advertisement
लाहौर से करीब साढ़े तीन घंटे का सफर तय करने के बाद मैं करतारपुर साहब गुरुद्वारा पहुंचा, तो सफेद मार्बल से बना वो गुरुद्वारा तेज सूरज की धूप में दुधिया रोशनी बिखेर रहा था. हर तरफ चहल-पहल नजर आ रही थी. गेट पर सिक्योरिटी गार्ड्स का पहरा और चेकिंग के बाद अंदर आते श्रद्धालुओं के जत्थे.
दरअसल मैं करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन समारोह कवर करने भारत से पाकिस्तान गए पत्रकारों के एक समूह की नुमाइंदगी कर रहा था. करीब दो घंटे पहले अयोध्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका था. हम तमाम लोग नेटवर्क क्षेत्र से बाहर थे, लेकिन हम जानते थे कि भारत में अयोध्या ही इस वक्त सबसे बड़ी खबर है. लिहाजा सब लोगों का उत्साह करतारपुर कवरेज को लेकर ढीला हो चुका था.
50 साल से पेरिस (फ्रांस) में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस चला रहे शिंगार सिंह मान ने डेढ़ महीना पहले ‘जर्नी फॉर करतारपुर’ की शुरुआत की थी. कनाडा से इंग्लैंड और यूरोप घूमते हुए 21,000 किमी का सफर तय करके पाकिस्तान पहुंचे मान कहते हैं :
अमेरिका के कैलिफोर्निया में नौकरी करने वाली मीनू कोचर कहती हैं :
सुनिए पॉडकास्ट - करतारपुर कॉरिडोर बनेगा भारत-पाक के बीच अच्छे रिश्तों का ‘पुल’?
न्यूयॉर्क से करतारपुर दर्शन के लिए आईं हरदीप कौर भट्टी कहती हैं:
कैलिफोर्निया में डॉक्टरेट कर रहे अमरजोतपाल सिंह संधू तो करतारपुर दर्शन को अपने संस्कारों से जोड़ देते हैं :
केलिफोर्निया से अपने परिवार के साथ आईं हरविंदरपाल कौर संधू कहती हैं :
साल 1990 में भारत के पंजाब से कनाडा के वैंकूवर में जाकर बस गए बहादुर सिंह मान वहां कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं. कनाडा से सीधे लाहौर और वहां से करतारपुर साहब पहुंचने के बाद वो कहते हैं:
पंजाब के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहब गुरुद्वारे की सिख और बाकी तमाम समुदायों में खास अहमियत है. सिखों के प्रथम गुरु नानकदेव जी ने अपनी जिंदगी के आखिरी करीब 18 साल यहीं बिताए थे. भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने लंबे इंतजार के बाद 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया और 10 नवंबर से श्रद्धालु इस सड़क के रास्ते करतारपुर साहब आने के लिए इस गलियारे का इस्तेमाल कर सकेंगे.
हालांकि 9 नवंबर को उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर का राग छेड़कर करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे को भटकाने की कोशिश की, लेकिन यहां पहुंचे लोगों को लगता है कि श्रद्धालुओं के लिए बॉर्डर का खुलना अच्छी शुरुआत है और इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दूर होने में मदद मिलेगी.
देखें वीडियो- करतारपुर कॉरिडोर : कल, आज और कल..पूरी कहानी
इस बारे में शिंगार सिंह मान कहते हैं:
मीनू कोचर को लगता है कि सौ फीसदी तनाव भले ही कम न हो, लेकिन यहां से शुरुआत तो हो ही सकती है.
हरदीप कौर भट्टी की उम्मीदें ज्यादा पक्की हैं:
युवा अमरजोत कहते हैं:
लोगों की इन उम्मीदों के बीच हरविंदरपाल कौर संधू की दोनों देशों के सियासतदानों और लोगों से एक बड़ी मासूम सी अपील है:
काश! दोनों देशों के सियासतदान इस अपील को सुनकर उस पर अमल कर पाएं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 10 Nov 2019,07:54 AM IST