली मुफ्त में नहीं मिल रही थी..
जम्मू और कश्मीर के विधुत अधिकारियों ने भी क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि वहां बिजली मुफ्त दिए जाने का दावा गलत है.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कार में बैठे 2 लोग ''FASTag स्कैम'' को लेकर कुछ बताते दिख रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले एक बच्चा कार की स्क्रीन साफ करता है, तभी ड्राइवर अपने साथी को बताता है कि कैसे बच्चे ने अपनी घड़ी में लगे स्कैनर का इस्तेमाल उसके फास्टटैग अकाउंट से पैसे हड़पने में किया.
FASTag पेमेंट्स को मैनेज करने वाले नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCL), डिजिटल प्लेटफॉर्म Paytm और एथिकल हैकर्स ने वायरल वीडियो में किए जा रहे दावों को फेक बताया है.
इन सभी का मानना है कि वीडियो में जिस तरह से दिखाया गया है, वैसे किसी के FASTag अकाउंट से पैसे चुराना बिल्कुल भी संभव नहीं है.
हमें वो फेसबुक पेज भी मिला जहां से वीडियो पहली बार पोस्ट किया गया था. पेज के एडमिन ने हमें बताया कि वीडियो जागरुकता के लिए बनाया गया था.
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इंटरव्यू में 33 मिनट पर शाह को ये दावा करते हुए सुना जा सकता है.
हालांकि, सरकार की तरफ से जारी आंकड़े ही साबित करते हैं कि अमित शाह का ये दावा सच नहीं है. NCRB के मुताबिक गुजरात में साल 2002 से 2020 के बीच दंगों के 29,000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. वहीं 2002 के बाद अगले पांच सालों में गुजरात में दंगों के 8 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे.
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