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पाकिस्तान, रूस और ईरान.. धार्मिक भावना आहत करने पर इन देशों में क्या सजा?

बेअदबी पर बाकी दुनिया में कैसे कानून हैं ?

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पिछले दिनों अमृतसर (Amritsar) के स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने के प्रयास (बेअदबी) में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई. इसके एक दिन बाद पंजाब के कपूरथला जिले में सिख ध्वज का अनादर करने के लिए एक अन्य व्यक्ति को लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला. जाहिर है ये गैर न्यायिक हत्याएं हैं. देश में बेअदबी के लिए सेक्शन 295 और 295A के तहत तीन साल तक की सजा दी जाती है. पंजाब ने एक बिल पास कर केंद्र को भेजा है जिसमें उम्रकैद देने की बात है. ये तो हुई भारत की बात लेकिन बेअदबी पर बाकी दुनिया में कैसे कानून हैं आइए जानते हैं.

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2017 में USCIRF (United States Commission On International Religious Freedom) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 195 देशों में से 71 देशों में ईशनिंदा कानून है. इन देशों में ईशनिंदा कानूनों का उल्लंघन करने पर जुर्माना से लेकर जेल और मौत तक की सजा हो सकती है.

पाकिस्तान (Pakistan)

धर्म से संबंध रखने वाले मामलों को सबसे पहले ब्रिटिश सरकार के दौरान 1860 में पीनल कोड में शामिल किया गया था, जिसमें वर्ष 1927 के दौरान विस्तार किया गया.

1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा होने के बाद पाकिस्तान ने इस कानून को अपना लिया. जियाउल हक की सरकार में इसमें और भी धाराएं शामिल की गईं.

साल 1980 में शामिल की गई एक धारा में कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहता है तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है.

इसके बाद 1982 में एक और धारा शामिल की गई, जिसमें कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति कुरआन को अपवित्र करता है तो उसे उम्रकैद की सजा दी जाएगी.

कुछ सालों बाद 1986 में शामिल की गई धारा में पैगम्बर मोहम्मद साहब के खिलाफ ईशनिंदा करने पर उम्रकैद या मौत की सजा देने का नियम बनाया गया.

बांग्लादेश (Bangladesh)

बांग्लादेश के संविधान में यह प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी धर्म का अपमान करने के इरादे से किसी धार्मिक स्थान को चोट पहुंचाता है या अपवित्र करता है तो यह बेअदबी माना जाएगा, जिसमें पीनल कोड की धारा 14 के अंतर्गत आरोपी को जुर्माना या दो साल तक के लिए जेल की सजा हो सकती है.

रूस (Russia)

रूस के संविधान में शामिल किए गए ईशनिंदा कानून में यह प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति धार्मिक संगठनों के क्रियाकलापों या धार्मिक संस्कारों में बाधा पहुंचाता है तो उस पर 80 हजार तक की धनराशि का जुर्माना लगाया जाएगा या तीन महीने की जेल की सजा होगी.

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ईरान (Iran)

इस्लामिक राष्ट्र ईरान के संविधान के पीनल कोड की धारा 40 में ईशनिंदा से संबंधित कानून का उल्लेख किया गया है. इसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति मजहबी हिंसा करता है, इस्लाम की पवित्रता या इमाम को अपमानित करता है तो आरोपी को एक से लेकर पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है.

इसके अलावा ईरान के संविधान में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई ऐसा अपराध करता है जो पैगंबर मुंहम्मद साहब का अपमान करने के बराबर माना जाता है तो उसे मौत की सजा सुनाई जा सकती है.

मिस्र (Egypt)

मिस्र के संविधान में ईशनिंदा करने वालों पर जेल की सजा का प्रावधान किया गया है. साल 2014 में हुए अरब स्प्रिंग (सरकार विरोधी प्रदर्शनों) के बाद ईशनिंदा कानून में कुछ संशोधन किया गया, जिसके बाद देश में इस्लाम को राष्ट्रीय धर्म का दर्जा दिया गया और अन्य धर्मों को वैधता दी गई.

मिस्र के पीनल कोड की धारा-98F के तहत ईशनिंदा कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए कम से कम छह महीनों और अधिकतम पांच साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
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सऊदी अरब (Saudi Arabia)

इस्लामिक राष्ट्र सऊदी अरब में इस्लाम का शरिया कानून लागू है. सऊदी अरब के कानून के तहत ईशनिंदा करने वाले व्यक्ति को धर्म (मुर्तद) न मानने वाला घोषित कर दिया जाता है और मौत की सजा दी जाती है.

जर्मनी (Germany)

जर्मनी में लागू नियमों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति धार्मिक आस्था और धार्मिक संगठनों को अपमानित करने का काम करता है तो इसको ईशनिंदा माना जाएगा.

संविधान के क्रिमिनल कोड की धारा-166 के तहत ईशनिंदा करने वाले व्यक्ति पर जुर्माना या तीन साल के जेल की सजा हो सकती है.

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