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मंदिर में जूते पहनकर गए अखिलेश,नल के पानी से कोरोना- इस हफ्ते के वायरल झूठ

कोरोनावायरस को लेकर इस हफ्ते फिर झूठे दावों ने सिर उठाया, उत्तरप्रदेश चुनावों को लेकर भी फेक न्यूूज का सिलसिला जारी

टीम वेबकूफ
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<div class="paragraphs"><p>इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए भ्रामक दावे</p></div>
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इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए भ्रामक दावे

फोटो : Altered by Quint

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उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव और कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर फैल रही अफवाहों का सिलसिला जारी है. इसी बीच पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले से जोड़कर भी कई भ्रामक दावे इस हफ्ते किए गए.

कहीं ये दावा किया गया है कि सिखों को सेना से हटाने के लिए कैबिनेट मीटिंग हो रही है, तो कहीं वीडियो शेयर कर ये झूठ फैलाया गया कि नल के पानी में कोरोनावायरस हो सकता है. क्विंट की वेबकूफ टीम ने ऐसी कई अफवाहों का सच आप तक पहुंचाया. ऐक नजर में जानिए इन सभी का सच

1. 'सिखों को सेना से हटाने' के लिए हुई कैबिनेट मीटिंग?

30 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, विदेशमंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की अध्यक्षता करते दिख रहे हैं. दावा किया गया कि ''सिखों को सेना से हटाने'' के लिए ये मीटिंग की गई है.

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सोर्स : स्क्रीनशॉट/

हमने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो पूरी तरह असली नहीं है, इसके साथ छेड़छाड़ की गई है. एक अलग ऑडियो को दिल्ली में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की मीटिंग की अध्यक्षता करते प्रधानमंत्री के वीडियो में जोड़ा गया है.

कई न्यूज चैनलों ने भी इस वीडियो को चलाया था, लेकिन ऐसा कोई ऑडियो उनमें नहीं सुना जा सकता है जो वायरल वीडियो में सुनाई दे रहा है.

जिस ऑडियो में एक शख्स को भारतीय सेना में सिखों के खिलाफ बोलते सुना जा सकता है, वो कथित तौर पर क्लबहाउस में हुई एक बातचीत का है.

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2. राजीव गांधी के सुरक्षा बल ने कर दी थी भिखारी की हत्या?

राजघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का 2 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि राजीव गांधी जब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की समाधि पर गए थे, तब उनकी सुरक्षा में लगी एसपीजी ने एक शख्स को गोलियों से भून दिया था, बाद में पता चला था कि वो

फेसबुक पर वीडियो इसी दावे से वायरल है

सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि AP के वीडियो के साथ शेयर की जा रही कहानी पूरी तरह मनगढ़ंत है. वीडियो राजीव गांधी पर 2 अक्टूबर, 1986 को हुए जानलेवा हमले के वक्त का है. इस घटना में 6 लोग घायल हुए थे, लेकिन किसी की भी मौत नहीं हुई थी.

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3. नल के पानी से फैलता है कोरोनावायरस?

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में नल के पानी का कोरोना टेस्ट होता दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि नल के इस पानी में कोरोनावायरस (Coronavirus) है. कई यूजर्स का ये भी दावा है कि कोरोना की होम टेस्टिंग किट में कुछ खराबी है, जिस वजह से रिजल्ट पॉजिटिव आया.

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फोटो : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये दोनों ही दावे भ्रामक हैं. वीडियो में कोरोना टेस्टिंग किट का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं किया गया. स्टडीज में सामने आया कि इस तरह से टेस्ट करने पर सिर्फ पानी ही नहीं, सॉफ्ट ड्रिंक, कोक, अल्कोहल और फल जैसे पदार्थ भी कोरोना पॉजिटिव लग सकते हैं.

इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोनावायरस पीने के पानी या घर में इस्तेमाल होने वाले पानी में नहीं रह सकता. क्योंकि इस पानी में ऐसे तत्व मौजूद रहते हैं जो वायरस, बैक्टीरिया आदि से पानी को बचाएं.
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4. संबित पात्रा ने BJP कार्यकाल में बदहाल स्कूलों की तस्वीरों को SP सरकार का बताया

आगामी 2022 उत्तर प्रदेश चुनावों (UP Elections) से पहले, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राज्य में स्कूलों की स्थिति की तुलना करने के लिए 2017 (यूपी चुनाव) से पहले और बाद की दो फोटो कोलाज शेयर किए.

पहला फोटो कोलाज 2017 से पहले का बताया गया है, जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी. ये फोटो कोलाज स्कूलों की बदतर स्थिति दिखाता है. वहीं दूसरी कोलाज 2017 के बाद का यानी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के दौरान का बताया जा रहा है. दूसरे कोलाज में स्टूडेंट्स एस्ट्रोनॉमी की वर्कशॉप करते नजर आ रहे हैं.

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(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

हमारी पड़ताल में सामने आया कि पहले कोलाज में इस्तेमाल की गई तीनों तस्वीरें, जिन्हें समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान यानी 2017 से पहले का बताया जा रहा है वो योगी आदित्यनाथ के शासन के दौरान की ही हैं. फोटो में दिखाए गए सभी स्कूल यूपी के अलग-अलग जिलों के हैं जिन्हें या तो बंद या बाढ़ प्रभावित दिखाया गया है.

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5. परशुराम मंदिर में जूते पहनकर पहुंचे अखिलेश यादव?

एक फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव जूते पहनकर पूजा में शामिल हुए.

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सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

हालांकि हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये दावा गलत है. फोटो जिस कार्यक्रम की है, उसका पूरा वीडियो हमने देखा. वीडियो में देखा जा सकता है कि पूजा स्थल पर जाने से पहले अखिलेश ने अपने जूते उतारे थे.

सपा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर हमें परशुराम मंदिर के उद्घाटन की लाइव स्ट्रीमिंग का वीडियो मिला. वीडियो में 6:00 मिनट के बाद अखिलेश को बस से उतरकर मंदिर की तरफ जाते देखा जा सकता है.

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(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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