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इस हफ्ते के भ्रामक दावों में एक बार फिर इतिहास ने दस्तक दी है. गोवा मुक्ति दिवस पर पीएम मोदी (Narendra Modi) ने ये दावा किया कि गोवा पर जिस समय पुर्तगालियों ने कब्जा किया, उस वक्त भारत का अधिकतर हिस्से पर मुगलों का राज था. हालांकि, असलियत तो ये है कि गोवा में पुर्तगालियों के कब्जे के 10 साल बाद मुगल भारत आए थे.
सोशल मीडिया पर उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव से जुड़ी अफवाहों का सिलसिला शुरू हो चुका है. एक फेक स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया गया कि अगर आज चुनाव हो जाएं तो बीएसपी बहुमत हासिल कर सकती है. एक फेक मैसेज शेयर कर ये भ्रामक दावा भी किया गया कि यूपी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. एक नजर में जानते हैं इन सभी भ्रामक दावों का सच.
गोवा मुक्ति दिवस पर संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ये दावा किया कि जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया उस वक्त भारत के अधिकतर हिस्से पर मुगलों का शासन था. प्रधानमंत्री का ये दावा भाषण में ठीक 9:05 मिनट बाद सुना जा सकता है.
प्रधानमंत्री का ये दावा तथ्यों की कसौटी पर खरा नहीं उतरता. क्योंकि गोवा में पुर्तगाली शासन साल 1510 में शुरू हुआ. जबकि मुगल 1526 में भारत आए. इन दोनों के बीच सीधा-सीधा 16 साल का अंतराल था.
1963 में पब्लिश हुई किताब 'Portuguese Rule in Goa, 1510–1961 के मुताबिक, इतिहासकार आरपी राव लिखते हैं कि 1510 में Afonso de Albuquerque ने गोवा पर साम्राज्य कायम किया था. हालांकि इस दौरान बीजापुर के यूसुफ आदिल शाह की तरफ से काफी प्रतिरोध किया गया था. लेकिन, आखिरकार अफोंसो गोवा पर सत्ता हासिल करने में कामयाब रहा था.
राव ये भी लिखते हैं कि कुछ हिंदू नेताओं ने अल्बुकर्क को गोवा पर शासन करने के लिए आमंत्रित किया था जिससे हिंदू आबादी ''शाह सरकार के उत्पीड़न'' से मुक्त हो सके.
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सोशल मीडिया पर ABP News के नाम पर कई तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. इनके जरिए ये अनुमान पेश किया गया कि अगर आज ही चुनाव हो जाएं तो BSP आगामी यूपी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में 403 में 185 सीटें जीत जाएगी.
दावा किया गया कि ये अनुमान एबीपी न्यूज-नील्सन पोल पर आधारित हैं, जबकि चौथी तस्वीर मे बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी का वो बयान है जिसके मुताबिक मायावती की जीत के बारे में बताया गया है.
वायरल तस्वीरें 2016 के एक शो की हैं. तब यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले ओपिनियन पोल कराया गया था.
स्वामी के बयान वाला एडिटेड वर्जन पहले भी वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि ओपिनियन पोल के मुताबिक, समाजवादी पार्टी 2022 में जीत हासिल कर रही है.
स्वामी के बयान वाला ग्राफिक्स भी पुराना है. उनका ओरिजिनल स्टेटमेंट 2017 के एक शो में पब्लिश हुआ था. इसे एडिट कर अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति ''जो बाइडेन'' का नाम डाल दिया गया है, जबकि इसमें ''डोनाल्ड ट्रंप'' का नाम था.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पहुंचने पर लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की. वायरल वीडियो में मोदी के साथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को भी देखा जा सकता है
हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. वायरल वीडियो मोदी के हालिया वाराणसी दौर का ही है, लेकिन इसमें लोग पीएम मोदी के विरोध में नहीं बल्कि समर्थन में नारे लगा रहे हैं.
वीडियो वेरिफिकेशन टूल इनविड की मदद से हमने वीडियो को कई की-फ्रेम्स में बांटा और इन फ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया. हमें 'Know Your Nation' ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया यही वीडियो मिला, लेकिन इस ट्वीट में वीडियो ज्यादा बेहतर क्वालिटी में था.
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग पीएम के समर्थन में नारे लगा रहे हैं न की विरोध में. इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स से भी ये पुष्टि हुई की लोगों ने इस दौरान मोदी के समर्थन में नारे लगाए थे.
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) नजदीक हैं. ऐसे में यूपी से जुड़े कई दावे सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हो गए हैं. एक टेक्स्ट शेयर कर ऐसा ही दावा किया जा रहा है कि यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है.
ये दावा झूठा है. इलेक्शन कमीशन ने अभी यूपी विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं की है. हमने Election Commission of India और यूपी इलेक्शन कमीशन दोनों वेबसाइट पर चेक किया. लेकिन, हमें उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों से संबंधित कोई घोषणा नहीं मिली.
उत्तरप्रदेश राज्य निर्वाचऩ आयोग ने भी क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि अब तक यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज फेक है.
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ लोग एक महिला को बेरहमी से सड़क पर घसीटते दिख रहे हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान (Pakistan) में हिंदू महिला के साथ हुई बदसुलूकी का बताकर शेयर किया जा रहा है. न्यूज चैनलों ने भी इस वीडियो को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हुए हमले का बताकर शेयर किया.
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से वीडियो को पाकिस्तान में हुई हिंदू महिला के साथ बदसुलूकी का बताकर शेयर किया. इसके अलावा अश्विनी उपाध्याय ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से वीडियो को हिंदू-मुस्लिम एंगल देकर शेयर किया.
टाइम्स नाऊ के बुलेटिन में भी मामले को पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का बताकर शेयर किया गया. बुलेटिन पढ़ रहे एंकर को ये कहते सुना जा सकता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हुए इन हमलों के बाद उन लोगों को जवाब देना चाहिए जो ''बातचीत'' की पैरवी करते हैं.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि वीडियो में दिख रही घटना कोई सांप्रदायिक मामला नहीं है. पीड़ित महिला को बेरहमी से पीटते आरोपी उसके परिवार के ही सदस्य हैं, जिनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
वायरल वीडियो के विजुअल्स को की-फ्रेम में बांटकर गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल Pakistan Daily की 20 दिसंबर, 2021 की रिपोर्ट में भी हमें मिले
इस रिपोर्ट के मुताबिक, तलाक के लिए अदालत पहुंची एक महिला को अदालत से लौटते वक्त कुछ पुरुषों ने बेरहमी से सड़क पर घसीटा.
हीरचंद भील की 40 वर्षीय पत्नि तेजहन पति से झगड़े के बाद तलाक के लिए कोर्ट पहुंची थीं. लौटते वक्त 8 लोगों ने तेजहन को सड़क पर घसीटा और उसे किडनैप करने की कोशिश की. तभी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला को बचाया.
रिपोर्ट के मुताबिक, मामले में गिरफ्तार हेमो भील के अलावा सात अन्य आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है. ये आरोपी हैं पीड़िता का पति हीरचंज, हेमो, पहलाज, सोमजी, घमन, तोगो भील और जयपाल ठाकुर.
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